गर्मियों के मुख्य पर्व का ज्योतिषीय महत्व

गर्मियों के मुख्य पर्व 2025 – जानिए इनका ज्योतिषीय महत्व

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गर्मियों के मुख्य पर्व 2025 – जानिए इनका ज्योतिषीय महत्व

भारत एक ऐसा देश है जहां हर ऋतु के अनुसार पर्व और त्योहारों की एक अलग छटा होती है। गर्मियों के मुख्य पर्व न केवल सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होते हैं, बल्कि इनका गहरा संबंध हमारे ग्रहों, नक्षत्रों और ज्योतिषीय गणनाओं से भी होता है।

गर्मियों के मुख्य पर्व का ज्योतिषीय महत्व

Photo by Luis Graterol on Unsplash

गर्मियों की शुरुआत और इसका ज्योतिषीय संकेत

गर्मियों की शुरुआत चैत्र महीने से मानी जाती है, जो आमतौर पर मार्च-अप्रैल के बीच आती है। यह वही समय होता है जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है, जिसे ‘मेष संक्रांति’ कहा जाता है। यहीं से गर्मियों के मुख्य पर्व आरंभ होते हैं। सूर्य के इस परिवर्तन से मौसम तो बदलता ही है, साथ ही धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियाँ भी शुरू होती हैं।

1. राम नवमी – सूर्य की शक्ति का प्रतीक

गर्मियों के मुख्य पर्व में राम नवमी का स्थान सबसे ऊपर है। यह पर्व चैत्र शुक्ल नवमी को मनाया जाता है, और इसी दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। यह पर्व सूर्य और चंद्रमा की युति के अनुसार पड़ता है और अत्यंत शुभ माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार इस दिन राम नाम का जाप करने से सूर्य दोष समाप्त होता है।

2. अक्षय तृतीया – अबूझ मुहूर्त का पर्व

वैशाख शुक्ल तृतीया को मनाई जाने वाली अक्षय तृतीया को “अबूझ मुहूर्त” कहा जाता है, यानी इस दिन किसी भी शुभ कार्य को बिना पंचांग देखे किया जा सकता है। गर्मियों के मुख्य पर्व में अक्षय तृतीया का विशेष स्थान होता है क्योंकि यह धन, समृद्धि और शांति का प्रतीक है। इस दिन विवाह, गृह प्रवेश, जनेऊ, आदि शुभ कार्य अत्यधिक फलदायक होते हैं।

3. परशुराम जयंती – ब्राह्मण शक्ति का सम्मान

भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी की जयंती भी गर्मियों के मुख्य पर्व में आती है। यह पर्व अक्षय तृतीया के दिन ही मनाया जाता है और विशेष रूप से ब्राह्मण समुदाय द्वारा पूजनीय होता है। इस दिन गुरु और वेदों का विशेष महत्व होता है।

 4. बुद्ध पूर्णिमा – ज्ञान, ध्यान और चंद्रमा

वैशाख पूर्णिमा को भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और निर्वाण तीनों एक ही दिन हुआ था। यही कारण है कि यह दिन गर्मियों के मुख्य पर्व की सूची में अत्यंत महत्वपूर्ण है। ज्योतिषीय दृष्टि से यह दिन चंद्रमा के पूर्ण प्रभाव में होता है, इसलिए ध्यान, साधना और परोपकार करने से सकारात्मक ऊर्जा का वर्धन होता है।

5. गंगा दशहरा – जल तत्व और आत्म शुद्धि

गंगा दशहरा ज्येष्ठ मास में मनाया जाता है। यह पर्व दर्शाता है गंगा नदी का धरती पर अवतरण। ज्योतिषीय दृष्टि से यह दिन जल तत्व और चंद्रमा के प्रभाव से जुड़ा है, और इसका स्नान या दान करना पापों से मुक्ति देता है। गर्मियों के मुख्य पर्व में यह पर्व शरीर और आत्मा दोनों को शुद्ध करता है।

6. निर्जला एकादशी – संयम और तप का पर्व

गर्मी के इस तपते मौसम में निर्जला एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। इस व्रत को करने से साल भर की सभी एकादशियों का फल मिलता है। ज्योतिष में इसे चंद्रमा और वृहस्पति के संयोजन से अत्यंत शुभ माना गया है। यह व्रत तप, संयम और आत्म-संयम का प्रतीक है, और गर्मियों के मुख्य पर्व में इस पर्व की महिमा अद्वितीय है।

7. ज्येष्ठ पूर्णिमा – व्रत, श्रद्धा और फल

यह दिन वट सावित्री व्रत और सत्यनारायण व्रत का दिन होता है। यह भी गर्मियों के मुख्य पर्व में शामिल होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं। ज्योतिषीय दृष्टि से यह दिन चंद्रमा की पूर्ण ऊर्जा का प्रतीक होता है, और इस दिन व्रत एवं कथा श्रवण विशेष फलदायक माने जाते हैं।


ग्रहों के अनुसार गर्मियों के पर्व का महत्व

ज्योतिषीय दृष्टि से देखा जाए तो गर्मियों के मुख्य पर्व सूर्य, चंद्र, गुरु और शुक्र ग्रहों के प्रभाव में आते हैं। इन पर्वों के दौरान व्रत, दान, पूजा और ध्यान करने से ग्रहों के दोष समाप्त होते हैं और शुभ प्रभाव बढ़ता है। यही कारण है कि इन दिनों को पंचांग के अनुसार अत्यंत शुभ मुहूर्तों में गिना जाता है।

निष्कर्ष – आस्था और ज्योतिष का मेल

गर्मियों के मुख्य पर्व केवल धार्मिक या सांस्कृतिक रीति-रिवाज नहीं हैं, बल्कि ये हमारे जीवन में संतुलन, ऊर्जा और सकारात्मकता लाने वाले अवसर हैं। जब हम इन्हें ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखते हैं तो इनका महत्व और भी बढ़ जाता है। अतः इन पर्वों को श्रद्धा, आस्था और नियम के साथ मनाना चाहिए ताकि हमारे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन हो।

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श्री गणेश ज्योतिष समाधान 

आपके प्रश्न हमारे उत्तर FAQ Section :

गर्मियों में कौन-कौन से पर्व आते हैं?

राम नवमी, अक्षय तृतीया, बुद्ध पूर्णिमा, गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी आदि गर्मियों के मुख्य पर्व माने जाते हैं।

क्या इन पर्वों का ज्योतिष में महत्व होता है?

जी हाँ, ये पर्व सूर्य, चंद्र, गुरु आदि ग्रहों से जुड़े होते हैं और इन दिनों पूजा व व्रत करने से ग्रह दोष समाप्त होते हैं।

गर्मियों के पर्व में क्या उपाय करने चाहिए?

व्रत, स्नान दान, पवित्र पाठ, रत्न धारण आदि उपाय करने से सकारात्मक ऊर्जा और सुख-शांति मिलती है।

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