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कुंडली में मंगल की स्थिति,Auspicious & Malefic Mars in Hindi Astrology

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कुंडली में मंगल की स्थिति,Auspicious & Malefic Mars in Hindi Astrology

साथियों हमारी कुंडली में मंगल की स्थिति और मंगल के उपाय जानने से पहले हमें ये अवश्य ही जानना चाहिए कि हमारे जीवन में मंगल ग्रह क्या देता है ,

मंगल हमारी ऊर्जा का कारक है , मंगल हमारे शरीर में शक्ति , उर्जा और मन में साहस और निडरता देता है और साथ ही हमें अच्छा स्वास्थ्य और शरीर प्रदान करता है , मंगल की स्थिति से हम अपने जीवन में अपने भाइयों की स्थिति , उनका व्यवहार और उनसे लाभ और हानि को समझ सकते है

कुंडली मे मंगल की विभिन्न भावों मे स्थिति हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कुंडली में मंगल की अच्छी स्थिति जीवन में सफलता देती है वहीं कुंडली मे निर्बल मंगल या पाप ग्रहों से ग्रसित मंगल हमारे जीवन से सभी सुख छीन भी लेती हैं

आइये जानते हैं

कुंडली में मंगल की शुभ स्थिति (Auspicious Mars in Hindi Astrology)

कुंडली में मंगल की स्थिति

महालक्ष्मी योग

जब भी कुंडली में चंद्रमा और मंगल की युति होती है तो इसे महालक्ष्मी योग कहा जाता है ,इस योग से मनुष्य धनवान बनता है और जीवन में प्रसन्नता और उर्जा का संचार होता है , ऐसे लोगों को प्रातः उठने का प्रयास करना चाहिए । ऐसे लोगों को जल का दान नही करना चाहिए .

पंचमहापुरुष योग

पंचमहापुरुष योग के नाम से ही उसका फल समझा जा सकता है ,पंचमहापुरुष योग से व्यक्ति राजा जैसा सम्मानित , बड़ी भूमि का स्वामी , सेना या पुलिस में अधिकारी बनता है , जब कुंडली में मंगल मेष, वृश्चिक या मकर राशि में केंद्र स्थान में हो तो रूचक योग बनता है, ऐसे लोगों को मिष्ठान या लाल रंग की वस्तुओं का दान नही करना चाहिए और साथ ही निर्बल और निर्धन लोगों की सहायता करनी चाहिए

कुंडली में मंगल की स्थिति,Auspicious & Malefic Mars in Hindi Astrology

कुंडली में मंगल की अशुभ स्थिति (Malefic Mars in Hindi Astrology)कुंडली में मंगल की स्थिति

–> कुंडली में मंगल और राहु एक साथ हों तो अंगारक योग बनता है जिससे बड़ी दुर्घटना होने की सम्भावना बनती है और साथ ही शरीर में  सर्जरी और रक्त से जुड़ी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, अंगारक योग व्यक्ति को लडाई झगडे वाला क्रूर स्वाभाव देता है और वो दूसरों की खोजता रहता है ,इस योग के कारण परिवार के लोगों के साथ संबंध भी ख़राब होते हैं

–>कुंडली के प्रथम, चौथे, 7वे , 8वे और 12वे स्थान में मंगल हो तो मंगलदोष का योग बनता है, इस योग में जन्म लेने वाले व्यक्ति को मांगलिक या मंगली कहते हैं. कुंडली की यह स्थिति विवाह संबंधों के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है.

–> कर्क राशि में मंगल नीच का यानि निर्बल हो जाता है , कुंडली में नीच राशि का हमारे आत्मविश्वास और साहस की कमी कर देता है और साथ ही हमारे शरीर में रक्त की कमी भी कर देता है.

–>ज्योतिष में शनि मंगल योग के कारण मनुष्य की जीवन में बड़ी दुर्घटनाओं का योग बनता है , इसमें भूमि – आवास या हथियार, अग्निकांड जैसी दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है किन्तु कुछ विशेष परिस्थियों में ये योग बड़ी भू संपत्ति का स्वामी भी बना देता है और बड़ी सफलता भी दिलाता है.

आइये अब जानते हैं

अशुभ मंगल के उपाय -13 Remedies for malefic mars

निष्कर्ष : साथियों हम आशा करते है कि इस पोस्ट “कुंडली में मंगल की स्थिति और उपाय, हमारा मंगल के शुभ या अशुभ जाने विस्तार से ”  को पढ़ा ,

हम आशा करते है कि पोस्ट आपको अच्छी लगी होगी , यदि आप भी अपनी कुंडली से ये जानना चाहते है कि आपकी कुंडली में मंगल की स्थिति कैसी है , मंगल शुभ है या अशुभ तो कुंडली विश्लेषण के लिए हमारे whatsApp number 8533087800 पर संपर्क कर सकते हैं

अब यदि कोई ग्रह ख़राब फल दे रहा हो , कुपित हो या निर्बल हो तो उस ग्रह के मंत्रों का जाप , रत्न आदि धारण करने चाहिए ,

इसके साथ ही आप ग्रह शांति जाप ,पूजा , रत्न  परामर्श और रत्न खरीदने के लिए अथवा कुंडली के विभिन्न दोषों जैसे मंगली दोष , पित्रदोष आदि की पूजा और निवारण उपाय जानने के लिए भी संपर्क कर सकते हैं

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श्री गणेश ज्योतिष समाधान 

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कुंडली में मंगल की स्थिति

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