Table of Contents
मैं लोकेंद्र पाठक पिछले 16 वर्षों से भी अधिक समय से ज्योतिष के क्षेत्र में कार्यरत हूँ , मैंने आज तक अनेक लोगों को ज्योतिषीय मार्गदर्शन दिया है और जिन लोगों ने मुझे ज्योतिषीय सलाह ली है यानि अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाया है या वास्तु सलाह ली है तो उसके बाद उन्होंने यह स्वयं माना है कि आप विज्ञान पर आधारित ज्योतिष कर रहे है , हमे आपकी ज्योतिषीय सलाह से सही मार्गदर्शन मिला है ।
मेरा ये मानना है कि किसी भी व्यक्ति की कुंडली मे मात्र लग्न कुंडली देखकर , 5 या 10 मिनट फलित नहीं करना चाहिए क्योंकि एक कुंडली मे अनेक कुंडली होती हैं जैसे D1 , D2 …. D10… D60 ।
आज के समय में ज्योतिष के क्षेत्र में अनेक आडंबर फैला हुआ है , ऐसे में मुझे लोगों को ज्योतिष के माध्यम से उनकी कुंडली में विभिन्न ग्रहों को देखते हुए उनका मार्गदर्शन करना अच्छा लगता है।
आप मेरे से ऑनलाइन यानि फोन के माध्यम से या ऑफलाइन यानि व्यक्तिगत रूप से मिलकर ज्योतिषीय परामर्श ले सकते हैं …
जिसमे आप जानेंगे लग्न कुंडली के साथ साथ D4 , D7 , D9 और D10 चार्ट की संपूर्ण जानकारी जिससे आपको मिलेगी अपने व्यक्तित्व के साथ साथ वाहन , आवास , विवाह , भाग्य और कार्यक्षेत्र की विस्तृत जानकारी
अनेक बार हमारी निजी समस्या या संबंध होते है जिनकी जिसका हल मिलन कठिन होता है और हमारी निजता सार्वजनिक होने की संभावना रहती है ,हम आपकी निजता का सम्मान और उसको सुरक्षित रखते हैं
सभी विवाह मुहूर्त सभी लोगों के लिए सही नहीं होते है क्योंकि सभी के ग्रह अलग अलग स्थान पर बैठे होते है , हम बताएंगे आपका विवाह मुहूर्त आपकी कुंडली के अनुसार ,
विवाह मात्र गुणों का मिलान भर नही है , अनेक बार ये देखा गया है कि 30 या 30 से अधिक गुण मिलने पर भी विवाह सुखदायक नही रह पाटा है जबकि मात्र 18 गुण मिलने पर भी विवाह अत्यधिक सफल होते हैं
मांगलिक दोष पूजन और निवारण
पितृ दोष पूजन और निवारण
कालसर्प दोष पूजन और निवारण
कालसर्प दोष पूजन और निवारण
रुद्राभिषेक पूजा के अनेक लाभ है, इस पूजन के बाद व्यक्ति को डिप्रेशन ( मानसिक अवसाद ), अनिद्रा , ग्रह कलेश , धन और सम्मान की कमी जैसी स्थितियों से मुक्ति मिलती है , जीवन मे प्रसन्नता आती है ।
कुंडली में कभी कोई विशेष ग्रह कुपित होता है जिससे वो जिस भाव का स्वामी होता है या जिस भाव को देख रहा होता है , उस भाव से जुड़े फल नही मिलते हैं या न्यून हो जाते हैं , ऐसी स्थिति में उस ग्रह विशेष कि पूजा और / या जाप से ही लाभ मिलता है ।