अपने जानने वालों में ये पोस्ट शेयर करें ...
Table of Contents
पुरुष और स्त्री की कुंडली में अवैध संबंध के योग 21 extramarital affairs conditions
ज्योतिष अनुसार पुरुष और स्त्री की कुंडली में अवैध संबंध के योग (extramarital affairs) विभिन्न ग्रह स्थितियों के कारण बनते हैं ,तो जब भी वैवाहिक जीवन में अवैध संबंधो के के कारण तनाव आ रहा हो तो स्त्री की कुंडली और पुरुष की कुंडली दोनों ही देखनी चाहिए
ज्योतिष के अनुसार कुंडली का प्रथम स्थान किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व केविषय में बताता है और सातवां भाव उसके पार्टनर के विषय में बताता है।
आइये करते है चर्चा कुंडली में अवैध संबंध के योग (extramarital affairs) विषय पर
पुरुष और स्त्री की कुंडली में अवैध संबंध के योग (extramarital affairs)
1 .यदि किसी स्त्री की कुंडली में लग्न , 6th भाव , 7 th भाव या 12 th भाव में कन्या राशि में मंगल हो तो ऐसी स्त्रियों का चरित्र ख़राब हो सकता है
2. किसी स्त्री कुंडली में लग्न स्थान का स्वामी बारहवें भाव में बैठा हो और लग्नेश पर पाप ग्रहों की दृष्टि और लग्न या लग्नेश पर गुरु की दृष्टि न हो उस स्त्री की कुंडली में चरित्रहीनता के योग (extramarital affairs) उत्पन्न हो जाते हैं और वो किसी भी पुरुष के साथ संबंध बना सकती है।
3. यदि कुंडली में कहीं भी शुक्र और मंगल एक राशि में हो तो भी एक से अधिक गुप्त प्रेम संबंध बनने के योग बनते हैं।
4. यदि कुंडली में मंगल की राशि में शुक्र या शुक्र की राशि में मंगल हो तो भी जातक में कामुकता बढ़ जाती है।
5. यदि कुंडली में शत्रु भाव स्वामी बन गुरु 4th – 6th- 8th भाव में हो तो जातक अपनी वासना की पूर्ति के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाता है किन्तु वो बाते लोगों को पता नही चल पाती हैं ।
6. किसी भी लड़के या स्त्री की कुंडली में शुक्र और मंगल एक राशि में हो तो उनके एक से अधिक गुप्त प्रेम संबंध चलते रहते हैं।
7. कुंडली में लग्न यानि प्रथम भाव में कन्या राशि में मंगल बैठा हो और सातवें स्थान में शुक्र बैठा हो तो भी स्त्री की कुंडली में अवैध संबंध के योग बनते है ।
ये भी पढ़े : क्या होता है मंगल दोष? mangal dosh easy explanation a 2 z
8. पुरुष की कुंडली में चंद्र मीन राशि में 12 th भाव में स्थित हो तो व्यक्ति अनेकों स्त्रियों से अवैध संबंध बनता है।
स्त्री की कुंडली में अवैध संबंध (extramarital affairs)
9. स्त्री की कुंडली में राहु खराब हो और लग्न , लग्नेश या सप्तम या सप्तमेश या द्वादश द्वादशेश से संबंध बना रहा हो तो ये बेईमान और धोखेबाज बनाता है। राहु के कारण ऐसी स्त्री जीवन में आगे बढ़ने के लिए गलत रास्ते भी चुन सकती है जैसे आगे बढ़ने के लिए वो अपने शरीर का सौदा भी करने के लिए तैयार रहती है ।
10. स्त्री की कुंडली में केतु खराब हो और लग्न , लग्नेश से संबंध बना रहा हो तो ये व्यक्ति का स्वभाव से कठोर हो जाता है और उसकी वाणी ठीक नहीं होती है ऐसा व्यक्ति देर रात में भी सक्रिय रहता है और गलत कामों को करता है।
11. स्त्री की कुंडली में शनि लग्न में स्थित हो तो और साथ ही मंगल भी हो तो उसमें वासना अधिक रहने की सम्भावना बनती है क्योंकि शनि और मंगल के योग से प्रबल यौनआकांक्षा उत्पन्न होती है।
12. जहाँ दशवें स्थान पर शनि का होना स्त्री की कामुकता बढाता है वहीँ चौथे भाव में होने पर ऐसी स्थिति बन जाती है कि अवैध संबंध न चाहते हुए भी बन जाते है।
स्त्री की कुंडली में अवैध संबंध (extramarital affairs)
13. यदि सप्तम भाव पर शुक्र, मंगल और चंद्रमा का प्रभाव हो और उस पर शनि की दृष्टि हो ये प्रभाव भी स्त्री की कुंडली में अवैध संबंध के योग बना देता है।
14. कुंडली में तुला राशि में स्थित चंद्र और शुक्र की युति भी पुरुष और स्त्री की काम वासना को बड़ा देती है। ये युति लग्न में या सप्तम भाव में जातक को अत्यंत कामुक बना देती है।
15. वही सप्तम या द्वादश भाव स्थित शुक्र पर मंगल या राहु दृष्टि हो तो ऐसे जातक कई लोगों से शारीरिक संबंध बना लेते है।
16. शनि लग्न में हो तो जातक में वासना अधिक होती है वहीँ पंचम भाव में बड़ी आयु या अपने कुल जाति धर्म से परे व्यक्ति से आकर्षण देता है और प्रेम संबंध बनवाता है वहीँ चंद्र के साथ होने पर विवाहित स्त्री पुरुष से संबंध बन जाते है ,
17. जब स्त्री कुंडली में शनि मंगल के साथ होते हैं तो स्त्री में कामुकता अधिक होती है और पुरुष की कुंडली में शुक्र के साथ होने पर पुरुष में कामुकता बढ़ जाती है।
ये भी पढ़े : 35 easy remedies for delay in marriage-विवाह में विलंब को दूर करने के उपाय
18.कुंडली में सातवें भाव में यदि मंगल, बुध और शुक्र एक साथ बैठे हों और इस योग पर किसी भी शुभ ग्रह की दृष्टि न पड़े तो ऐसे व्यक्ति में अधिक कामुकता होती है , यहाँ तक की ऐसा व्यक्ति अप्राकृतिक सेक्स भी करने लगता है ।
19. सप्तम स्थान में मंगल और शनि की युति होने पर व्यक्ति समलिंगी यौन संबंध भी बना लेता है। यदि कुंडली में शुक्र मेष,सिंह, धनु, वृश्चिक राशि में स्थित हो या नीच का हो जाये और साथ ही इस शुक्र पर मंगल शनि या राहु केतु की दृष्टि हो या इन ग्रहों के साथ युति हो तो ऐसा व्यक्ति में अवैध संबंध की ओर आकर्षित होता है।
20. यदि कुंडली में चंद्रमा भी पीड़ित और पंचम भाव पर मंगल, शनि, राहु का प्रभाव हो तो ये भी अवैध संबंध का कारण बनता है । नवांश कुंडली में बारहवें भाव में शुक्र मंगल की युति व्यक्ति को चरित्रहीन बनता है ।
21. यदि स्त्री की कुंडली में नवांश में शनि शुक्र की राशि में और शुक्र शनि की राशि में हो तो भी स्त्री की कुंडली में अवैध संबंध के योग (extramarital affairs) बन जाते हैं
ये भी पढ़े : भूतों ने 1 रात में बना डाला ये मंदिर bhooton ka mandir
टेक्नोलॉजिकल ज्ञान : दिमाग को पढने वाला 37 लाख का हेल्मेट