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भूतों ने 1 रात में बना डाला ये मंदिर bhooton ka mandir
bhooton ka mandir :उत्तर प्रदेश राज्य के हापुड़ जनपद में दत्तियाना नाम का एक गांव है जोकि दिल्ली-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग से लगभग आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
इस गाँव में एक शिव मंदिर है जिसके निर्माण की कहानी इस गांव को एक अनोखी पहचान देती है। ये मंदिर लाल ईंटों से बना हुआ है , मंदिर की भव्यता व निर्माणकला के साथ साथ इसके बनने की कहानी बहुत ही आकर्षक और रहस्यमयी है क्योंकि यहाँ रहने वाले निवासियों के अनुसार कुछ सौ वर्षों पहले इस मंदिर को भूतों ( bhoot) ने बनाया गया था और वो भी एक ही रात में ,
इस मंदिर को बनाने में भूत ( bhoot) मंदिर की चोटी का निर्माण नहीं कर पाए थे क्योंकि मंदिर की छोटी बनने के समय तक सुबह हो गयी और चरों ओर प्रकाश फ़ैल गया जिसके कारण भूतों को इस मंदिर का निर्माण अधूरा ही छोड़ना पड़ गया था । बाद में इस शिव मंदिर की चोटी का निर्माण राजा नैन सिंह ने कराया।
इसीलिए इस मंदिर का नाम है भूतेश्वर महादेव मंदिर है ।
तेज धूप और बारिश का कोई प्रभाव नही (bhooton ka mandir)
कहते है ये मंदिर संवत 573 में बना था और इस मंदिर पर तेज धूप और बारिश के पानी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और साथ ही मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा का भी प्रभाव नहीं होता है ।
कहते हैं कि मंदिर में जो भी सच्चे मन से जाकर पूजा करता है, उसकी सारी मनोकामना पूरी होती है।.
गांव दत्तियाना में स्थित इस लाल शिव मंदिर को लोग लाल मंदिर के नाम से भी जानते है और इस प्रसिद्द शिव मंदिर में प्रतिदिन भक्तगण पूजा करने आते हैं। फाल्गुन मास और श्रावण मास में इस मंदिर में विशेष भींड होती है और शिवभक्त दूरदराज से भगवान शिव का जलाभिषेक करने आते हैं।
सबसे पहले गांव के ही शिवभक्तों द्वारा भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है और उसके बाद मंदिर की चोटी पर झंडा चढ़ाया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि इस शिव मंदिर में यदि पूर्ण आस्था के साथ मनोकामना लेकर कोई भक्त आता है तो भोलेनाथ उसकी मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं
भूतेश्वर मंदिर की विशेषता
(bhooton ka mandir ki visheshta )
भूतेश्वर मंदिर की विशेषता ये तो है ही की इसे भूतों ने बनाया है किन्तु साथ ही एक विशेषता ये भी है की इस मंदिर के निर्माण में किसी प्रकार की मिट्टी अथवा चूने का प्रयोग नहीं किया गया है।
इस मंदिर पर तेज धूप और बारिश के पानी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और साथ ही लोगों के अनुसार, इस मंदिर की लगभग 600 मीटर की परिधि में कोई भी आपदा अपना प्रभाव नहीं दिखा पाती है।
सभी धर्मो के प्रतीक चिन्ह
(symbols of all religions)
भूतेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार पर सभी धर्मो का प्रभाव लिए हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई धर्म के प्रतीक चिह्न दिखाई पड़ते हैं।
मंदिर कमेटी के अनुसार गांव में स्थित इस शिव मंदिर को आने वाले शिवभक्तों को ठहरने के लिए भी के लिए विशेष व्यवस्था कराई जाती है।
भूतेश्वर मंदिर में भूतेश्वर शिव जी पर जल चढ़ाने के लिए अलग लाइन लगाई जाती है जिसमे गांव की महिलाओं और पुरुषों के लिए जल चढ़ाने के लिए अलग अलग व्यवस्था है।
कैसे पहुंचे भूतों के मंदिर
how to reach bhooteshwar mahadev mandir
by flight
हापुड़ में कोई हवाई अड्डा नहीं है। निकटतम हवाई अड्डा इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। जोकि हापुड़ से 58 किमी दूर है
Indira Gandhi International Airport (IATA: DEL, ICAO: VIDP),
by train
हापुड़ में अपना रेलवे स्टेशन है जिसका नाम हापुड़ जंक्शन (station code : HPU) है , आप देश के अन्य प्रमुख नगरों से हापुड़ के लिए नियमित ट्रेनें सरलता से प्राप्त कर सकते हैं। हापुड़ के लिए आपको कोई train नही मिल रही हो तो हापुड़ के लिए दूसरा निकटतम रेलवे स्टेशन मेरठ में है जो 29 किमी की दूरी पर स्थित है। जहाँ रेलवे स्टेशन : मेरठ शहर (Station code: MTC) और मेरठ कैंट ( station code : MUT) है
रेलवे रिजर्वेशन देखने के लिए
यहाँ click करे : – IRCTC
by road
हापुड़ में निकटतम बस स्टैंड मोदीनगर है। जहाँ अन्य प्रमुख नगरों से बस सेवा निरंतर चालू रहती है , हापुड़ से मोदीनगर 23 किमी दूर स्थित है
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