कुंडली में राजयोग-raj yoga in kundli

कुंडली में राजयोग-one of these 3 raj yoga in kundli can change your life

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कुंडली में राजयोग one of these 3 raj yoga in kundli can change your life

कुंडली में राजयोग-raj yoga in kundli : ज्योतिषशास्त्र में कुछ राजयोग होते हैं जो यदि हमारी कुंडली में हों तो हमारा जीवन राजा के समान हो जाता है। विभिन्न राजयोगो के अपने अपने फल होते है और ये फल इस बात पर निर्भर होते हैं कि वो राजयोग किस ग्रह या किन ग्रहों की युति से मिलकर बना है

आइये आज maihindu.com की इस पोस्ट के द्वारा ये जानते है कि कुंडली में राजयोग कैसे कैसे होते हैं :-

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सिंहासन राज योग – सिंहासन योग –Sinhasan Yog 

दशमेश के धन भाव अथवा केन्द्र या त्रिकोण में स्थित होने से सिंहासन योग बनता है.ऐसा व्यक्ति राजा समान समृद्धशाली, यशस्वी बन सकता है और उसकी कीर्ति दूर दूर तक फैलती है

दशमभवननाथे केन्द्रकोणे धनस्थे ।
वनिपतिबलयाने शस्तसिंहासनेषु ।।
स भवति नरनाथो विश्वविख्यात कीर्ति।
मर्दगलितकपोलै: सद् गजै: सेव्यमान:

अथवा कुंडली के सभी मुख्य 7 ग्रह जब 2nd ,6th , 8th , 12th तब भी कुण्डली में सिंहासन योग बनता है.

आकाशवासै: सकलैर्निधाननिमीलनाराह्यवसानयातै:।
वदन्ति सिंहासन नामयोगं सिंहासनं तत्र विशेन्नृपस्य।।

लेकिन इस प्रकार का सिंहासन योग में कुछ अन्य तथ्यों के विषय में भी विचार कर लेना चाहिए जैसे इस योग का निर्माण करने वाले सभी ग्रहों की स्थिति शुभ होनी चाहिए जैसे ग्रह अपने घर से 12वें न हों, उनका दृष्टि संबंध एक दूसरे को निर्बल करने वाला न हो आदि, सिंहासन योग अन्य प्रकार के भी होते है. 

कुंडली में राजयोग-raj yoga in kundli

ध्वज राजयोग – ध्वज योग –Dwaj raj yoga in kundli

कुण्डली में लग्न यानि 1st भाव में सभी सौम्य ग्रह जैसे गुरु, चंद्रमा, शुक्र हों और 8th भाव में सभी क्रूर ग्रह जैसे शनि,राहु,केतु,मंगल,सूर्य आदि हों तो ध्वज योग बनता है.

जो व्यक्ति को अपने समाज का अच्छा नायक या नेता बना देता है और किसी भी सभा का प्रमुख व्यक्ति बना देता है,इस व्यक्ति की आयु और स्वास्थ्य भी उत्तम होता है । ऐसे लोग समाज में आदर पाते हैं।

चाप राज योग- चाप योग- Chap Yog 

जब कुंडली में लग्नेश उच्च के हों और दशमेश और चतुर्थेश के मध्य राशि परिवर्तन हो रहा हो तो चाप योग बनता है
इसके अतिरिक्त कुण्डली में यदि धनु लग्न हो और दशमेश और चतुर्थेश के मध्य राशि परिवर्तन हो तो भी चाप योग का निर्माण होता है.
इसके अतिरिक्त कुण्डली में कुंभ लग्न में शुक्र, मंगल मेष राशि में तथा गुरू के मीन राशि या अथवा धनु राशि में स्थित होने पर बनता है.
चाप योग जिस भी कुण्डली में होता है वो व्यक्ति वीर, साहसी और विजय प्राप्त करने वाला होता है. ऐसे व्यक्ति को उच्च पदों की प्राप्ति होती है और राज्य से सम्मान की प्राप्ति होती है।

इसी प्रकार कुंडली में बनने वाले पञ्च महापुरुष योग भी हमारे जीवन में सुख और सफलता देने वाले होते हैं जैसे रूचक,भद्र,हंस,मालव्य और शश योग जोकि मंगल,बुध,गुरु,शुक्र व शनि की विभिन्न स्थितियों से बनते हैं ।

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