कुंडली में मकान के योग || मेरा घर कब बनेगा Own House Yoga in Kundli a 2 z info
साथियों सभी व्यक्तियों का ये सपना होता है की उनका स्वंम का मकान हो, सब जानना चाहते है कि ” मेरा घर कब बनेगा” या मेरी कुंडली में मकान के योग है या नही और ऐसा मात्र हम सब मनुष्यों के साथ ही नही बल्कि आकाश में उड़ने वाले पक्षी भी जब अपना परिवार बढ़ाते है तो पहले पेड़ों पर अपना घोसला बनाते है …चाहे छोटा हो या बड़ा ,अपना मकान हम सब चाहते है|
लेकिन क्या कारण होते कि कुछ लोगो के मकान बहुत ही सरलता से बन जाते है जबकि कुछ लोगों के मकान पूरे जीवन में भी नही बन पाते है | कुछ लोगों के पास बहुत ही कम आय की नौकरी या व्यवसाय होने पर भी बड़े मकान होते है ….वहीँ कुछ लोगों के पास अच्छी नौकरी होने पर भी वो कभी मकान नही बनवा पाते है |
मित्रो इन सबके पीछे हमारी कुंडली होती है …तो आईये जानने का प्रयास करते है “कुंडली में स्वंम का मकान के योग ”
you are reading कुंडली में मकान के योग || मेरा घर कब बनेगा Own House Yoga in Kundli
कुंडली में मकान के योग || मेरा घर कब बनेगा Own House Yoga in Kundli
- कुंडली में चतुर्थ भाव,चतुर्थ भाव का स्वामी,मंगल और शनि जितने बलवान और शुभ ग्रहों के प्रभाव में होंगे, उस व्यक्ति का स्वंम का मकान बनने की उतनी ही अधिक सम्भावना होती है |
- कुंडली में यदि 4th भाव का स्वामी 4th भाव को पूर्ण दृष्टि से देख रहा हो और 4th भाव स्वामी पर शुभ ग्रहों की दृष्टि भी हो तो ऐसे व्यक्ति की कुंडली में मकान के योग अवश्य ही होते है , किन्तु यदि इस भाव पर शत्रु ग्रह की भी दृष्टि हो तो मकान तो कठिनाईयों से बनता है और मकान के लिए लडाई झगडे भी करने पड़ जाते है
- कुंडली के चतुर्थ भाव अथवा चतुर्थेश पर किसी शुभ ग्रह या ग्रहो की दृष्टि हो अथवा चतुर्थ भाव में स्वंम शुभ ग्रह बलवान होकर बैठे हों तो व्यक्ति को अपना मकान अवश्य प्राप्त होता है |
- कुंडली में यदि एकादश भाव का शुभ सम्बन्ध चतुर्थ भाव से किसी भी प्रकार का सम्बन्ध बन रहा हो तो व्यक्ति के एक से अधिक मकान होते है अथवा मकान क्रय विक्रय ही उसका career बन जाता है |
- कुंडली में यदि चतुर्थ, अष्टम और एकादश भाव का सम्बन्ध बन रहा हो तब जातक को पैतृक संपत्ति मिलती है अथवा ससुराल के सहयोग से मकान प्राप्त होता है |
- यदि चतुर्थ भाव के स्वामी या चतुर्थेश का संबंध बारहवें भाव से बन रहा हो तब व्यक्ति अपने मूल स्थान से कहीं दूर जाकर अपना मकान बनता है या विदेश में अपना मकान बनाता है
- यदि चतुर्थ भाव या उसके स्वामी पर बुद्ध ग्रह का शुभ प्रभाव हो तो व्यक्ति का मकान व्यापारिक स्थल या बाज़ार में होता है अथवा वो अपने मकान से व्यापारिक गतिविधियों को संचालित करता है |
- यदि कुंडली में चतुर्थ भाव या उसके स्वामी का सम्बन्ध किसी भी प्रकार से नवम भाव या उसके स्वामी से बन रहा हो तो उस व्यक्ति का मकान सरलता से बन जाता है, इस प्रकार की कुंडली में मकान बनने में विशेषकर पिता का सहयोग होता है |
- यदि कुंडली में चतुर्थ स्थान पर शुक्र ग्रह का शुभ प्रभाव हो तो ऐसा व्यक्ति अपने मकान में जब तक रहता है,सुखी रहता है|उसके मकान में सुख सुविधा के अनेक साधन होते है |
ये भी पढ़े : कब होती है love marriage ? प्रेम विवाह – 10 hidden secret
you are reading कुंडली में मकान के योग || मेरा घर कब बनेगा Own House Yoga in Kundli
- यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चतुर्थ भाव का स्वामी चतुर्थ भाव में ही स्थित हो तथा चतुर्थ भाव पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि हों और वो शुभ ग्रह लग्नेश का मित्र ग्रह हो तो उस व्यक्ति को उत्तम भवन (मकान) सुख की प्राप्ति होती है|
- यदि चतुर्थ भाव पर मंगल की उच्च की दृष्टि हो और शनि की स्वराशी दृष्टि ( जिसमे ग्रह अपने ही घर को देखता है ) हो तो अच्छे स्थान पर अच्छा मकान प्राप्त होता है इस प्रकार के योग तुला लग्न में बनते है |
- यदि चतुर्थ भाव या चतुर्थ भाव के स्वामी पर सूर्य का प्रभाव हो किन्तु कुंडली में शनि कमजोर हो तो उस व्यक्ति को सरकारी मकान प्राप्त होता है |
- यदि लग्नेश चतुर्थ स्थान पर स्थित हो तथा चतुर्थेश लग्न में बैठा हो तो चतुर्थ भाव के स्वामी की महादशा,अन्तर्दशा या प्रत्यंतर दशा में जातक को भव्य व बड़े़ मकान का सुख प्राप्त होता है।
- यदि चतुर्थ भाव में कोई भी ग्रह उच्च का होकर बैठा हो तो उस ग्रह की महादशा,अन्तर्दशा या प्रत्यंतर दशा में उस व्यक्ति को स्वंम का मकान प्राप्त होता है |
- यदि चतुर्थ भाव या उसको स्वामी पर शनि का प्रभाव हो तो व्यक्ति का मकान एकांत में या निर्जन स्थान पर होता है,यदि शनि पर या चतुर्थ भाव या चतुर्थ भाव के स्वामी पर किसी शुभ ग्रह का प्रभाव हो तो इस दोष में कमी आ जाती है |
- यदि कुंडली में चतुर्थ भाव का स्वामी शनि हो और अपने ही घर यानि चतुर्थ भाव को देख रहा हो किन्तु शनि पर कोई शुभ प्रभाव न हो तो मकान प्राप्त होने पर भी उस मकान का सुख प्राप्त नही होता है अथवा वो व्यक्ति उस मकान से जितनी दूर रहता है सुखी रहता है लेकिन मकान में आते ही दुखी हो जाता है |
- यदि चतुर्थ भाव या चतुर्थ भाव के स्वामी पर राहु का प्रभाव हो तो ऐसे व्यक्ति का मकान अकस्मात् बनता है या मकान बनने के बाद उसमे तोड़ फोड़ अवश्य होता है | इस प्रकार की कुंडली वाले व्यक्ति यदि अपने जीवन में उन्नति चाहता है तो उसे मकान की उपरी मंजिल पर रहना चाहिए |
- मकान बनने के लिए आय ( इनकम ) अच्छी होना भी अति आवश्यक है यानि आय (11 th) भाव का शुभ और बली होना भी बहुत आवश्जयक है। जैसे 11 th भाव का स्वामी चतुर्थ भाव में स्थित हो तो एक से अधिक निवास बनने के योग बन जाते हैं , यदि चतुर्थेश एकादश भाव में बैठ जाये तो जातक मकान क्रय विक्रय का काम ही करने लगता है और मकान क्रय विक्रय का काम उसकी आजीविका बन जाता है
- कुंडली में यदि 4th , 8th और 11th भाव में शत्रुता न हो और एक दूसरे के साथ इनका शुभ संबंध बन रहा हो तो जातक अपने जीवन में अपना मकान अवश्य बना लेता है।
ये भी पढ़े : how decide subjects in education easily || कुंडली से विषय चयन
निष्कर्ष :
साथियों हमें आशा है कि आपको ये पोस्ट “कुंडली में मकान के योग || मेरा घर कब बनेगा Own House Yoga in Kundli a 2 z info ” पसंद आई होगी , यदि हाँ तो इसे अपने जानने वालों में share करें। , कुंडली विश्लेषण के लिए हमारे WhatsApp number 8533087800 पर संपर्क कर सकते हैं
अब यदि कोई ग्रह ख़राब फल दे रहा हो , कुपित हो या निर्बल हो तो उस ग्रह के मंत्रों का जाप , रत्न आदि धारण करने चाहिए ,
इसके साथ ही आप ग्रह शांति जाप ,पूजा , रत्न परामर्श और रत्न खरीदने के लिए अथवा कुंडली के विभिन्न दोषों जैसे मंगली दोष , पित्रदोष आदि की पूजा और निवारण उपाय जानने के लिए भी संपर्क कर सकते हैं
अपना ज्योतिषीय ज्ञान वर्धन के लिए हमारे facebook ज्योतिष ग्रुप के साथ जुड़े , नीचे दिए link पर click करें
ये भी पढ़े : पुरुष और स्त्री की कुंडली में अवैध संबंध के योग 21 extramarital affairs conditions
**********************************
सरल भाषा में computer सीखें : click here
**********************************