how decide subjects in education easily || कुंडली से विषय चयन

how decide subjects in education easily||कुंडली से विषय चयन

subjects in education : साथियों हम सभी मनुष्य अपने जीवन में सफल होना चाहते है, हम सभी अपने जीवन में अच्छा खानपान, अच्छा रहन सहन चाहते है और उसके लिए जितनी हमारी समझ होती है उतना ही हमारा संघर्ष होता है |

हमारी समझ में हमारी स्वंम की शिक्षा (education),पारिवारिक शिक्षा,आसपास का वातावरण का बहुत गहरा सम्बन्ध होता है |

हमारी स्वंम की शिक्षा जैसी भी रही हो लेकिन हम अपने बच्चो को हमेशा ही अच्छी शिक्षा (education) देना चाहते है, कुछ परिवार जिनकी आय किन्ही भी कारणों से कम होती है लेकिन तब भी वो अपनी संतानों को अच्छी शिक्षा दिलवाना चाहते है ,उन्हें अपनी आय का एक बड़ा भाग तक अपने बच्चो की शिक्षा में व्यय करना पड़ता है |

अपनी आय का एक बड़ा भाग अपने बच्चे की शिक्षा (education) में व्यय कर देना क्या उचित है|

हमारे अनुसार 50 % उचित और 50 % अनुचित है |

उचित इसलिए कि अच्छी शिक्षा पर सबका अधिकार है और अनुचित इसलिए कि मात्र कुंडली तय करती है कि आपकी शिक्षा किस विषय (subjects ) में होगी | 

मित्रों जब तक हमे अपने बच्चे की प्रकृति पता नही होगी तब तक न तो हम स्वंम बच्चे की शिक्षा (subjects in education) से जुड़ा कोई निर्णय ले पाएंगे और न ही आपका बच्चा ही सही विषय (subjects ) का चयन कर पायेगा | 

…और बच्चे की प्रकृति पता करने का सबसे सरल माध्यम है ज्योतिष …जो हमारे सनातन धर्म और संस्कृति का सबसे मजबूत आधार है |

मित्रों कुंडली को समझते हुए शिक्षा में विषय (subjects in education) का चयन हमें अच्छी सफलता दिला सकता है | सभी विद्यार्थी doctor / engineer बनने के लिए नही जन्म लेते है …वो एक अच्छे कलाकार,खिलाडी या एक सफल व्यापारी भी बन सकते है |

तो आइये जानते है ज्योतिष से अपने बच्चे की शिक्षा में विषय (subjects in education) का चयन  कैसे  करें :-

  1. किसी भी व्यक्ति की कुंडली में शिक्षा का भाव ,पंचम भाव होता है, इसके द्वारा ये पता लगता है कि व्यक्ति अपने सम्पूर्ण जीवन में कितनी और किस प्रकार की शिक्षा प्राप्त कर सकेगा |

लेकिन इसके अतिरिक्त कुंडली में शिक्षा को विस्तार पूर्वक इस प्रकार देखते है :-

  1. किसी व्यक्ति की कुंडली से प्रारंभिक शिक्षा अर्थात पांचवी कक्षा तक की शिक्षा (education) कैसी होगी ये कुंडली में द्वितीय भाव बताता है |
  2. किसी व्यक्ति की कुंडली में स्नातक ( graduation ) तक कि शिक्षा, कुंडली में पंचम भाव से पता चलती है |
  3. किसी व्यक्ति की कुंडली में परास्नातक / स्नाकोत्तर ( post graduation ) तक कि शिक्षा, कुंडली में नवम भाव से पता चलती है|
  4. किसी व्यक्ति की कुंडली में पंचम भाव का सम्बन्ध अष्टम भाव से बन जाये तो उस व्यक्ति को कोई भी विषय (subjects ) देर में समझ में आता है, ऐसे में यदि नवम भाव बलवान हो तो व्यक्ति post graduation और उसके बाद research तक कर जाते है किन्तु नवम भाव निर्बल हो तो high school (10th ) या Intermediate ( 12th ) तक की शिक्षा प्राप्त करना भी कठिन हो जाता है |
  5. किसी व्यक्ति की कुंडली में पंचम भाव पर राहु की दृष्टि हो और राहु लग्न के स्वामी का मित्र न हो तो उस व्यक्ति की शिक्षा (education) में अवश्य ही रूकावट आती है , ये रूकावट इस बात पर भी निर्भर करती है कि पंचम भाव पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि है या नही लेकिन राहु की दृष्टि होने पर भी यदि पंचमेश ( पंचम भाव का स्वामी ) अपने मित्र ग्रह के साथ कुंडली के केंद्र में अथवा त्रिकोण में हो तो व्यक्ति कुछ रूकावट के साथ उच्च शिक्षा प्राप्त करता है |
  6. किसी व्यक्ति की कुंडली में पंचम भाव के स्वामी का सम्बन्ध , कुंडली के व्यय अर्थात कुंडली के बारवें भाव से हो जाये और नवम भाव बलवान हो तो वो व्यक्ति शिक्षा (education) प्राप्त करने लिए विदेश तक जाता है|
  7. किसी व्यक्ति की कुंडली में पंचम भाव के स्वामी का सम्बन्ध,कुंडली के 6, 8, 12 वे भाव से होना शिक्षा (education) के लिए अच्छा नही माना जाता है लेकिन ऐसे में यदि कुंडली में बृहस्पति और नवम भाव बलवान हो तो वो व्यक्ति क्रमश चिकित्सा,वित्त / शोध / विदेशी मामले ( external affairs ) में जुड़ी शिक्षा प्राप्त करता है |

यदि कुंडली में बृहस्पति और नवम भाव निर्बल हो तो उस व्यक्ति का पढने लिखने में मन नही लगता है | यदि वो पढना भी चाहता है तो उसको विषय (subjects ) समझ में ही नही आता है कि किस विषय में पढ़े / शिक्षा में कौन सा विषय लें

subjects in education

( शिक्षा में विषय का चयन – subjects in education)

  • पंचम भाव में सूर्य हों तो –

प्रशासनिक( Administrative ), राजनीति शास्त्र ( Political Science ), जीव विज्ञान( Biology), चिकित्सा ( Medical ), शरीर विज्ञान, प्राणीशास्त्र, नेत्र-चिकित्सा, राजभाषा इतियादी ।

  • पंचम भाव में चन्द्र हों तो –

पर्यटन, डेयरी विज्ञान, काव्य, पत्रकारिता, नर्सिंग, मर्चेंट नेवी, मत्स्य, कृषि इतियादी |

  • पंचम भाव में मंगल हों तो –

चिकित्सा, सैनिक शिक्षा, पुलिस बल,शल्य चिकित्सा(surgeon),दंत चिकित्सा, खेल-कूद इतियादी |

  • पंचम भाव में बुध हों तो –

mass communication,गणित, पुस्तकालय विज्ञान, लेखा, व्याकरण,ज्योतिष, दुभाषिया भाषा विज्ञान, वाणिज्य, शिक्षक।

  • पंचम भाव में गुरू हों तो –

दर्शन, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, धार्मिक या आध्यात्मिक शिक्षा (education), काव्य,व्यापारिक शिक्षा (business management), शिक्षक(b.ed / btc ) इतियादी |

  • पंचम भाव में शुक्र हों तो –

फैशन डिजायनिंग, अभिनय, संगीत, नृत्य, चित्रकला,event management ,फिल्म, television ,makeup, software development इतियादी ।

  • पंचम भाव में शनि हों तो –

इतिहास, भवन निर्माण,भूगर्भशास्त्र, सर्वेक्षण  ( Survey), अभियांत्रिकी( Engineering), औद्योगिकी( Industrial Science), यांत्रिकी ( Mechanical), Railway, पेट्रोलियम, वकालत, न्यायालय इतियादी  ।

  • पंचम भाव में राहु हों तो –

राजनीती शस्त्र ,Glass related ( काँच से बनने वाली वस्तुए ), Plastic industry , electronics ( mobile – television making etc ), आग ( fire ), विष्फोटक ( explosive ), अंतरिक्ष विज्ञान ( space science ) जादू , सर्कस, printing ,newspaper,advertisement ,animation,photography , film making ( film industry में सफलता के लिए अच्छे शुक्र के साथ अच्छा राहु भी आवश्यक है ) इतियादी |

  • पंचम भाव में केतु हों तो –

गुप्त विद्याएं, अध्यात्म ,furniture इतियादी |

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साथियों किसी भी कुंडली में पंचम भाव, शिक्षा (education) के साथ साथ प्रेम संबंधो का भी होता है | यदि पंचम भाव बलवान है , बृहस्पति अच्छे है और आपके प्रारब्ध में अच्छी शिक्षा नही है तो आप प्रेम संबंधो में पड़ जाते है | बलवान पंचम भाव – प्रेम सम्बन्ध का फल दे देता है लेकिन शिक्षा औसत या उससे भी कम कर देता है |

ये सब कुछ हमारी आयु और परिस्थियों पर भी निर्भर करता है ,यदि कोई व्यक्ति शिक्षा (education) प्राप्ति के बाद नौकरी या व्यवसाय कर रहा हो और उसके पंचमेश की दशा प्रारंभ हो जाये तो क्या वो नौकरी छोड़कर पढाई करने लगेगा ?

कदापि नही– बल्कि वो व्यक्ति प्रेम संबंधो में पड़ जायेगा ठीक इसी प्रकार कोई 55 – 60 वर्ष के व्यक्ति का पंचम भाव बलवान हो ,पंचमेश की दशा चल रही हो तो वो किसी से प्रेम नही करेगा बल्कि उस दशा का लाभ उसके पुत्र पुत्रियों की उन्नति के रूप में मिलेगा (ये बात अलग है कि कुछ लोगो की उम्र 55 की और दिल बचपन का होता है …वो किसी भी आयु में प्रेम करने के लिए मुक्त है )

अब जैसे

  • पंचम भाव में शुक्र बलवान हो , पंचमेश की दशा चल रही हो तो फैशन , film ( और प्रेम संबंधो ) etc से दूरी बनाये | ये स्थिति बहुत अच्छी शिक्षा देने की क्षमता रखती है ( विशेषकर computer programming , software development , fashion designing etc में )

अन्यथा 

( इस स्थिति में प्रेम संबंधो से शिक्षा प्रभावित होने के योग बनते है )

  • पंचम भाव में शनि बलवान हो , पंचमेश की दशा चल रही हो तो research करें, chemical या mechanical  diploma या engineering करें |

अन्यथा 

(इस स्थिति में विजातिये / विधर्मी या अपने से बड़ी आयु के व्यक्ति से प्रेम संबंधो से शिक्षा प्रभावित होने के योग बनते है )

  • पंचम भाव में राहु बलवान हो , पंचमेश की दशा चल रही हो तो किसी startup की शुरुआत  करें, बड़े सपने देखे और भरपूर मेहनत करे आप आसमान झुका सकते है | राहु देव अत्यधिक बलवान ग्रह है , जिसकी आप कल्पना नही कर सकते है , राहु की कृपा से आप अकल्पनीय लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते है | ( ऐसी स्थिति में mobile और tv से दूर रहें |)

अन्यथा 

(इस स्थिति में भी विजातिये / विधर्मी व्यक्ति से प्रेम संबंधो से शिक्षा प्रभावित होने के योग बनते है )

  • पंचम भाव में केतु बलवान हो , पंचमेश की दशा चल रही हो तो Intelligence Bureau  में नौकरी की तैयारी करें, interior decoration , furniture ,horticulture , clay art ( मिट्टी से बनी कलात्मक वस्तुए ) के क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त करे 

अन्यथा 

(इस स्थिति में गुप्त प्रेम संबंधो से शिक्षा प्रभावित होने के योग बनते है,जिसे परिवार के लोग , मित्रगण सरलता से नही जान पाते है |)

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Note :- बृहस्पति और राहु सभी प्रकार की शिक्षा देने की क्षमता रखते है | बृहस्पति देव  द्वारा दी गयी शिक्षा प्रमाणित होती है ( जिसमे आपको certificate यानि प्रमाण मिलता है ) वहीँ राहुदेव जब शिक्षा देने पर आते है तो आप दूसरों को देखकर , बिना शिक्षक के पुस्तकों से , film और video से यानि किसी भी माध्यम से शिक्षा दे सकते है ( इस स्थिति में बृहस्पति देव अच्छे होते है तो प्रमाण मिल जाता है अन्यथा व्यक्ति अपने विषय का master होता है लेकिन उसके पास certificate या कोई  गुरु नही होता है | जैसे एकलव्य ने धनुष विद्या सीखी थी |)

Remark :- ज्योतिष एक सम्पूर्ण विज्ञान है और ये software programming ( if-then-else ) जैसे ही result देता है,जैसे programming( coding) गलत होगी तो result गलत आएगा ठीक उसी प्रकार ज्योतिष की समझ नही होगी तो फलित गलत देंगे और आप सोचेंगे कि ज्योतिष ढोंग है | ज्योतिष एक विज्ञान है और पूर्णतः प्रमाणित , प्राचीन सनातन संस्कृति का एक भाग है और सर्वदा सत्य है | 

ज्योतिष — ईश्वर की ज्योति है |

*  आप चाहे तो ज्योतिष विश्लेषण के लिए हमारी email id या नीचे दिए गये comment box के द्वारा हमसे संपर्क कर सकते है |

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