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पश्चिम भारत के तीर्थ

khatu shyam mandir खाटूश्याम मंदिर: जब कोई न सुने तो जायें खाटूश्यामजी-हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा

khatu shyam mandir खाटूश्याम मंदिर: जब कोई न सुने तो जायें खाटूश्यामजी-हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा

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khatu shyam mandir खाटूश्याम मंदिर: जब कोई न सुने तो जायें खाटूश्यामजी-हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा khatu shyam mandir: राजस्थान के सीकर जनपद में खाटू ग्राम में स्थित खाटूश्याम मंदिर भारत के अतिप्रसिद्ध मंदिरों में से एक है , यहाँ देश विदेश से भक्तगण खाटूश्याम जी के दर्शन के लिए आते हैं और लोगों का ऐसा मानना है कि जिसका कोई नही होता है उसका साथ खाटू श्याम बाबा देते हैं और इसीलिए लोग कहते हैं " हारे का सहारा बाबा खाटू श्याम हमारा "  प्रत्येक वर्ष होली पर्व के अवसर पर बाबा खाटू श्याम जी के मंदिर पर एक बड़ा मेला लगता है जिसमे देश-विदेश से लाखों भक्त बाबा खाटू श्याम जी के दर्शन के लिए आते हैं. बाल्यावस्था से ही खाटूश्याम बहुत वीर योद्धा थे, महाभारत काल मे भगवान श्री कृष्ण ने बाबा खाटूश्याम जी को वरदान दिया था कि कलियुग में बाबा खाटू के नाम के आगे भगवान श्री कृष्ण का नाम होगा इसीलिए आज...
स्तंभेश्वर महादेव मंदिर दिन में 2 बार गायब हो जाता है Miraculous Stambeshwar Mahadev Temple disappears twice a day

स्तंभेश्वर महादेव मंदिर दिन में 2 बार गायब हो जाता है Miraculous Stambeshwar Mahadev Temple disappears twice a day

चमत्कारी मंदिर, पश्चिम भारत के तीर्थ
स्तंभेश्वर महादेव मंदिर दिन में 2 बार गायब हो जाता है Miraculous Stambeshwar Mahadev Temple disappears twice a day Stambeshwar Mahadev Temple स्तंभेश्वर महादेव मंदिर : गुजरात के बढ़ोदरा जनपद में भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर है जो दिन में दो बार गायब हो जाता है और फिर अपने आप आ भी जाता है, इस मंदिर की इसी विशेषता के कारण ये पूरे संसार में प्रसिद्द है और भगवान शिव के इस अद्भुत और प्राचीन मंदिर के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से प्रभु शिव के भक्त यहाँ आते हैं। आइए जानते हैं भगवान भोलेनाथ के इस अद्भुत मंदिर के बारे में स्तंभेश्वर महादेव मंदिर कहां स्थित है दिन में दो बार गायब होने वाला मंदिर गुजरात के बढ़ोदरा जनपद में वडोदरा नगर से लगभग 40 किलोमीटर दूर जम्बूसार तहसील में कवि कंबोई गांव में स्थित है । 150 वर्ष पुराना ये शिव मंदिर गुजरात में वडोदरा के पास सबसे लोकप्रिय धार्मिक स्थलों में से ए...
कैला देवी मंदिर करौली Kaila Devi Temple History,fair,Accomodation,Darshan Timming,How 2 Reach

कैला देवी मंदिर करौली Kaila Devi Temple History,fair,Accomodation,Darshan Timming,How 2 Reach

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कैला देवी मंदिर करौली Kaila Devi Temple History,fair,Accomodation,Darshan Timming,How 2 Reach Kaila Devi Temple कैला देवी मंदिर करौली: राजस्थान के करौली जनपद से लगभग 25 किमी दूर कालिसिल नदी के किनारे त्रिकुट पर्वत पर कैला गाँव में कैला देवी मंदिर स्थापित है। कैला देवी मंदिर संतान अपने भक्तों की संतान प्राप्ति की आस या पति की चिरायु होने की कामना या अन्य कोई कामना सभी  पूरी करती है. इसी कारण यहाँ प्रतिदिन सैकड़ों भक्त अपने माँ के दर्शन  के लिए यहाँ आते हैं . मंदिर के गर्भग्रह में कैला देवी मंदिर की मुख्य प्रतिमा के साथ मां चामुण्डा अति प्राचीन विग्रह रूप  मे विराजित हैं , देखने मे ये जुड़वाँ सी प्रतीत होती हैं।   कैला देवी मंदिर का इतिहास  | Kaila Devi Temple History In Hindi करौली के यदुवंश  राजवंश की कुलदेवी कैला देवी पूर्वी राजस्थान की मुख्य आराध्य देवी है, ऐसा माना जाता है कि ...

शनि शिंगणापुर धाम a miraculous temple of shanidev Shani Shingnapur शनिदेव जन्मस्थान a 2 z complete information

धर्म Religion, चमत्कारी मंदिर, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage, पश्चिम भारत के तीर्थ
शनि शिंगणापुर धाम a miraculous temple of shanidev Shani Shingnapur शनिदेव जन्मस्थान a 2 z complete information Shani Shingnapur : महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जनपद में स्थित शिंगणापुर गांव में विराजित शनिदेव (shanidev)  की महिमा से पूरा संसार परिचित है । संसार के कोने कोने से शनिदेव के भक्त शनि के प्रकोप से मुक्ति पाने हेतु इस मंदिर में आते है, शनि देव का तेल से अभिषेक करते है, उनकी पूजा करते हैं और शनिदेव की कृपा प्राप्त कर कष्ट , रोग और भय से मुक्ति प्राप्त करते हैं शनि शिंगाणपुर मंदिर में प्रवेश करने के बाद कुछ आगे चलने पर आपको एक खुला मैदान दिखाई देगा जिसके बीच एक संगमरमर के चबूतरे पर प्रभु शनिदेव (shanidev) विशाल काले पत्थर की प्रतिमा के रूप में अपने भक्तो पर कृपा बरसाते हुए विराजित हैं अनेक लोग केसरी रंग के वस्त्र पहनकर मंदिर में आते हैं। प्रतिदिन शनि देव जी की स्थापित मूर्ती का स...

मेहंदीपुर बालाजी:mehandipur balaji:जिनसे डरते हैं भूत a 2 z complete information

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मेहंदीपुर बालाजी:mehandipur balaji:जहाँ भूत डरते हैं a 2 z complete information मेहंदीपुर बालाजी ( mehandipur balaji ) महराज के नाम से भाग जाते हैं भूत प्रेत mehandipur balaji : साथियों राजस्थान के दौसा जनपद के निकट दो पहाडियों के बीच स्थित है -  मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर जोकि पूरे देश विदेश में उन मंदिरों में से एक मंदिर है,जहाँ जाने मात्र से भाग जाते है वो भूत प्रेत , चूँकि हनुमान जी ने अपने बाल रूप में बहुत सी लीलाएँ की हैं इसलिए कुछ स्थानों पर इन्हें बालाजी के नाम से भी जाना जाता है। जी हाँ सही पढ़ा आपने मेहंदीपुर बालाजी ( mehandipur balaji ) में सैकड़ों भक्तो का मेला लगा होता है जो भूत प्रेत या किसी उपरी बाधा से दुखी होते है और यहाँ प्रभु मेहंदीपुर बालाजी की कृपा पाने के लिए दूर दराज स्थानों से आते हैं और ठीक होकर जाते है इसीलिए यहाँ आपको अनेक विचित्र दृश्य देखने को मिल जाएंगे...

Siddhivinayak-Lord of miracles:सिद्धिविनायक-बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया a 2 z info

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Siddhivinayak-Lord of miracles: सिद्धिविनायक-बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया a 2 z info सिद्धिविनायक मंदिर( siddhivinayak temple ) मुंबई के प्रभा देवी नामक  स्थान पर भगवान गणेश जी का एक सुप्रसिद्ध मंदिर है, किसी भी शुभ कार्य जैसे विवाह, ग्रह प्रवेश,वाहन और भूमि पूजन आदि मे भगवान गणेशजी की पूजा सनातन धर्म मे सबसे पहले करने का विधान है।  वैसे तो भगवान श्री गणेश जी के प्रमुख मंदिरों में अष्‍टविनायक मंदिर भी आते हैं जोकि पुणे के विभिन्‍न आठ स्थानों में  स्थित हैं । चूंकि भगवान गणेश जी यहाँ स्‍वयं प्रकट हुए थे ,किसी ने भी उनकी प्रतिमा स्‍थापित नहीं की थी इसलिए इन मंदिरों को स्‍वयंभू मंदिर भी कहा जाता है। लेकिन सिद्धिविनायक मन्दिर श्री गणेश जी का एक ऐसा मंदिर है जो अष्टविनायक में नहीं होते हुए भी सिद्धपीठ कहलाता है। सिद्धिविनायक मन्दिर के गणपति के भक्त संसार के हर कोने में हैं लेकिन महाराष...

brahma ji temple pushkar a 2 z tour guide ब्रह्मा जी की तपस्थली

तीर्थ-Tirth/Pilgrimage, पश्चिम भारत के तीर्थ
brahma ji temple pushkar a 2 z tour guide ब्रह्मा जी की तपस्थली brahma ji temple pushkar : भारत के पश्चिम में राजाओ के स्थान यानि राजस्थान राज्य में समुद्रतल से 2389 फुट पर स्थित तीर्थराज पुष्कर को कौन नही जानता है,यहाँ भारत के प्राचीनतम नगरों में से एक पुष्कर में देश विदेश से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री और पर्यटक आते है| पुष्कर के महत्व को इसी से समझा जा सकता है कि हिन्दू तीर्थस्थलों चार धाम के बाद पुष्कर का ही स्थान आता है यानि पुष्कर पांचवे धाम के रूप में जाना जाता है | पुष्कर में ब्रह्मा जी का मंदिर, पुष्कर झील और पुष्कर मेला , विश्व प्रसिद्ध है | पुष्कर के महत्व को आप इसी बात से समझ सकते है कि वाल्मीकि रामायण के अनुसार ऋषि विश्वामित्र ने यहाँ तप किया था , अप्सरा मेनका यहाँ स्थित पुष्कर झील में स्नान करने आई थीं | पद्मपुराण के अनुसार ब्रह्मा जी ने यहाँ यज्ञ किया था | पुष्कर के पूर्व...

nageshwar jyotirlinga-प्रभु नागेश्वर मंदिर,द्वारिका,गुजरात

12 jyotirlinga, चमत्कारी मंदिर, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage, पश्चिम भारत के तीर्थ
nageshwar jyotirlinga-प्रभु नागेश्वर मंदिर,द्वारिका,गुजरात गुजरात राज्य के द्वारिका नगर से लगभग 16 किमी दूर प्राकृतिक और शांत वातावरण में विराजित है प्रभु नागेश्वर nageshwar jyotirlinga | प्रभु नागेश्वर एक ऐसे ज्योतिर्लिंग है जिनके बारे में अनेक मत है जैसे कुछ लोग उत्तराखंड के अल्मोड़ा के निकट जोगेश्वर शिवलिंग को नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मानते है, वहीँ कुछ लोग  महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में और कुछ आंध्र प्रदेश के पूर्णा के निकट लेकिन बहुमत से लोग गुजरात राज्य के द्वारिका नगर के निकट स्थित ज्योतिलिंग को ही प्रभु नागेश्वर ज्योतिलिंग nageshwar jyotirlinga मानते है और हम भी उन्ही के बारे में आपको बता रहें है शिव महापुराण के द्वादाश्ज्योतिर्लिंग स्तोत्रं के अनुसार भी नागेशं दारुकावने अर्थात नागेश्वर जो द्वारका के निकट वन में स्थित है| इन्हें 12 ज्योतिलिंगो में दसवे क्रम पर माना ...
द्वारिकाधीश मंदिर (dwarikadheesh temple) A 2 Z Complete & Easy Guide

द्वारिकाधीश मंदिर (dwarikadheesh temple) A 2 Z Complete & Easy Guide

चार धाम Char dhaam, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage, पश्चिम भारत के तीर्थ
द्वारिकाधीश मंदिर(dwarikadheesh temple) A 2 Z Complete & Easy Guide द्वारिकाधीश मंदिर (dwarikadheesh temple) गुजरात के जामनगर जनपद में गोमती नदी जिसे गोदावरी के नाम से भी जाना जाता है के तट पर स्थित है और ये वो प्रभु श्री कृष्णा की नगरी द्वारका है जिसके विषय में कहा जाता है कि इसे देवताओं ने एक ही रात में बना दिया था | हिन्दू धर्म के अनुसार द्वारिकाधीश मंदिर का निर्माण भगवान श्री कृष्ण के पोते वज्रभ ने करवाया था जिसको कालांतर में पुनःस्थापित आदि शंकराचार्य ने किया| गुजरात के अहमदाबाद से लगभग 380 किलोमीटर की दूर स्थित है द्वारका । इस नगरी का निर्माण प्रभु श्री कृष्णा ने मथुरा छोड़ने पर किया था और अपने सभी बंधू बान्धव के साथ यहाँ निवास किया था |ये वही द्वारका है जिसे द्वारकापुरी ,जगत मंदिर और त्रिलोक मंदिर के नाम से भी जाना जाता है और ये प्रभु कृष्णा की सप्तपुरियों में से एक है । ...
ghushmeshwar jyotirlinga-घृष्णेश्वर मन्दिर महराष्ट्र-संतान देने वाले ज्योतिर्लिंग

ghushmeshwar jyotirlinga-घृष्णेश्वर मन्दिर महराष्ट्र-संतान देने वाले ज्योतिर्लिंग

12 jyotirlinga, तीर्थ-Tirth/Pilgrimage, पश्चिम भारत के तीर्थ
ghushmeshwar jyotirlinga - घृष्णेश्वर मन्दिर महराष्ट्र-संतान देने वाले ज्योतिर्लिंग (ghushmeshwar jyotirlinga kaha hai) ghushmeshwar jyotirlinga : महाराष्ट्र के औरंगाबाद से लगभग 28- कि.मी. की दूरी  पर ,दौलताबाद  निकट वेरुल नामक गांव में बारह  ज्योतिर्लिंगों  में से अंतिम ज्योतिर्लिंग घृष्‍णेश्‍वर महादेव विराजित है | अनेक लोग इन्हें घुश्मेश्वर, घुसृणेश्वर या घृष्णेश्वर के नाम से भी जानते हैं। शिवपुराण में भी घुश्मेश्वर महादेव का वर्णन मिलता है,ऐसा देखा गया है की जिन दम्पतियों को अनेक स्थानों पर उपचार कराने के बाद और अनेक वर्षों के बाद भी जब संतान नही होती है , तो प्रभु घुश्मेश्वर ghushmeshwar jyotirlinga के पूजन से और प्रभु की कृपा से उनको भी संतान प्राप्त हो जाती है | image source : Pinterest  प्रभु घुश्मेश्वर के दर्शन करने उनको भक्त पुरे वर्ष ही भारी संख्या में यह...
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