मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंग मे दूसरे स्थान पर आते है mallikarjuna jyotirlinga a 2 z complete tour guide
(mallikarjuna jyotirlinga in hindi)
mallikarjuna jyotirlinga : मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंग मे दूसरे स्थान पर आते हैं और आंद्रप्रदेश के कृष्णा जिले में कृष्णा नदी के तट पर श्री शैल पर्वत srisailam पर विराजित है, प्रभु मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग (mallikarjuna jyotirlinga ) को दक्षिण का कैलाश माना जाता है |(मल्लिकार्जुन मंदिर कहां पर है)
प्रभु मल्लिकार्जुन श्री शैल पर्वत srisailam पर कब से विराजित है ये किसी को ज्ञात नही है लेकिन इनकी प्राचीनता का पता इस बात से ही चल जाता है कि हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ स्कंद पुराण में श्री शैल काण्ड नाम का अध्याय है ,जिसमे प्रभु मल्लिकार्जुन मंदिर का वर्णन है। हिन्दू धर्म में अति पूजनिये 12 ज्योतिर्लिंगों में से प्रभु मल्लिकार्जुन द्वितीय ज्योतिर्लिंग है।
शिव पुराण में भगवान मल्लिकार्जुन (mallikarjuna jyotirlinga) का जो वर्णन है उसके अनुसार मल्लिका माँ पार्वती है और भगवान शिव ही अर्जुन है और जो भी इनका पूजन करता है उसे अश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता है| ये स्थान हैदराबाद से लगभग 232 कि.मि. दूर दक्षिणमें स्थित है। प्रभु मल्लिकार्जुन के यहाँ प्रकट होने से जुड़ी अनेक कथाएं है जैसे :-
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग की कहानी
story of mallikarjun jyotirlinga
एक कथा के अनुसार किसी समय यहाँ चन्द्रगुप्त नाम के एक राजा रहते थे और राजा चन्द्रगुप्त की एक सुन्दर कन्या थी| राजा की इस कन्या के ऊपर एक संकट आया और उस संकट से मुक्ति के लिए वो कन्या राजमहल छोड़ कर वन में चली गयी| उस वन में कन्या ने एक गाय पाली थी जिसका दूध प्रतिदिन कोई चुरा लेता था |
एक दिन उस कन्या ने किसी को अपनी गाय का दूध दुहते हुए देखा। उस कन्या को लगा कि आज तो उसने गाय का दूध चुराने वाले को पकड़ ही लिया और वो क्रोधित हो चोर को पकड़ने गाय के पास गयी तो वहा कोई चोर नही था बल्कि एक शिवलिंग था |
शिवलिंग के इस प्रकार दर्शन होने से वो कन्या अति प्रसन्न हुईं और उसने उसी स्थान पर एक शिवजी का मंदिर बनवाया। यही मंदिर आज पूरे संसार में प्रभु मल्लिकार्जुन (mallikarjuna jyotirlinga) नाम से जाने जाते है|
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Mallikarjuna Swami and Sri Bhramaramba Devi at मल्लिकार्जुन (mallikarjuna jyotirlinga)
जबकि
(दूसरी) कथा के अनुसार प्रभु गणेश और प्रभु कार्तिकेय दोनों ही विवाह करना चाहते थे और किसका विवाह पहले हो इस बात पर आपस में झगड़ रहे थे और समाधान पाने के लिए दोनों ही भगवान शिव और माता पार्वती के पास गये |
माता पार्वती ने अपने दोनों पुत्रों से कहा कि तुम दोनों में से जो कोई भी इस पूरी पृथ्वी की परिक्रमा करने के बाद पहले आ जायेगा ,हम उसी का विवाह पहले करवा देंगे।
हम सभी जानते है कि प्रभु गणेश जी बुद्धि के देवता है इसलिए उन्होंने अपनी बुद्धि का प्रयोग किया और सोचा की माता
पिता से बढकर कौन हो सकता है और गणेश जी, माता पार्वती और शिव जी को ही जगत स्वरुप मानते हुए उनकी परिक्रमा कर दी
तत्पश्चात माता पार्वती और भगवान शिव के पास उपस्थित हो गये कि हमने परिक्रमा संपन्न कर ली जबकि दूसरी ओर कार्तिकेय जी परिक्रमा करे ही जा रहे थे |
भगवान शिव और माता पार्वती गणेश जी कि बुद्धिमता,चतुराई और भावना से अति प्रसन्न हुए और गणेश जी का विवाह करा दिया गया। बाद में जब कार्तिकेय जी पृथ्वी की परिक्रमा करके लौटे तो बहुत दुखी हुए क्योंकि गणेश जी का विवाह करा दिया गया था।
जब प्रभु कार्तिकेय पृथ्वी की परिक्रमा कर लौट कर आए तो उन्होंने देखा की गणेश जी का विवाह विश्वरूप प्रजापति की पुत्रियों सिद्धि और बुद्धि के साथ हो चुका है और गणेश जी को ‘क्षेम’ और ‘लाभ’ नाम के दो पुत्र के पिता भी बन चुके है |
ये सब देखकर कार्तिकेय जी रुष्ट हो क्रौंच पर्वत की ओर चले गए। देवर्षि नारद के समझाने के बाद भी कार्तिकेय जी नहीं माने तब माता पार्वती उन्हें मनाने क्रौंच पर्वत पहुंचीं और साथ ही भगवान शिव भी ज्योतिर्लिग के रूप में क्रौंच पर्वत पर प्रकट हुए।
यही ज्योतिर्लिग आज मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिग के नाम से संसार भर में प्रसिद्ध है

मल्लिकार्जुन में कहाँ ठहरें ? Where to stay in Mallikarjuna?
मल्लिकार्जुन (mallikarjuna jyotirlinga) दर्शन के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए श्रीशैलम srisailam पर ठहरने की अनेक प्रकार की व्यवस्था है |
आप यदि कम पैसे खर्च करके रूकना चाहते हैं तो धर्मशाला में रूक सकते है, यहाँ धर्मशाला भी अनेक प्रकार की है जैसे साधारण धर्मशाला , A / C धर्मशाला| AC धर्मशाला में यहाँ आपको dormitory system में single bed मिल जायेगा.
समान रखने के लिए locker मिल जायेगा | जिसमे toilet common होगा | इस प्रकार के Accommodation में आपको एक bed 300 रूपए से 600 रूपए में मिल जायेगा |
धर्मशाला के अतिरिक्त आपको यहाँ मल्लिकार्जुन (mallikarjuna jyotirlinga) में अनेको budget और luxuries hotels भी मिल जायेंगे |
इसके साथ ही देवस्थानम प्रशासन की ओर से भी मल्लिकार्जुन आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए व्यवस्था है जिसमे तीर्थयात्रियों को सामान्य कमरों से लेकर AC suites तक की व्यवस्था है । यहाँ रूकने के लिए कमरों की बुकिंग यहाँ आने पर ( offline ) और अग्रिम बुकिंग ( online ) दोनों ही प्रकार से होती है |
ऑनलाइन बुकिंग के लिए चेक-इन और चेक-आउट का समय प्रातः 8 बजे से अगले दिन प्रातः 8 बजे तक है। एक बार कमरा बुक करने के बाद बुक किया गया कमरा दूसरे किसी व्यक्ति के नाम पर उस समय के लिए नाही दिया जा सकता है और नाही कमरे की बुकिंग cancel हो सकती है|
यहाँ कमरों की बुकिंग के लिए इस नीचे दिए गये link पर click करके जानकारी प्राप्त करें :-
Accommodation at mallikarjuna jyotirlinga
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कैसे जाए मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
how to reach mallikarjuna jyotirlinga
मल्लिकार्जुन पहुंचने के कई विकल्प है। यहां रेल मार्ग, हवाई मार्ग व सड़क मार्ग से सभी प्रकार से पहुंचा जा सकता है |
वायुमार्ग से मल्लिकार्जुन कैसे जाएँ ?
How to reach mallikarjun jyotirlinga temple by air
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंगा से निकटतम airport हैदराबाद का राजीव गांधी
अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है Rajiv Gandhi International Airport (IATA: HYD, ICAO: VOHS) है ।
इस airport पर मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बंगलौर जैसे देश के प्रमुख नगरों से कई घरेलू flights आती रहती है , यहाँ एयर इंडिया, गो एयर, जेट एयरवेज, इंडिगो, स्पाइसजेट जैसी विमानन कंपनियों की flights आती हैं साथ ही अमेरिका , ब्रिटेन ,थाईलैंड,gulf countries से भी flights आती है |
रेलमार्ग से मल्लिकार्जुन कैसे जाएँ ?
How to reach mallikarjun jyotirlinga temple by train
श्रीशैलम का अपना कोई रेलवे स्टेशन नहीं है और निकटतम स्टेशन मर्कापुर रोड रेलवे स्टेशन Markapur Road (station code : MRK) railway station है। यह स्टेशन श्रीशैलम से लगभग 90 किलोमीटर दूर है और यह अमरावती एक्सप्रेस ,गरीब रथ, Howrah Prasanthi Nilayam Express जैसी अनेक ट्रेने आती है।
रेलगाड़ी ( train ) में reservation देखने के लिए यहाँ click करें : IRCTC Seat Availability
सड़कमार्ग से मल्लिकार्जुन कैसे जाएँ ?
how to reach mallikarjun jyotirlinga temple by road ?
सड़कमार्ग से मल्लिकार्जुन श्रीशैलम जाने के लिए आप निजी वाहन या प्राइवेट बस अथवा आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (APSRTC) की बस से जा सकते है । मल्लिकार्जुन श्रीशैलम दोरनाला से 49 किलोमीटर, मरकापुर से 85 किलोमीटर, कुरिचेदु से 107 किलोमीटर, कोंकणामेटेला से 116 किलोमीटर, विनुकोंडा से 130 किलोमीटर, हैदराबाद से 215 किलोमीटर, वल्लूर से 221 किलोमीटर, विजयवाड़ा से 265 किलोमीटर और बैंगलोर से 535 किलोमीटर दूर स्थित है |
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