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12 jyotirlinga

baidyanath dham -वैद्यनाथ धाम,देवघर,झारखण्ड-जहाँ हुई रावण से भूल

baidyanath dham -वैद्यनाथ धाम,देवघर,झारखण्ड-जहाँ हुई रावण से भूल

12 jyotirlinga, चमत्कारी मंदिर, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage, पूर्व भारत के तीर्थस्थल
baidyanath dham-वैद्यनाथ धाम,देवघर,झारखण्ड-जहाँ हुई रावण से भूल baba baidyanath dham yatra  झारखंड राज्य में देवघर जिले में शिव जी के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक प्रभु बैद्यनाथ विराजित है|बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग शिव जी पुराणकालीन मन्दिर है।| देवघर अर्थात देवी-देवताओं का निवास, बाबा भोलेनाथ  के सभी भक्त देवघर जनपद को बाबा बैद्यनाथ baidyanath के धाम के नाम से ही जानते है | यहाँ पर आने वालों की सारी मनोकामनाएँ पूर्ण हो जाती हैं| देवघर को संस्कृत के ग्रंथों में हरितकिवन या केतकीवन के रूप में जाना जाता है। श्रावण माह में  प्रभु बैद्यनाथ baidyanath के अनेक भक्त सुल्तानगंज से देवघर तक लगभग 100 किमी पैदल चलते हुए गंगा जल ले कर भगवान शिव को अर्पित करने के लिए लाते है| भोलेनाथ के मन्दिर के निकट अनेक अन्य मंदिर और एक विशाल तालाब स्थित है। वैद्यनाथ मन्दिर के निकट जो अन्य महत्वपूर्ण मंदिर है ...
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग -प्रभु राम द्वारा स्थापित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक jyotirlinga rameshwaram made by lord ram 

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग -प्रभु राम द्वारा स्थापित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक jyotirlinga rameshwaram made by lord ram 

12 jyotirlinga, चार धाम Char dhaam, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage, दक्षिण भारत के तीर्थस्थल
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग-प्रभु राम द्वारा स्थापित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक jyotirlinga rameshwaram 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग( jyotirlinga rameshwaram ) तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जनपद में स्थित है , ये हिन्दू धर्म में अति पवित्र माने जाने वाले चारों धाम में से एक धाम भी है | रामेश्वरम तमिलनाडु के चेन्नई नगर से लगभग 592 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हिन्दू धर्म का पवित्र तीर्थस्थल है।   रामेश्वरम् (rameshwaram jyotirlinga) में स्थित इस रामनाथस्वामी ज्योर्तिलिंग को प्रभु राम ने लंका पर विजय प्राप्ति की कामना से उस समय बनाया था जब प्रभु श्रीराम लंका के राजा रावण से युद्ध करने की तैयारी कर रहे थे।  भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए श्रीराम ने इस शिवलिंग का निर्माण किया था और उस पर जल चढ़ाया था। हिन्दू धर्म में जैसे उत्तर में काशी का महत्व है,ठीक उसी प्रकार रामेश्व...
ओंकारेश्वर मन्दिर omkareshwar jyotirlinga A 2 Z Complete & Easy Guide

ओंकारेश्वर मन्दिर omkareshwar jyotirlinga A 2 Z Complete & Easy Guide

12 jyotirlinga, उत्तर भारत के तीर्थ, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage
ओंकारेश्वर मन्दिर omkareshwar jyotirlinga A 2 Z Complete & Easy Guide ओंकारेश्वर मन्दिर (omkareshwar jyotirlinga) मध्य प्रदेश के इंदौर नगर के निकट (लगभग 77 किमी दूर ) और नर्मदा नदी के किनारे विराजित है | 12 ज्योतिलिंगो में प्रभु ओंकारेश्वर का स्थान चौथा आता है | वायु पुराण,स्कन्द पुराण ,शिवपुराण में भी ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की महिमा का उल्लेख किया गया है | ऐसा माना जाता है कि प्रभु शिव प्रतिदिन तीनो लोक का भ्रमण करते और भ्रमण के बाद यहाँ विश्राम करते है , प्रभु ओंकारेश्वर के विश्राम कि यहाँ विशेष व्यवस्था होती है साथ ही प्रभु के भक्तों को विश्राम करते हुए ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन का लाभ मिलता है | हिन्दू धर्म में अति पवित्र माने जाने वाले अक्षर ॐ के सामान है प्रभु ओंकारेश्वर की आकृति कदाचित् इसीलिए ओंकारेश्वर नाम पड़ा | यदि आप ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग तीर्थ का पूर्ण लाभ ले...

nageshwar jyotirlinga-प्रभु नागेश्वर मंदिर,द्वारिका,गुजरात

12 jyotirlinga, चमत्कारी मंदिर, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage, पश्चिम भारत के तीर्थ
nageshwar jyotirlinga-प्रभु नागेश्वर मंदिर,द्वारिका,गुजरात गुजरात राज्य के द्वारिका नगर से लगभग 16 किमी दूर प्राकृतिक और शांत वातावरण में विराजित है प्रभु नागेश्वर nageshwar jyotirlinga | प्रभु नागेश्वर एक ऐसे ज्योतिर्लिंग है जिनके बारे में अनेक मत है जैसे कुछ लोग उत्तराखंड के अल्मोड़ा के निकट जोगेश्वर शिवलिंग को नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मानते है, वहीँ कुछ लोग  महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में और कुछ आंध्र प्रदेश के पूर्णा के निकट लेकिन बहुमत से लोग गुजरात राज्य के द्वारिका नगर के निकट स्थित ज्योतिलिंग को ही प्रभु नागेश्वर ज्योतिलिंग nageshwar jyotirlinga मानते है और हम भी उन्ही के बारे में आपको बता रहें है शिव महापुराण के द्वादाश्ज्योतिर्लिंग स्तोत्रं के अनुसार भी नागेशं दारुकावने अर्थात नागेश्वर जो द्वारका के निकट वन में स्थित है| इन्हें 12 ज्योतिलिंगो में दसवे क्रम पर माना ...
ghushmeshwar jyotirlinga-घृष्णेश्वर मन्दिर महराष्ट्र-संतान देने वाले ज्योतिर्लिंग

ghushmeshwar jyotirlinga-घृष्णेश्वर मन्दिर महराष्ट्र-संतान देने वाले ज्योतिर्लिंग

12 jyotirlinga, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage, पश्चिम भारत के तीर्थ
ghushmeshwar jyotirlinga - घृष्णेश्वर मन्दिर महराष्ट्र-संतान देने वाले ज्योतिर्लिंग (ghushmeshwar jyotirlinga kaha hai) ghushmeshwar jyotirlinga : महाराष्ट्र के औरंगाबाद से लगभग 28- कि.मी. की दूरी  पर ,दौलताबाद  निकट वेरुल नामक गांव में बारह  ज्योतिर्लिंगों  में से अंतिम ज्योतिर्लिंग घृष्‍णेश्‍वर महादेव विराजित है | अनेक लोग इन्हें घुश्मेश्वर, घुसृणेश्वर या घृष्णेश्वर के नाम से भी जानते हैं। शिवपुराण में भी घुश्मेश्वर महादेव का वर्णन मिलता है,ऐसा देखा गया है की जिन दम्पतियों को अनेक स्थानों पर उपचार कराने के बाद और अनेक वर्षों के बाद भी जब संतान नही होती है , तो प्रभु घुश्मेश्वर ghushmeshwar jyotirlinga के पूजन से और प्रभु की कृपा से उनको भी संतान प्राप्त हो जाती है | image source : Pinterest  प्रभु घुश्मेश्वर के दर्शन करने उनको भक्त पुरे वर्ष ही भारी संख्या में यह...
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंग मे दूसरे स्थान पर आते है mallikarjuna jyotirlinga a 2 z complete tour guide

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंग मे दूसरे स्थान पर आते है mallikarjuna jyotirlinga a 2 z complete tour guide

12 jyotirlinga, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage, दक्षिण भारत के तीर्थस्थल
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंग मे दूसरे स्थान पर आते है mallikarjuna jyotirlinga a 2 z complete tour guide (mallikarjuna jyotirlinga in hindi) mallikarjuna jyotirlinga : मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंग मे दूसरे स्थान पर आते हैं और आंद्रप्रदेश के कृष्णा जिले में कृष्णा नदी के तट पर श्री शैल पर्वत srisailam पर विराजित है,  प्रभु मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग (mallikarjuna jyotirlinga ) को दक्षिण का कैलाश माना जाता है  |(मल्लिकार्जुन मंदिर कहां पर है) प्रभु मल्लिकार्जुन श्री शैल पर्वत srisailam पर कब से विराजित है ये किसी को ज्ञात नही है लेकिन इनकी प्राचीनता का पता इस बात से ही चल जाता है कि हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ स्कंद पुराण में  श्री शैल काण्ड नाम का अध्याय है ,जिसमे  प्रभु मल्लिकार्जुन मंदिर का वर्णन है। हिन्दू धर्म में अति पूजनिये 12 ज्योतिर्लिंगों में से प्रभु मल्...
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग-शिव कैसे बने बैल की पीठ Kedarnath temple-Kedarnath jyotirlinga A 2 Z complete & easy tour guide

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग-शिव कैसे बने बैल की पीठ Kedarnath temple-Kedarnath jyotirlinga A 2 Z complete & easy tour guide

12 jyotirlinga, उत्तर भारत के तीर्थ, छोटा चार धाम Chota char dham, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग Kedarnath temple-Kedarnath jyotirlinga A 2 Z Complete & Easy Guide Kedarnath temple-Kedarnath jyotirlinga : उत्तराखंड राज्य के रूद्रप्रयाग जिले में हिमालय पर्वत श्रृखला केदार नामक पर्वत पर  समुद्रतल से लगभग 3584 मीटर की ऊंचाई पर  विराजित है प्रभु केदारनाथ ज्योतिर्लिंग ( kedarnath jyotirling) | हिन्दू धर्म के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक और चारों धाम में से एक धाम है केदारनाथ मन्दिर  (kedarnath temple) और साथ ही साथ पंच केदार में से भी एक है केदारनाथ मन्दिर  (kedarnath temple)  | केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के एक ओर लगभग 22 हजार फुट ऊँचाई पर केदार पर्वत , दूसरी ओर 21 हजार 600 फुट ऊँचाई पर खर्चकुंड और तीसरी ओर लगभग 22 हजार 700 फुट ऊँचाई पर भरतकुंड स्थित है । इसके साथ ही यहाँ पांच पवित्र नदियाँ स्थित है जिनका नाम है क्षीरगंगा, मधुगंगा, सरस्वती,स्वर्णगौरी,  और अल...
trimbakeshwar jyotirling mandir ब्रह्मा, विष्‍णु, महेश 3 देवताओं का सयुंक्त रूप है त्रम्बकेश्वर A 2 Z Complete & Easy Guide

trimbakeshwar jyotirling mandir ब्रह्मा, विष्‍णु, महेश 3 देवताओं का सयुंक्त रूप है त्रम्बकेश्वर A 2 Z Complete & Easy Guide

12 jyotirlinga, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage, पश्चिम भारत के तीर्थ
trimbakeshwar jyotirling mandir ब्रह्मा, विष्‍णु, महेश 3 देवताओं का सयुंक्त रूप है त्रम्बकेश्वर A 2 Z Complete & Easy Guide trimbakeshwar jyotirling mandir - भारत के महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में नासिक नगर (city) से लगभग 35 किमी दूर गोदावरी नदी (जिसे गौतमी नदी भी कहा जाता है)  के किनारे विराजित है प्रभु त्रम्बकेश्वर ( trimbakeshwar mandir ), त्रम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग के निकट ही ब्रह्म गिरि पर्वत से गोदावरी नदी का उद्गम है। ये वो ही ब्रह्मगिरी पर्वत है जहाँ ऋषि गौतम तपस्या करते थे और जब भगवान् शिव प्रसन्न हो उनके समक्ष प्रकट हुए और वरदान मांगने को कहा तो ऋषि गौतम ने शिव जी से वरदान में गंगा को पृथ्वी पर भेजने का आग्रह किया था तब गंगा जी ने कहा कि यदि प्रभु शिव भी वहां विराजें तो मैं आ सकती हूँ तब प्रभु शिव यहाँ त्रयम्बकेश्वर के रूप में आये और माँ गंगा यहाँ गोदावरी नदी के रूप...
somnath temple: सोमनाथ मंदिर जिसे चंद्रमा ने स्वंम बनाया 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रथम ज्योतिर्लिंग

somnath temple: सोमनाथ मंदिर जिसे चंद्रमा ने स्वंम बनाया 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रथम ज्योतिर्लिंग

12 jyotirlinga, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage, पश्चिम भारत के तीर्थ
somnath temple:सोमनाथ मंदिर जिसे चंद्रमा ने स्वंम बनाया 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रथम ज्योतिर्लिंग somnath temple: 12 ज्योतिर्लिंगों में सर्वप्रथम ज्योतिर्लिंग भारत के गुजरात नामक प्रदेश में समुद्र के किनारे स्थित सोमनाथ मंदिर में विराजित सोमनाथ भगवान् हैं, हिंदू धर्म में सोमनाथ मंदिर का अत्याधिक महत्व है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण स्वयं चन्द्रदेव ने किया था और इस बात का उल्लेख ऋग्वेद में भी है। 12 ज्योतिर्लिंगों में सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को प्रथम ज्योतिर्लिंग माना जाता है। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का वर्णन महाभारत, श्रीमद्भागवत तथा स्कंद पुराणादि में भी किया गया है।चैत्र ( जोकि अंग्रेजी माह मार्च-अप्रैल के आसपास पड़ता है) , भाद्रपद ( जोकि अंग्रेजी माह अगस्त –सितम्बर के आसपास पड़ता है) , कार्तिक माह ( जोकि अंग्रेजी माह अक्टूबर – नवम्बर के आसपास पड़ता है) में यहां श्रद्धालुओं की भा...
काशी विश्वनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है – A Great Hindu Temple kashi vishvanath temple-Varanasi

काशी विश्वनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है – A Great Hindu Temple kashi vishvanath temple-Varanasi

12 jyotirlinga, उत्तर भारत के तीर्थ, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage
काशी विश्वनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है - A Great Hindu Temple kashi vishvanath temple-Varanasi kashi vishvanath temple: काशी विश्वनाथ मंदिर एक ऐसा तीर्थ , एक ऐसा मंदिर जिसके नाम में ही उसका अर्थ छुपा है | जी हाँ , काशी विश्वनाथ पूरे संसार के नाथ है पूरे विश्व के स्वामी है| वाराणसी में माँ गंगा के किनारे स्थित इस मंदिर में विराजित प्रभु भोलेनाथ के दर्शन करने पूरे विश्व से लोग आते है | काशी विश्वनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और यह मंदिर पिछले कई हजारों वर्षों से वाराणसी में स्थित है और पूरे विश्व में प्रसिद्ध है| काशी विश्वनाथ शिवलिंग की महिमा का वर्णन पुराणों में हैं. पूरे संसार में सावन में शिव भक्त शिव के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं.  काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास History of Kashi Vishwanath Temple काशी विश्वनाथ मंदिर अनादिकाल ...
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