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तीर्थ-Tirth/Pilgrimage

बद्रीनाथ धाम-प्रभु विष्णु  का दूसरा निवास स्थान How to reach badrinath dham 1 of the char dham yatra-Complete & Easy Guide

बद्रीनाथ धाम-प्रभु विष्णु  का दूसरा निवास स्थान How to reach badrinath dham 1 of the char dham yatra-Complete & Easy Guide

उत्तर भारत के तीर्थ, चार धाम Char dhaam, छोटा चार धाम Chota char dham, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage
बद्रीनाथ धाम-प्रभु विष्णु का दूसरा निवास स्थान How to reach badrinath dham 1 of the char dham yatra-Complete & Easy Guide badrinath dham-char dham : बद्रीनाथ धाम उत्तराखण्ड राज्य के चमोली जनपद में अलकनन्दा नदी के तट पर स्थित है जो बैकुंठ के बाद प्रभु विष्णु  का दूसरा निवास स्थान है | बद्रीनाथ धाम (badrinath dham )  में भगवान विष्णु की शालिग्राम से बनी हुई लगभग 3.3 मीटर स्थापित है और कहा जाता है की इस मूर्ती को आदि शंकराचार्य ने नारद कुंड से निकालकर यहाँ स्थापित किया था और ये भी कहा जाता है की भगवान् विष्णु की ये मूर्ती स्वंम प्रकट हुई थी और ये किसी मानव के द्वारा निर्मित मूर्ती नही है | बद्रीनाथ तीर्थ के महत्व और प्रसिद्धि के कारण ही यहाँ का पूरा क्षेत्र ही बद्रीनाथ धाम (char dham )  कहलाता है , साथ ही ये भी कहा जाता है कि यहाँ कभी बद्री (बेर) के वृक्षों के के घने ...
द्वारिकाधीश मंदिर (dwarikadheesh temple) A 2 Z Complete & Easy Guide

द्वारिकाधीश मंदिर (dwarikadheesh temple) A 2 Z Complete & Easy Guide

चार धाम Char dhaam, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage, पश्चिम भारत के तीर्थ
द्वारिकाधीश मंदिर(dwarikadheesh temple) A 2 Z Complete & Easy Guide द्वारिकाधीश मंदिर (dwarikadheesh temple) गुजरात के जामनगर जनपद में गोमती नदी जिसे गोदावरी के नाम से भी जाना जाता है के तट पर स्थित है और ये वो प्रभु श्री कृष्णा की नगरी द्वारका है जिसके विषय में कहा जाता है कि इसे देवताओं ने एक ही रात में बना दिया था | हिन्दू धर्म के अनुसार द्वारिकाधीश मंदिर का निर्माण भगवान श्री कृष्ण के पोते वज्रभ ने करवाया था जिसको कालांतर में पुनःस्थापित आदि शंकराचार्य ने किया| गुजरात के अहमदाबाद से लगभग 380 किलोमीटर की दूर स्थित है द्वारका । इस नगरी का निर्माण प्रभु श्री कृष्णा ने मथुरा छोड़ने पर किया था और अपने सभी बंधू बान्धव के साथ यहाँ निवास किया था |ये वही द्वारका है जिसे द्वारकापुरी ,जगत मंदिर और त्रिलोक मंदिर के नाम से भी जाना जाता है और ये प्रभु कृष्णा की सप्तपुरियों में से एक है । ...
ghushmeshwar jyotirlinga-घृष्णेश्वर मन्दिर महराष्ट्र-संतान देने वाले ज्योतिर्लिंग

ghushmeshwar jyotirlinga-घृष्णेश्वर मन्दिर महराष्ट्र-संतान देने वाले ज्योतिर्लिंग

12 jyotirlinga, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage, पश्चिम भारत के तीर्थ
ghushmeshwar jyotirlinga - घृष्णेश्वर मन्दिर महराष्ट्र-संतान देने वाले ज्योतिर्लिंग (ghushmeshwar jyotirlinga kaha hai) ghushmeshwar jyotirlinga : महाराष्ट्र के औरंगाबाद से लगभग 28- कि.मी. की दूरी  पर ,दौलताबाद  निकट वेरुल नामक गांव में बारह  ज्योतिर्लिंगों  में से अंतिम ज्योतिर्लिंग घृष्‍णेश्‍वर महादेव विराजित है | अनेक लोग इन्हें घुश्मेश्वर, घुसृणेश्वर या घृष्णेश्वर के नाम से भी जानते हैं। शिवपुराण में भी घुश्मेश्वर महादेव का वर्णन मिलता है,ऐसा देखा गया है की जिन दम्पतियों को अनेक स्थानों पर उपचार कराने के बाद और अनेक वर्षों के बाद भी जब संतान नही होती है , तो प्रभु घुश्मेश्वर ghushmeshwar jyotirlinga के पूजन से और प्रभु की कृपा से उनको भी संतान प्राप्त हो जाती है | image source : Pinterest  प्रभु घुश्मेश्वर के दर्शन करने उनको भक्त पुरे वर्ष ही भारी संख्या में यहाँ...
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंग मे दूसरे स्थान पर आते है mallikarjuna jyotirlinga a 2 z complete tour guide

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंग मे दूसरे स्थान पर आते है mallikarjuna jyotirlinga a 2 z complete tour guide

12 jyotirlinga, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage, दक्षिण भारत के तीर्थस्थल
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंग मे दूसरे स्थान पर आते है mallikarjuna jyotirlinga a 2 z complete tour guide (mallikarjuna jyotirlinga in hindi) mallikarjuna jyotirlinga : मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंग मे दूसरे स्थान पर आते हैं और आंद्रप्रदेश के कृष्णा जिले में कृष्णा नदी के तट पर श्री शैल पर्वत srisailam पर विराजित है,  प्रभु मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग (mallikarjuna jyotirlinga ) को दक्षिण का कैलाश माना जाता है  |(मल्लिकार्जुन मंदिर कहां पर है) प्रभु मल्लिकार्जुन श्री शैल पर्वत srisailam पर कब से विराजित है ये किसी को ज्ञात नही है लेकिन इनकी प्राचीनता का पता इस बात से ही चल जाता है कि हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ स्कंद पुराण में  श्री शैल काण्ड नाम का अध्याय है ,जिसमे  प्रभु मल्लिकार्जुन मंदिर का वर्णन है। हिन्दू धर्म में अति पूजनिये 12 ज्योतिर्लिंगों में से प्रभु मल्...
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग-शिव कैसे बने बैल की पीठ Kedarnath temple-Kedarnath jyotirlinga A 2 Z complete & easy tour guide

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग-शिव कैसे बने बैल की पीठ Kedarnath temple-Kedarnath jyotirlinga A 2 Z complete & easy tour guide

12 jyotirlinga, उत्तर भारत के तीर्थ, छोटा चार धाम Chota char dham, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग Kedarnath temple-Kedarnath jyotirlinga A 2 Z Complete & Easy Guide Kedarnath temple-Kedarnath jyotirlinga : उत्तराखंड राज्य के रूद्रप्रयाग जिले में हिमालय पर्वत श्रृखला केदार नामक पर्वत पर  समुद्रतल से लगभग 3584 मीटर की ऊंचाई पर  विराजित है प्रभु केदारनाथ ज्योतिर्लिंग ( kedarnath jyotirling) | हिन्दू धर्म के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक और चारों धाम में से एक धाम है केदारनाथ मन्दिर  (kedarnath temple) और साथ ही साथ पंच केदार में से भी एक है केदारनाथ मन्दिर  (kedarnath temple)  | केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के एक ओर लगभग 22 हजार फुट ऊँचाई पर केदार पर्वत , दूसरी ओर 21 हजार 600 फुट ऊँचाई पर खर्चकुंड और तीसरी ओर लगभग 22 हजार 700 फुट ऊँचाई पर भरतकुंड स्थित है । इसके साथ ही यहाँ पांच पवित्र नदियाँ स्थित है जिनका नाम है क्षीरगंगा, मधुगंगा, सरस्वती,स्वर्णगौरी,  और अलकन...
trimbakeshwar jyotirling mandir ब्रह्मा, विष्‍णु, महेश 3 देवताओं का सयुंक्त रूप है त्रम्बकेश्वर A 2 Z Complete & Easy Guide

trimbakeshwar jyotirling mandir ब्रह्मा, विष्‍णु, महेश 3 देवताओं का सयुंक्त रूप है त्रम्बकेश्वर A 2 Z Complete & Easy Guide

12 jyotirlinga, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage, पश्चिम भारत के तीर्थ
trimbakeshwar jyotirling mandir ब्रह्मा, विष्‍णु, महेश 3 देवताओं का सयुंक्त रूप है त्रम्बकेश्वर A 2 Z Complete & Easy Guide trimbakeshwar jyotirling mandir - भारत के महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में नासिक नगर (city) से लगभग 35 किमी दूर गोदावरी नदी (जिसे गौतमी नदी भी कहा जाता है)  के किनारे विराजित है प्रभु त्रम्बकेश्वर ( trimbakeshwar mandir ), त्रम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग के निकट ही ब्रह्म गिरि पर्वत से गोदावरी नदी का उद्गम है। ये वो ही ब्रह्मगिरी पर्वत है जहाँ ऋषि गौतम तपस्या करते थे और जब भगवान् शिव प्रसन्न हो उनके समक्ष प्रकट हुए और वरदान मांगने को कहा तो ऋषि गौतम ने शिव जी से वरदान में गंगा को पृथ्वी पर भेजने का आग्रह किया था तब गंगा जी ने कहा कि यदि प्रभु शिव भी वहां विराजें तो मैं आ सकती हूँ तब प्रभु शिव यहाँ त्रयम्बकेश्वर के रूप में आये और माँ गंगा यहाँ गोदावरी नदी के रूप...
somnath temple: सोमनाथ मंदिर जिसे चंद्रमा ने स्वंम बनाया 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रथम ज्योतिर्लिंग

somnath temple: सोमनाथ मंदिर जिसे चंद्रमा ने स्वंम बनाया 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रथम ज्योतिर्लिंग

12 jyotirlinga, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage, पश्चिम भारत के तीर्थ
somnath temple:सोमनाथ मंदिर जिसे चंद्रमा ने स्वंम बनाया 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रथम ज्योतिर्लिंग somnath temple: 12 ज्योतिर्लिंगों में सर्वप्रथम ज्योतिर्लिंग भारत के गुजरात नामक प्रदेश में समुद्र के किनारे स्थित सोमनाथ मंदिर में विराजित सोमनाथ भगवान् हैं, हिंदू धर्म में सोमनाथ मंदिर का अत्याधिक महत्व है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण स्वयं चन्द्रदेव ने किया था और इस बात का उल्लेख ऋग्वेद में भी है। 12 ज्योतिर्लिंगों में सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को प्रथम ज्योतिर्लिंग माना जाता है। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का वर्णन महाभारत, श्रीमद्भागवत तथा स्कंद पुराणादि में भी किया गया है।चैत्र ( जोकि अंग्रेजी माह मार्च-अप्रैल के आसपास पड़ता है) , भाद्रपद ( जोकि अंग्रेजी माह अगस्त –सितम्बर के आसपास पड़ता है) , कार्तिक माह ( जोकि अंग्रेजी माह अक्टूबर – नवम्बर के आसपास पड़ता है) में यहां श्रद्धालुओं की भा...
काशी विश्वनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है – A Great Hindu Temple kashi vishvanath temple-Varanasi

काशी विश्वनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है – A Great Hindu Temple kashi vishvanath temple-Varanasi

12 jyotirlinga, उत्तर भारत के तीर्थ, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage
काशी विश्वनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है - A Great Hindu Temple kashi vishvanath temple-Varanasi kashi vishvanath temple: काशी विश्वनाथ मंदिर एक ऐसा तीर्थ , एक ऐसा मंदिर जिसके नाम में ही उसका अर्थ छुपा है | जी हाँ , काशी विश्वनाथ पूरे संसार के नाथ है पूरे विश्व के स्वामी है| वाराणसी में माँ गंगा के किनारे स्थित इस मंदिर में विराजित प्रभु भोलेनाथ के दर्शन करने पूरे विश्व से लोग आते है | काशी विश्वनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और यह मंदिर पिछले कई हजारों वर्षों से वाराणसी में स्थित है और पूरे विश्व में प्रसिद्ध है| काशी विश्वनाथ शिवलिंग की महिमा का वर्णन पुराणों में हैं. पूरे संसार में सावन में शिव भक्त शिव के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं.  काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास History of Kashi Vishwanath Temple काशी विश्वनाथ मंदिर अनादिकाल से...
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का 12 ज्योतिर्लिंगों में छठा स्थान है bhimashankar jyotirlinga-An Almighty Power

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का 12 ज्योतिर्लिंगों में छठा स्थान है bhimashankar jyotirlinga-An Almighty Power

12 jyotirlinga, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage, पश्चिम भारत के तीर्थ
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का 12 ज्योतिर्लिंगों में छठा स्थान है bhimashankar jyotirlinga-An Almighty Power भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग (bhimashankar jyotirlinga)   भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग ( bhimashankar jyotirlinga )का 12 ज्योतिर्लिंगों में छठा स्थान है |महाराष्ट्र राज्य के पुणे नगर से लगभग 100 किलोमीटर दूर उत्तर पश्चिम में स्थित सह्याद्रि नाम के पर्वत पर भीमा नदी के किनारे विराजित है प्रभु भीमाशंकर है।  ये भीमा नदी आगे जाकर कृष्णा नदी में जाकर मिल जाती है| प्रभु भीमाशंकर का वर्णन शिवपुराण में भी मिलता है | भीमाशंकर के विषय में आइये जानते हैं विस्तार से ... भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की कहानी bhimashankar jyotirlinga story  कहा जाता है कि त्रेता में रावण के भाई कुंभकर्ण का पुत्र भीम नाम का एक राक्षस था। कुम्भकरण की मृ्त्यु ठीक बाद उसका जन्म हुआ था। भीमा को अपने पिता कुम्भकरण की मृ्त्यु भगवान राम...
महाकालेश्वर मंदिर- mahakaleshwar jyotirlinga A 2 Z Complete & Easy Guide

महाकालेश्वर मंदिर- mahakaleshwar jyotirlinga A 2 Z Complete & Easy Guide

12 jyotirlinga, उत्तर भारत के तीर्थ, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage
महाकालेश्वर मंदिर- mahakaleshwar jyotirlinga A 2 Z Complete & Easy Guide मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन नगर के मालवा क्षेत्र में क्षिप्रा नदी के पूर्वी किनारे पर विराजित है प्रभु महाकालेश्वर महादेव  | महाकालेश्वर मंदिर  mahakaleshwar jyotirlinga भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। प्राचीन काल में इस स्थान को ही उज्जयिनी कहा जाता था | उज्जयिनिं नगर अवन्ती राज्य की राजधानी था । ऐसा माना जाता है की ये स्थान संसार का आरम्भ स्थलहै | जिस प्रकार वाराणसी, अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार, द्वारका और कांचीपुरम को अत्यंत पवित्र स्थल माना जाता है, उसी प्रकार उज्जैन नगरी भी एक ऐसा पवित्र स्थल है जिसे मोक्षदायिनी नगरी माना जाता है | उज्जैन में पवित्र 12 वर्षों में एक बार कुम्भ मेला लगता है। महाकालेश्वर महादेव  mahakaleshwar jyotirlingaकी पूजा में भस्‍मआरती का व‌िशेष महत्व है और ये मा...
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