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chatthi maiya ki aarti छठ पूजा में छठी माई की आरती
chatthi maiya ki aarti छठी माई की आरती: छठ पूजा में छठी माई और सूर्यदेव की पूजा की जाती है। वर्ष 2022 में छठ पूजा 28 अक्तूबर से आरंभ होकर 31 अक्तूबर तक चलेगी । छठ पूजा पूर्वी भारत का एक प्रमुख पर्व है जिसमे प्रति दिन डूबते हुए सूर्य की पूजा की जाती है।
इस पर्व में स्त्रियाँ 24 घंटे से अधिक समय तक कठिन निर्जला उपवास रखती हैं और भगवान सूर्य और छठी मईया की पूजा करती हैं। माताएं अपने संतान की लंबी आयु के लिए और परिवार में सुख-समृद्धि के लिए कठिन उपवास रखती हैं।
छठ पूजा में छठी माई की आरती का विशेष महत्व होता है ,
आइये जानते हैं छठी माई की आरती
chatthi maiya ki aarti
छठ पूजा में
छठी माई की आरती
जय छठी मईया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥…
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥…
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥…
अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥…
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥…
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥…
ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥…
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥…
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥
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