कुंडली मिलान के 8 कूट
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कुंडली मिलान के 8 कूट – विस्तृत जानकारी, अंक निर्धारण, उदाहरण सहित संपूर्ण मार्गदर्शिका

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कुंडली मिलान के 8 कूट (36 गुण) — उदाहरण सहित आसान भाषा में संपूर्ण समझ

कुंडली मिलान के 8 कूट (36 गुण) : भारतीय वैदिक ज्योतिष में विवाह से पहले शादी योग्य युवक-युवती की कुंडली मिलाकर यह देखा जाता है कि उनकी प्रकृति, सोच, स्वभाव, मानसिकता, सेहत, संतान, आर्थिक स्थिरता और वैवाहिक सुख कैसा रहेगा।

कुंडली मिलान के 8 कूट

Photo by Khadija Yousaf on Unsplash

कुंडली मिलान के 8 कूट को ही अष्टकूट मिलान भी कहते हैं , जिसमें कुल 36 गुण मिलाए जाते हैं।

इन 36 गुणों को 8 भागों (कूटों) में बाँटा गया है:

  1. वर्ण कूट – 1 अंक

  2. वश्य कूट – 2 अंक

  3. तारा कूट – 3 अंक

  4. योनि कूट – 4 अंक

  5. ग्रह मैत्री कूट – 5 अंक

  6. गण कूट – 6 अंक

  7. भकूट कूट – 7 अंक

  8. नाड़ी कूट – 8 अंक

कुल = 36 अंक

कुंडली मिलान के 8 कूट या 36 गुण अंक कैसे दिए जाते हैं?

हर कूट के नियम अलग-अलग होते हैं।
कुछ कूटों में पूरे अंक, आधे/मध्यम अंक, और 0 अंक मिलते हैं।

नीचे हर कूट को विस्तार से, उदाहरण सहित समझाया गया है।

1. वर्ण कूट (Varna Koot – 1 अंक)

वर्ण क्या है?

मनुष्य का मानसिक स्तर और आध्यात्मिक परिपक्वता।

4 वर्ण होते हैं:

  1. ब्राह्मण

  2. क्षत्रिय

  3. वैश्य

  4. शूद्र

अंक निर्धारण नियम:

  • यदि लड़का ऊँचे वर्ण का और लड़की नीचे वर्ण की – 1 अंक (सबसे अच्छा)

  • यदि लड़की ऊँचे वर्ण की और लड़का नीचे वर्ण का – 0 अंक या कम अंक

  • यदि दोनों का वर्ण समान – 1 अंक

उदाहरण:

लड़का – मेष राशि (क्षत्रिय)
लड़की – कर्क राशि (ब्राह्मण)

यहाँ लड़की का वर्ण ऊँचा है, इसलिए अंक कम मिलेंगे।
0 अंक

2. वश्य कूट (Vashya Koot – 2 अंक)

वश्य का अर्थ:

कौन-किस पर प्रभाव रखेगा?
विवाह में आकर्षण व नियंत्रण क्षमता।

5 प्रकार:

  1. मानव

  2. जलचर

  3. वनचर

  4. कीट

  5. पशु

अंक निर्धारण:

  • पूरी अनुकूलता – 2 अंक

  • आंशिक – 1 अंक

  • विपरीत – 0 अंक

उदाहरण:

लड़का – सिंह (वनचर)
लड़की – मकर (जलचर)

सिंह और मकर आंशिक अनुकूल हैं → 1 अंक

3. तारा कूट (Tara Koot – 3 अंक)

तारा कूट को दोष कूट भी कहते हैं क्योंकि यह जीवन, स्वास्थ्य और भाग्य का मेल दिखाता है।

कैसे गिनते हैं?

नक्षत्रों की संख्या देखकर अंतर निकाला जाता है।

फॉर्मूला:

| लड़के का नक्षत्र क्रम – लड़की का नक्षत्र क्रम |
इस अंतर को 9 से भाग दे → शेष = परिणाम
यदि परिणाम 0, 1, 2, 3, 4 हो → अच्छा → 3 अंक
यदि परिणाम 5, 6 हो → मध्यम → 1.5 अंक
यदि परिणाम 7, 8 हो → खराब → 0 अंक

उदाहरण:

लड़का – रोहिणी (4)
लड़की – मूल (19)

19 – 4 = 15
15 / 9 = 6 शेष

शेष 6 = मध्यम
1.5 अंक

4. योनि कूट (Yoni Koot – 4 अंक)

योनि कूट शारीरिक आकर्षण, यौन जीवन और दांपत्य तालमेल दर्शाता है।

28 प्रकार की योनियाँ:

जैसे — अश्व, गज, सिंह, मृग, काक, मीन आदि।

अंक निर्धारण:

स्थितिअंक
समान योनि4
मित्र योनि3
तटस्था2
विरोधी1
शत्रु योनि0

उदाहरण:

लड़का – सिंह योनि
लड़की – मृग योनि

सिंह और मृग मित्र माने जाते हैं →
3 अंक

5. ग्रह मैत्री कूट (Graha Maitri – 5 अंक)

यह दोनों व्यक्तियों की मानसिकता, सोच और ग्रहों की मित्रता को दर्शाता है।

अंक नियम:

  • पूर्ण मित्रता – 5 अंक

  • मध्यम मित्रता – 3 अंक

  • शत्रुता – 0 अंक

उदाहरण:

लड़का – मेष (स्वामी मंगल)
लड़की – सिंह (स्वामी सूर्य)

मंगल और सूर्य मित्र हैं →
5 अंक

6. गण कूट (Gana Koot – 6 अंक)

गण तीन प्रकार के:

  1. देव गण

  2. मानव गण

  3. राक्षस गण

अंक नियम:

स्थितिअंक
समान गण6
देव–मानव5
मानव–राक्षस1
देव–राक्षस0

उदाहरण:

लड़का – उत्तराफाल्गुनी (मानव गण)
लड़की – रोहिणी (देव गण)

देव–मानव → 5 अंक

7. भकूट कूट (Bhakoot Koot – 7 अंक)

यह विवाह की स्थिरता, संतान, आर्थिक सुख बताता है।

सबसे संवेदनशील कूट।

राशियों की 7 स्थिति:

1-1 = उत्तम
1-7 = खराब
2-12 = खराब
3-11 = शुभ
4-10 = मध्यम
5-9 = शुभ
6-8 = अशुभ

अंक नियम:

  • शुभ स्थिति = 7 अंक

  • मध्यम = 3 अंक

  • अशुभ = 0 अंक

उदाहरण:

लड़का – मेष
लड़की – तुला

यह 1–7 स्थिति है → अशुभ
0 अंक

8. नाड़ी कूट (Nadi Koot – 8 अंक)

सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण कूट।
यह संतान, सेहत, रक्त संबंध दर्शाता है।

3 नाड़ियाँ:

  1. आद्या

  2. मध्य

  3. अन्त्या

अंक नियम:

  • दोनों की नाड़ी अलग → 8 अंक

  • दोनों की नाड़ी समान → 0 अंक (Nadi Dosha)

  • वैज्ञानिक/ज्योतिषीय छूट संभव है (भिन्न राशि, भिन्न गोत्र आदि)

उदाहरण:

दोनों – आद्या नाड़ी
0 अंक

कुल गुण मिलान कैसे देखें?

कुल गुणपरिणाम
28–36बहुत अच्छा मेल
24–27अच्छा मेल
18–23सामान्य, शादी संभव
0–17कमजोर, सलाह नहीं

उदाहरण: एक पूर्ण गुण मिलान कैलकुलेशन

कूटअंक
वर्ण1
वश्य1
तारा1.5
योनि3
ग्रह मैत्री5
गण6
भकूट0
नाड़ी8
कुल25.5 गुण

 24 से ऊपर है, इसलिए शादी संभव + अच्छा मेल।
चाहे भकूट 0 भी हो, लेकिन कुल गुण अच्छे हैं।

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  • योनि कूट उदाहरण सहित

  • ग्रह मैत्री गण भकूट नाड़ी

FAQs:

1. कुंडली मिलान में कितना स्कोर अच्छा माना जाता है?

कम से कम 18 गुण मिलना जरूरी है।
24+ गुण बहुत अच्छा संयोजन है।

2. क्या नाड़ी दोष होने पर शादी नहीं हो सकती?

नहीं।
यदि गोत्र, राशि, चर-स्थिर स्थिति अलग हो, या विशेष ग्रह स्थिति हो, तो नाड़ी दोष कट सकता है।

3. भकूट दोष कितना खतरनाक है?

भकूट 1–7 और 2–12 स्थिति में समस्या दिखाता है, परंतु विवाह योग्य ग्रह योग होने पर दोष हट सकता है।

4. क्या आधुनिक समय में गुण मिलान जरूरी है?

हाँ, क्योंकि यह मन, स्वभाव, सोच और वैवाहिक तालमेल समझने में सहायता करता है।

5. क्या सिर्फ गुण मिलान से शादी तय होनी चाहिए?

नहीं।
मंगल दोष, सप्तम भाव, शुक्र/शनि स्थिति, दांपत्य योग, सन्तान योग भी जरूर देखे जाते हैं।

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श्री गणेश ज्योतिष समाधान 

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