Purnagiri mandir Tanakpur पूर्णागिरी मंदिर

पूर्णागिरी मंदिर 51 शक्तिपीठों मे से एक पीठ जहां गिरी थी माता सती की नाभि Purnagiri mandir Tanakpur

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पूर्णागिरी मंदिर 51 शक्तिपीठों मे से एक पीठ जहां गिरी थी माता सती की नाभि Purnagiri mandir Tanakpur

Purnagiri mandir Tanakpur : पूर्णागिरी मंदिर हिमालय में उत्तराखंड के चंपावत जनपद में नेपाल बॉर्डर पर टनकपुर नगर से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । ये मंदिर चम्पावत से 95 कि॰मी॰की दूरी पर स्थित है। मंदिर के आस पास मनोरम स्थल को भी लोग पूर्णागिरि के नाम से ही पुकारते हैं , यह स्थान समुद्र तल से लगभग 5 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है ।

यहां प्रतिवर्ष माँ पूर्णागिरी देवी के हजारों भक्त माँ से अपनी मनोकामनाए पूरी करने के लिए प्रार्थना करने आते हैं। पूर्णागिरि मंदिर स्थल भारत नेपाल सीमा पर स्थित हिन्दू धर्म का एक ऐसा आस्था केंद्र है जो चारों ओर से नैसर्गिक सौंदर्य से घिरा हुआ है ।

पूर्णागिरी मंदिर के निकट ही विश्व प्रसिद्ध जिम कार्बेट नैशनल पार्क है जहां देश विदेश से प्रकृति प्रेमी पर्यटन के लिए आते हैं , प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्र से पूर्णागिरी का मेला शुरू हो जाता है जो जून माह तक चलता है।

पूर्णागिरी मंदिर क्यों प्रसिद्ध है

Why Purnagiri mandir is famous?

पूर्णागिरी मंदिर माँ दुर्गा के 51 सिद्ध पीठों में से एक है और माँ जगदंबा यहाँ महाकाली के रूप मे विराजित हैं ।

शिवपुराण के अनुसार दक्ष प्रजापति की पुत्री सती का विवाह भगवान शिव के साथ हुआ था। एक बार दक्ष प्रजापति ने अपने यहाँ यज्ञ का आयोजन किया जिसमें उन्होंने सभी देवी देवताओं को आमंत्रित किया किन्तु भगवान् शिव को अपमानित करने के उद्देश्य से आमंत्रित नहीं किया गया।

जब सती को ये बात पता चली तो वो अपने पति भगवान शिव का अपमान सह न सकी और अपने पिता के यज्ञ में जीवित शरीर कूद कर अपने प्राणों की आहुति दे दी । जब शिव को ये बात पता चली तो वो यज्ञ स्थल आ अपनी पत्नी सती का जला हुआ शरीर उठाकर क्रोध में तांडव करने लगे , उनकी क्रोधाग्नि को देख भगवान विष्णु ने सती के शरीर के अनेक टुकड़े कर दिए जिससे शरीर न रहने पर वो अपना तांडव बंद करे देंगे ।

सती के शरीर के अंग धरती पर भिन्न भिन्न स्थानों पर गिरे और वो सभी स्थान शक्ति पीठ कहलाने लगे । ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से कट कर माता सती की नाभि का भाग यहाँ पर  गिरा था इसलिए हिमालय के चंपावत जनपद के इस क्षेत्र में प्रतिवर्ष आस्थावान श्रद्धालु कष्ट सहकर भी आते हैं।

क्या पूर्णागिरी पर्यटन स्थल है

Is Purnagiri a tourist place

पूर्णागिरी मंदिर में देश के कोने कोने से माँ के भक्त बड़ी संख्या में आते हैं, मार्च अप्रैल माह में अर्थात चैत्र नवरात्रि के बाद यहाँ भक्तों की संख्या बहुत अधिक होती है । यहाँ आते समय में पहाड़ों पर बसे गांव और सीढ़ीनुमा खेत बहुत दिखाई देते हैं । पूर्णगिरि से हम झूलाघाट नेपाल तक यात्रा कर सकते हैं। यहाँ पर्वतों के ऊपर से गिरते हुए झरने दूर दूर से दिखाई दे जाते हैंं।

पूर्णागिरी मंदिर पूर्णागिरी पर्वत के दक्षिण पश्चिमी भाग को भी देखा जा सकता । पूर्णगिरि क्षेत्र से काली नदी मैदानी क्षेत्रों में उतरती है और इस नदी को ही लोग शारदा नदी के नाम से जानते है। पूर्णागिरी मंदिर पूर्णागिरी पहाड़ी का सबसे ऊंचा स्थान है और इस स्थान से काली नदी का प्रवाह , नेपाली गाँव और टनकपुर नगर के मनोरम दृश्य देख सकते हैं।

काली नदी या शारदा नदी भारत और नेपाल की सीमा रेखा के रूप मे भी कार्य करती है। जो पर्यटक शारदा नदी को देखने आते हैं पहले उन्हे नदी के किनारे तक फैली रेत पार करनी पड़ती है और नदी का फैलाव देख पर्यटक अपनी थकान भूल जाते हैं ।

यहाँ नदी के किनारे लगा हुआ छोटा बाजार आपका स्वागत करेगा जहां आप चाय की दुकान पर चाय की चुस्की से अपनी थकान मिटा सकते हैं। यहाँ आपको खाने पीने के रेस्टोरेंट और रहने के लिए होटल व धर्मशाला भी मिल जाएगी ।

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पूर्णागिरी मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय 

best time to visit Purnagiri mandir Tanakpur

पूर्णागिरी मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय फरवरी से नवम्बर के बीच का है। इन महीनों में यहां की यात्रा करना सबसे अच्छा और सुखद होता है। सर्दी के मौसम में यहां का मौसम ठंडा होता है। शीत ऋतु में ठण्ड होने के कारण यहाँ का तापमान बहुत नीचे चला जाता है। बारिश के मौसम में भारी बारिश के कारण बारिश के कारण यहां की यात्रा करना थोड़ा कठिन होता है। बरसात के मौसम के बाद सितम्बर से नवम्बर माह तक आ सकते है ।

Purnagiri mandir Tanakpur पूर्णागिरी मंदिर

पूर्णागिरी मंदिर टनकपुर में कहां ठहरें

Where to stay Purnagiri Devi Temple Tanakpur

पूर्णागिरी मंदिर उत्तराखंड की यात्रा मे आप यहाँ स्थित विभिन्न धर्मशालाओं मे या हनुमान चट्टी व भैरव चट्टी या टनकपुर स्थित बस स्टेशन के पास स्थित होटलों में ठहर सकते हैं।

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पूर्णागिरी मंदिर कैसे जाएँ

How to reach Purnagiri mandir Tanakpur

पूर्णागिरी मंदिर उत्तराखंड के चंपावत जनपद में टनकपुर नगर मे स्थित है , आप यहाँ वायु मार्ग,रेल मार्ग और सड़क मार्ग तीनों यातायात के साधनो से आ सकते हैं ।

पूर्णागिरी देवी के दर्शन के लिए सबसे पहले आपको टनकपुर नगर तक आना होगा , टनकपुर से मन्दिर की दूरी लगभग 22 किलोमीटर है , मंदिर पहुंचने के लिए आपको टैक्सी द्वारा ठूलीगाड़ जाना होगा , ये वो स्थान है जहां से मां पूर्णागिरी की पैदल यात्रा आरंभ  होती है। उसके बाद कुछ दूर हनुमान चट्टी पहुँचना होगा । कुल मिलकर आपको लगभग 3 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई करनी होगी ।

तो आइये जानते हैं कि आप पूर्णागिरी मंदिर टनकपुर वायु मार्ग,रेल मार्ग और सड़क मार्ग से कैसे जा सकते हैं।

aeroplane

वायुमार्ग से पूर्णागिरी मंदिर टनकपुर कैसे जाएँ

How to reach Purnagiri mandir Tanakpur by flight

यदि आप माँ पूर्णागिरि के दर्शन वायु मार्ग यानि flight से  करना चाहते हो तो यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा

पन्तनगर एयरपोर्ट -Pantnagar Airport (IATA: PGH, ICAO: VIPT) ) है जो की टनकपुर से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर है , पन्तनगर आकर आपको टनकपुर के लिए सार्वजनिक परिवहन या टैक्सी आदि मिल जाएँगी ।

रेलमार्ग से पूर्णागिरी मंदिर टनकपुर कैसे जाएँ

How to reach Purnagiri mandir Tanakpur by train 

यदि आप माँ पूर्णागिरि के दर्शन के लिए ट्रेन से आना चाहते हैं तो आप सीधे टनकपुर रेलवे स्टेशन – Tanakpur railway station (Station Code – TPU ) आ सकते हैं , यहाँ सभी बड़े  नगरो से रेल गाडियाँ आती है लेकिन यदि आपके जनपद से टनकपुर रेलवे स्टेशन ट्रेन नही आती हो तो आप दिल्ली, पीलीभीत ,गाजियाबाद , मुरादाबाद, मथुरा , कासगंज आदि रेलवे स्टेशनो से ट्रेन पकड़ सकते हैं ।

सड़कमार्ग से पूर्णागिरी मंदिर टनकपुर कैसे जाएँ

How to reach Purnagiri mandir Tanakpur  by road  

टनकपुर नगर भारत के लगभग सभी प्रमुख नगरों से सड़क मार्ग के द्वारा भली भांति जुड़ा हुआ है, उत्तराखंड की यात्रा मे आप सरकारी बस सेवा ( उत्तराखंड परिवहन निगम ) और प्राइवेट बस ,टैक्सी इतियादी का प्रयोग कर सकते हैं ।

ये वाहन आपको दिल्ली,ऋषिकेश,हरिद्वार,चंडीगढ़,देहरादून,पंजाब,हरयाणा इतियादी से सरलता से मिल जायेंगे । सरकारी बस सेवा में online ticket बुक करने के लिए यहाँ click करें : –   उत्तराखंड परिवहन निगम 

bus

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