Shadow

उत्तर भारत के तीर्थ

पूर्णागिरी मंदिर 51 शक्तिपीठों मे से एक पीठ जहां गिरी थी माता सती की नाभि Purnagiri mandir Tanakpur

पूर्णागिरी मंदिर 51 शक्तिपीठों मे से एक पीठ जहां गिरी थी माता सती की नाभि Purnagiri mandir Tanakpur

उत्तर भारत के तीर्थ, trending google
पूर्णागिरी मंदिर 51 शक्तिपीठों मे से एक पीठ जहां गिरी थी माता सती की नाभि Purnagiri mandir Tanakpur Purnagiri mandir Tanakpur : पूर्णागिरी मंदिर हिमालय में उत्तराखंड के चंपावत जनपद में नेपाल बॉर्डर पर टनकपुर नगर से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । ये मंदिर चम्पावत से 95 कि॰मी॰की दूरी पर स्थित है। मंदिर के आस पास मनोरम स्थल को भी लोग पूर्णागिरि के नाम से ही पुकारते हैं , यह स्थान समुद्र तल से लगभग 5 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है । यहां प्रतिवर्ष माँ पूर्णागिरी देवी के हजारों भक्त माँ से अपनी मनोकामनाए पूरी करने के लिए प्रार्थना करने आते हैं। पूर्णागिरि मंदिर स्थल भारत नेपाल सीमा पर स्थित हिन्दू धर्म का एक ऐसा आस्था केंद्र है जो चारों ओर से नैसर्गिक सौंदर्य से घिरा हुआ है । पूर्णागिरी मंदिर के निकट ही विश्व प्रसिद्ध जिम कार्बेट नैशनल पार्क है जहां देश विदेश से प्रकृति प्रेमी पर्...
Radha Rani Temple Barsana:राधा रानी मंदिर बरसाना यानि लाड़लीजी या श्रीजी मंदिर,बरसाने की होली,इतिहास,दर्शन समय और जाने अष्टसखी मंदिर

Radha Rani Temple Barsana:राधा रानी मंदिर बरसाना यानि लाड़लीजी या श्रीजी मंदिर,बरसाने की होली,इतिहास,दर्शन समय और जाने अष्टसखी मंदिर

trending google, उत्तर भारत के तीर्थ
Radha Rani Temple Barsana:राधा रानी मंदिर बरसाना यानि लाड़लीजी या श्रीजी मंदिर,बरसाने की होली,इतिहास,दर्शन समय और जाने अष्टसखी मंदिर उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में बरसाना राधा रानी का जन्म स्थल माना जाता है जहाँ स्थित है राधा रानी मंदिर बरसाना ( Radha Rani Temple Barsana) जो एक 250 मीटर ऊँची पहाड़ी पर स्थित है, कुछ लोगों के अनुसार ये पहाड़ी बरसाने का माथा है। इस राधा रानी मंदिर को 'बरसाने की लाडली का मंदिर' और 'राधा रानी का महल' और बरसाना मंदिर भी कहा जाता है। लोग इसे प्रेम से लाड़लीजी और श्रीजी मंदिर भी कहते हैं।  यह मंदिर हिन्दू धर्म का एक पवित्र धार्मिक स्थल है। राधा रानी मंदिर बरसाना ( Radha Rani Temple Barsana) एक पहाड़ी के उपर स्थित एक अत्यंत सुंदर मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि भाद्रपद माह में शुक्लपक्ष की अष्टमी को यहाँ राधा जी का जन्म हुआ था। इसीलिए इस दिन यहाँ राधाष्टमी का...
Vaishno devi templeवैष्णो देवी मंदिर,अर्धकुंवारी,सांझीछत,भैरो मंदिर कहां है,खाने रुकने की व्यवस्था A 2 Z complete tour guide

Vaishno devi templeवैष्णो देवी मंदिर,अर्धकुंवारी,सांझीछत,भैरो मंदिर कहां है,खाने रुकने की व्यवस्था A 2 Z complete tour guide

तीर्थ-Tirth/Pilgrimage, उत्तर भारत के तीर्थ
Vaishno devi templeवैष्णो देवी मंदिर,अर्धकुंवारी,सांझीछत,भैरो मंदिर कहां है,खाने रुकने की व्यवस्था A 2 Z complete tour guide वैष्णो देवी मंदिर Vaishno devi temple Vaishno devi temple वैष्णो देवी मंदिर : वैष्णो देवी को माता रानी का वैष्णवी रूप हैं और आदिशक्ति जगदम्बा देवी दुर्गा का अवतार हैं और आज त्रिकुटा की पहाड़ियों पर स्थित एक गुफा में पिंडी के रूप में विराजित हैं, इस गुफा में माता वैष्णो देवी 3 पिंडियों के रूप में हैं जिसमे देवी माँ काली (दाएं),माँ  लक्ष्मी (मध्य) और माँ सरस्वती (बाएं) पिण्डी के रूप में गुफा में विराजित हैं माता वैष्णो देवी जिस पवित्र गुफा(Vaishno devi temple) में विराजित है उसकी लंबाई 98 फीट है और इस गुफा में एक बड़ा सा चबूतरा बना हुआ है जिसके ऊपर माता का आसन है जहां देवी त्रिकुटा 3 पिंडियों के रूप में हैं विराजमान हैं। कुछ लोगों के अनुसार माता वैष्णो देवी इन ...
मार्तण्ड सूर्य मंदिर (Martand Sun Temple Anantnag) कश्मीर का वैभव A symbol of Kashmir’s splendor

मार्तण्ड सूर्य मंदिर (Martand Sun Temple Anantnag) कश्मीर का वैभव A symbol of Kashmir’s splendor

trending google, उत्तर भारत के तीर्थ, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage
मार्तण्ड सूर्य मंदिर (Martand Sun Temple Anantnag ) कश्मीर का वैभव A symbol of Kashmir's splendor जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जनपद में स्थित मार्तण्ड सूर्य मंदिर (Martand Sun Temple Anantnag ) भारत के प्राचीन सूर्य मंदिरों में एक था, इस मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में हुआ था, लेकिन सन् 1389 और 1413 के बीच अनेक बार इसे नष्ट करने की प्रयास किया गया। ये मंदिर कभी पूरे भारत का विशेषकर हिमालय का गौरव था। ये एक हिंदू मंदिर है जो हिंदू धर्म में प्रमुख देवता सूर्य को समर्पित है । मार्तण्ड संस्कृत भाषा में सूर्य पर्यायवाची है। भगवान सूर्य की पूजा भारतीय सनातन संस्कृति में आदिकाल से होती आई है। सूर्य को प्रकाश का देवता माना गया। आज भी पूर्वी भारत और बिहार आदि क्षेत्रों में छठ पूजा (सूर्य षष्ठी) सबसे बड़ा पर्व है और ये पूर्वी क्षेत्र के लोगों पूरे विश्व में मनाया जाता है , इस पर्व से आकर्षित हो अ...
5 best tourist places in north india(north india temple tour)-गर्मियों से पहले कहाँ घूमे

5 best tourist places in north india(north india temple tour)-गर्मियों से पहले कहाँ घूमे

trending google, उत्तर भारत के तीर्थ, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage
5 best tourist places in north india(north india temple tour)-गर्मियों से पहले कहाँ घूमे गर्मियों से पहले घूमना चाहते है तो आपको google पर 5 best tourist places in north india search करें , अब आप सोच रहे होंगे कि 5 best tourist places in north india ही search क्यों करें तो इसका उत्तर ये है कि एक बार में इससे अधिक आप घूम नही सकेंगे और जब भी आप तीर्थ करना चाहते है तो google आपको बहुत सारे tourist destination ( teerth) दिखा देगा रहा है किन्तु उसमे से बहुत सारे ऐसे तीर्थ ( teerth – pilgrimage ) होते हैं जिनको आप गर्मियों में नही घूम सकते है ये सभी तीर्थ ( teerth ) अधिकतर उत्तरी भारत में स्थित होते हैं जहाँ गर्मियों के दिन में बहुत गर्मी पड़ती है और आप ये decide नही कर पाते है की  उत्तर भारत के तीर्थ यात्रा कैसे करें तो maihindu.com आपको बताएगा की गर्मियों के दिनों में 5 best tourist places in...
स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर Akshardham Temple new delhi complete a 2 z tour guide

स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर Akshardham Temple new delhi complete a 2 z tour guide

trending google, उत्तर भारत के तीर्थ, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage
स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर Akshardham Temple new delhi complete a 2 z tour guide अक्षरधाम मंदिर Akshardham Temple -नई दिल्ली स्थित अक्षरधाम मंदिर अर्थात स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर ,संसार के सबसे  विशाल हिंदू मन्दिर परिसरों मे से एक है जोकि १०० एकड़ भूमि मे विस्तृत है , नेहरू प्लेस के पास यमुना नदी के तट पर स्थित है  इस मंदिर को 6 नवंबर 2005  में सार्वजनिक रूप से जनसाधारण के लिए खोला गया था अक्षरधाम मंदिर को ज्योतिर्धर भगवान स्वामिनारायण की पुण्य स्मृति में बनाया गया है, अक्षरधाम मंदिर को 26 दिसंबर 2007 को 2 श्रेणियों मे गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिका‌र्ड्स में सम्मलित किया गया था । जिसमे एक रिकॉर्ड , अप्रैल वर्ष 1971 से वर्ष 2007 के मध्य 713 मंदिरों का निर्माण का है ,ये मंदिर  5 महादीपों पर बनाये गये थे। और दूसरा रिकॉर्ड स्वामीनारायण अक्षरधाम मन्दिर के विशालतम हिंदू मन्दिर परिसर के लिए...

Vrindavan a 2 z easy tour guide||वृंदावन-प्रभु श्री कृष्ण की नगरी

trending google, उत्तर भारत के तीर्थ, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage, धर्म Religion
Vrindavan a 2 z easy tour guide||वृंदावन-प्रभु श्री कृष्ण की नगरी (Vrindavan Dham Tour In Hindi) Vrindavan a 2 z easy tour guide||वृंदावन-प्रभु श्री कृष्ण की नगरी- वृंदावन एक ऐसा नाम, एक ऐसा स्थान ,एक ऐसा तीर्थ है जिसे पूरा संसार जानता है, भगवान् कृष्ण के भक्त वो चाहे संसार के किसी भी कोने में रहते हों अपने जीवन में एक बार वृन्दावन अवश्य आना चाहते है । प्रभु कृष्ण के भक्तों को वृन्दावन की पवित्र भूमि के कण कण में प्रभु कृष्ण की ही अनुभूति होती है और इसीलिए हिन्दू धर्म के अति पवित्र धार्मिक स्थलों में वृन्दावन का नाम भी आता है। वृन्दावन और वृन्दावन के आस पास का पूरा क्षेत्र ब्रज कहलाता है और वृन्दावन इस  ब्रज क्षेत्र का हृदय स्थल है , यहीं वो स्थान है जहाँ श्री राधाकृष्ण ने गोपियों संग अपनी दिव्य लीलाएँ की थी । धार्मिक ग्रन्थ पद्म पुराण के अनुसार वृन्दावन भगवन प्रभु श्री हरी विष्णु से ...

माँ शारदा माई-मैहर देवी | maihar devi के बारे मे a 2 z information

उत्तर भारत के तीर्थ, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage
माँ शारदा माई-मैहर देवी | maihar devi के बारे मे a 2 z information भारत के मध्य में स्थित मध्य प्रदेश राज्य के सतना जनपद में विन्ध्य पर्वत श्रेणियों के मध्य पिरामिडाकार त्रिकूट पर्वत पर माँ शारदा यानि माँ सरस्वती का विश्व प्रसिद्द मंदिर है जिसे सभी मैहर देवी के नाम से जानते है | माँ शारदा को मैहर देवी क्यों कहते है  why maa sharda mai is known as maihar devi ? एक मान्यता के अनुसार माता सती ने अपने पिता राजा दक्ष के द्वारा करवाए जा रहे यज्ञ में अपने पति भगवान शिव को न बुलाये जाने से रुष्ट होकर यज्ञ कुंड में कूद कर अपने प्राण त्याग दिए थे | अपनी पत्नी सती की मृत्यु से क्रोधित हो भगवान शिव माता सती के शव को अपने कंधे पर उठाकर तांडव नृत्य करने लगे | तांडव नृत्य से माता सती के शव से गले का हार त्रिकूट पर्वत के शिखर पर आ गिरा। क्योंकि यहाँ माता सती का हार गिरा था इस कारण इस स्थान का नाम प...
Simsa Mata Mandir a 2 z Easy Guide||माता सिमसा मंदिर- जहाँ मिलती है संतान

Simsa Mata Mandir a 2 z Easy Guide||माता सिमसा मंदिर- जहाँ मिलती है संतान

trending google, उत्तर भारत के तीर्थ, चमत्कारी मंदिर
Simsa Mata Mandir a 2 z Easy Guide||माता सिमसा मंदिर- जहाँ मिलती है संतान (Simsa Mata Mandir) माता सिमसा मंदिर भारत के उत्तर में स्थित हिमाचल प्रदेश राज्य के मंडी जनपद में तहसील लड़भडोल में लड़भडोल से लगभग 9 km दूर सिमस नाम का एक गांव है में स्थित हैं , जहाँ माता रानी अपने निराश निसंतान भक्तों को संतान सुख प्रदान करती है | ये मंदिर सिमस नाम के गाँव में होने से इस मंदिर में विराजित माँ शारदा को माता सिमसा के रूप में जाना जाता है | जी हाँ ,ज्ञान की देवी सरस्वती यानि शारदा माता पिंडी के रूप इस मंदिर में विराजित है ,जहाँ दूर दूर से चैत्र और शरद नवरात्री के दिनों में  शारदा माता के पास वो निराश भक्त आते है जिन्हें अनेकों प्रयास के बाद भी संतान प्राप्त नही होती है और अंतिम आस लिए माता सिमसा (Simsa Mata Mandir ) से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मांगते है और माता सिमसा भी अपने भक्तों को स्वप्न मे...
vindhyanchal temple : माँ विंध्यवासिनी यशोदा जी के गर्भ से उत्पन्न कन्या योगमाया a 2 z information

vindhyanchal temple : माँ विंध्यवासिनी यशोदा जी के गर्भ से उत्पन्न कन्या योगमाया a 2 z information

उत्तर भारत के तीर्थ, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage
vindhyanchal temple : माँ विंध्यवासिनी यशोदा जी के गर्भ से उत्पन्न कन्या योगमाया की A 2 Z information vindhyanchal temple : भारत के उत्तरी राज्य उत्तरप्रदेश के प्रयागराज जनपद से 85 किमी,वाराणसी जनपद से 70 किमी और मिर्ज़ापुर से 8 किमी दूर विंध्याचल पर्वत श्रृंखला के मध्य पवित्र गंगा नदी के किनारे आदिशक्ति भगवती का विन्ध्याचल धाम ( vindhyanchal temple ) मे विराजित है जहाँ आदिशक्ति, माता विंध्यवासिनी के रूप में विराजमान है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार आदिशक्ति भगवती अपने पूर्णरूप में कहीं भी विराजित नहीं हैं किन्तु  विंध्याचल में माता के पूरे विग्रह विराजित है। जबकि माता के अन्य शक्तिपीठों में आदिशक्ति देवी के अलग-अलग अंगों का पूजन किया जाता है| माता के भक्त दूर दूर से यहां सिद्धि प्राप्त करने के लिए आते है और यहाँ साधना करते है| माता सती के जितने भी शक्तिपीठ है, उनमे माता विंध्यवासि...
error: Content is protected !!