नेत्र रोग नाशक शाबर मंत्र Netra rog nashak Shabar Mantra 1 मंत्र से मिलेगी नेत्रो को सुरक्षा
साथियों नेत्र अनमोल होते हैं इसीलिए आज हम आपको बता रहे हैं नेत्र रोग नाशक शाबर मंत्र जिससे आपके नेत्रों को सुरक्षा मिलेगी और जब नेत्र सुरक्षित होते हैं तो आप इस संसार को देख पाते हैं और अपना मनचाहा कार्य करवाते हैं तो आइए हम सभी जानते हैं नेत्र रोग नाशक शाबर मंत्र
नेत्र रोग नाशक शाबर मंत्र 1 (Netra rog nashak Shabar Mantra 1)
सातों रीदा सातों भाई सातों मिल के आंख बराई दुहाई सातों देव की, इन आंखिन पीड़ा करे तो धोबी की नांद चमार के चूल्हे परै । मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।
प्रयोग विधि – साधक होली या दीपावली की रात से प्रारंभ कर इक्कीस दिन तक मंत्र को नित्य एक सौ आठ बार जपकर सिद्ध कर ले। फिर प्रयोगार्थ जिसके नेत्रों में दर्द हो, उसे इक्कीस बार मंत्र पढ़ते हुए झाड़ा दे तो दर्द दूर हो जाता है।
नेत्र रोग नाशक शाबर मंत्र 2
(Netra rog nashak Shabar Mantra 2)
ॐ नमो झलमल जहर भरी तलाई अस्ताचल पर्वत ते आई तहां बैठा हनुमंत जाई फूटै न पाकै करै न पीड़ा यती हनुमंत राखै हीड़ा शब्द सांचा पिंड काचा फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा ।
प्रयोग विधि – साधक इस मंत्र को सिद्ध करे। फिर जब नेत्र ‘आए तो नीम की हरी पत्तियों वाली टहनी से सात बार झाड़ा रोगी दे तो रोगी नेत्र पीड़ा से मुक्त हो जाता है।
नेत्र रोग नाशक शाबर मंत्र 3
(Netra rog nashak Shabar Mantra 3)
ॐ नमो आदेश गुरु का ।
समुद्र । समुद्र में खाई। इस मरद की आंख आई।
पाकै, फूटै न पीड़ा करे । गुरु गोरख की आज्ञा करे।
मेरी भक्ति । गुरु की शक्ति ।
फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा |
प्रयोग विधि – मंत्र सिद्धि के बाद साधक नमक की सात डली लेकर मंत्रोच्चारण करता हुआ नेत्र रोगी को सात बार झाड़ा दे
तो नेत्र रोग दूर हो जाता है।
नेत्र रोग नाशक शाबर मंत्र 4
(Netra rog nashak Shabar Mantra 4)
उत्तर काल काहु सुत्त योग का बाछ । इस्माईल जोगी की दो बेटी ।
एक माथे चूल्हा, एक काटे फूला ।
दुहाई लोना चमारी की।
शब्द सांचा, पिंड काचा । फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा ।
प्रयोग विधि – साधक इस मंत्र को सिद्ध कर ले। फिर जब कभी नेत्र के फूले से ग्रस्त रोगी उसके पास आए तब लोहे की एक कील को इक्कीस बार मन ही मन मंत्र बोलकर जमीन पर ठोके तो नेत्रों का फूला स्वतः ही कट जाएगा।
Disclaimer : शाबर मंत्र बहुत शक्तिशाली होते हैं और इन मंत्रो का जाप बहुत सावधानी पूर्वक किया जाता है अतः साधक को भी पूरे विधि विधान से ही शाबर मंत्रों का जाप करना चाहिए , साधक की त्रुटि या अज्ञानता वश गलत या मनवांछित परिणाम न मिलने पर maihindu.com की किसी भी प्रकार की कोई ज़िम्मेदारी नही बनती है
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