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बद्रीनाथ (badrinath dham) 1 of the char dham A 2 Z Complete & Easy Guide
बद्रीनाथ (badrinath dham – char dham) उत्तराखण्ड राज्य के चमोली जनपद में अलकनन्दा नदी के तट पर स्थित है जो बैकुंठ के बाद प्रभु विष्णु का दूसरा निवास स्थान है |
बद्रीनाथ (badrinath dham ) में भगवान विष्णु की शालिग्राम से बनी हुई लगभग 3.3 मीटर स्थापित है और कहा जाता है की इस मूर्ती को आदि शंकराचार्य ने नारद कुंड से निकालकर यहाँ स्थापित किया था और ये भी कहा जाता है की भगवान् विष्णु की ये मूर्ती स्वंम प्रकट हुई थी और ये किसी मानव के द्वारा निर्मित मूर्ती नही है |
बद्रीनाथ तीर्थ के महत्व और प्रसिद्धि के कारण ही यहाँ का पूरा क्षेत्र ही बद्रीनाथ (char dham ) कहलाता है , साथ ही ये भी कहा जाता है कि यहाँ कभी बद्री (बेर) के वृक्षों के के घने वन थे |
हिन्दू धर्मानुसार हिमालय की गोद में स्थित बद्रीनाथ क्षेत्र (char dham ) को भिन्न-भिन्न काल-खंडो भिन्न भिन्न नामों से जाना गया जैसे सतयुग में– मुक्तिप्रदा (स्कंद्पुरण के अनुसार ),त्रेतायुग में योग सिद्ध,द्वापरयुग में -“विशाला तीर्थ” और “मणिभद्र आश्रम” कहा गया है और आज के समय में -“बद्रिकाश्रम” और “बद्रीनाथ” के नाम से जाना जाता है।
बद्रीनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी केरल राज्य के नम्बूदरी ब्राह्मण होते है जिन्हें रावल कहा जाता है|
बद्रीनाथ (char dham ) का इतिहास
badrinath dham history
नर और नारायण की कहानी -Story of Nar and Narayan
श्री बद्रीनाथ (badrinath dham ) के इतिहास के अनुसार , धर्म के दो पुत्र थे -नर और नारायण , जिसके अनुसार नर और नारायण ने अपनी तपस्या के लिए पवित्र हिमालय में अपना आश्रम बनाना चाहते थे और इसके लिए वो हिमालय में अनेक स्थानों पर गये और अंततः वो पंच बद्री आये | पंच बद्री को हिन्दू धर्म ग्रंथों में दूसरा बैकुंठ( जहाँ प्रभु विष्णु निवास करते है ) भी कहा गया है।
बद्रीनाथ में पंच बद्री :- योग बद्री ,ध्यान बद्री,भविष्य बद्री ,वृद्ध बद्री और स्वंम श्री बद्रीनाथ| पंच बद्री में भी पवित्र अलकनन्दा नदी के तट पर स्थित ये स्थान उन्हें बहुत ही मनोरम लगा और उन्होंने इसी स्थान पर अपना आश्रम बनाने का विचार किया और इस स्थान को बद्री विशाल का नाम दिया | कहा जाता है की उसी समय से इस स्थान का नाम बद्री विशाल हो गया|
एक अन्य कथा के अनुसार
एक अन्य पौराणिक कथा में कहा गया है कि भगवान शिव और देवी पार्वती कभी बद्रीनाथ में तपस्या कर रहे थे। तभी भगवान विष्णु एक छोटे लड़के के रूप में आए और जोर से रो कर उनकी तपस्या को बाधित कर दिया। यह देख माता पार्वती ने उनसे उनके इस प्रकार के व्यवहार के पीछे का कारण पूछा,
जिसके उत्तर में उन्होंने कहा कि वह स्वंम बद्रीनाथ में ध्यान करना चाहते है | तब भगवान् शिव और माता पार्वती ने भगवान विष्णु को पहचान लिया और उसके बाद बद्रीनाथ प्रभु विष्णु की तपस्या के लिए छोड़ स्वंम केदारनाथ चले गए।
बद्रीनाथ की प्राचीनता इसी से पता चलती है कि बद्रीनाथ मंदिर का उल्लेख विष्णु पुराण, महाभारत तथा स्कन्द पुराण समेत कई प्राचीन ग्रन्थों में मिलता है और बद्रीनाथ के बारे में ये कहा गया है कि स्वर्ग, पृथ्वी तथा नर्क तीनों ही स्थान में चाहे कितने ही तीर्थ हो किन्तु बद्रीनाथ जैसा तीर्थ न कभी था, न है और न ही कभी होगा।
भागवत पुराण के अनुसार बद्रिकाश्रम में भगवान विष्णु सभी जीवों के कल्याण हेतु नर तथा नारायण के रूप में अनंत काल से घोर तपस्या में लीन हैं।
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बद्रीनाथ (badrinath dham )का रास्ता
how to reach badrinath dham
बद्रीनाथ (badrinath dham ) का सबसे अच्छा रास्ता रोड से है लेकिन निकटवर्ती स्थानों तक हम train और flight से भी जा सकते है|
वायुमार्ग से बद्रीनाथ (badrinath dham ) यात्रा
how to reach badrinath dham by flight
बद्रीनाथ का निकटवर्ती हवाई अड्डा जॉली ग्रांट एअरपोर्ट,देहरादून ( Jolly Grant Airport (IATA: DED, ICAO: VIDN) है जोकि बद्रीनाथ से 311 किमी दूर स्थित है | ग्रांट हवाई अड्डे पर दिल्ली ,मुंबई,लखनऊ इतियादी नगरों से वायुयान(flights ) आती रहती है |यहाँ से बस या टैक्सी से बद्रीनाथ पहुंचा जा सकता है |
रेलमार्ग से बद्रीनाथ (badrinath dham ) यात्रा
how to reach badrinath dham by flight
रेलमार्ग से बद्रीनाथ जाने पर हरिद्वार रेलवे स्टेशन सबसे निकट का रेलवे स्टेशन है जोकि लगभग 318 किमी दूर है | हरिद्वार रेलवे स्टेशन (Station code: HW ) भारत के लगभग सभी प्रमुख रेलवे स्टेशन से बड़ी रेलवे लाइन से जुड़ा हुआ है|
सड़कमार्ग से बद्रीनाथ (badrinath dham ) यात्रा
how to reach badrinath dham by road
सड़कमार्ग से बद्रीनाथ जाने के अनेक विकल्प है जैसे सरकारी बस सेवा ( उत्तराखंड परिवहन निगम ) और प्राइवेट बस ,टैक्सी इतियादी | ये वाहन आपको दिल्ली,ऋषिकेश,हरिद्वार,चंडीगढ़,देहरादून,पंजाब,हरयाणा इतियादी से सरलता से मिल सकती है | सरकारी बस सेवा में online ticket बुक करने के लिए
यहाँ click करें : – उत्तराखंड परिवहन निगम
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