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भैरव सिद्धि के शाबर मंत्र Bhairav Siddhi ke Shabar Mantra for bhairav siddhi
Bhairav Siddhi ke Shabar Mantra: किसी भी शनिवार से 41 दिन की यह भैरव सिद्धि साधना रात्रिकाल में भैरव मंदिर या त्रिकोण पत्थर को भैरव रूप मानकर पान, सिंदूर,तेल, नारियल चढ़ाकर की जाती है। जब तक ये साधना चलेगी उतने समय साधक को नित्य सरसों के तेल का अखंड दीप जलाना चाहिए और साथ ही कपूर, केसर, लौंग, छार-छबीला की धूप देनी चाहिए ।
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भैरव सिद्धि के शाबर मंत्र
Bhairav Siddhi ke Shabar Mantra
ॐ गुरु जी ! ॐ नमो आदेश गुरु को।
काला भैरव काला केश, कानों मुंदरा।
भगवा भेष मार-मार काली पुत्र
बारह कोस की मार भूतां हाथ कलेजी।
खूंहां गेडिया, जहाँ जाऊं
भैरव साथ बारह कोस की
ऋद्धि ल्यावो, चौबीस कोस की
सिद्धि ल्यावो, सूत्यो होय तो जगाय ल्यावो
बैठ्या होय तो उठाव ल्यावो
अनंत केसर को भारी ल्यावो ।
गौरा पार्वती की बिछिया ल्यावो ।
गेले की रस्तान मोय,
कुवें की पानिहारी मोय,
हटा बैठ्या बणियां मोय,
घर बैठी बणियानी मोय,
राजा की रजवाड़ मोय,
महलां बैठी राणी मोय,
डाकिनी को साकिनी को
भूतणी को, पलीतणी को ।
ओपरी को, पराई को लाग कूं ।
लपट कूं, धूम कूं, धमका कूं।
अलीया को, पलीया को, चौड़ को ।
चौगट को, काचा को, कलवा को,
भूत को, पलीत को ।
जिन को, राक्षस को,
बैरियां से बरी कर दे
नजरां जड़ दे ताला
इत्ता भैरव नहीं करे तो
पिता महादेव की जटा तोड़
तागड़ी करे, माता पार्वती का
चीर फाड़, लंगोट करे चल डाकिनी शाकिनी
चौडूं मैला बाकरा
देस्यूं मद की धार।
भरी सभा में द्यू आने में
कहाँ लगाई थी बार
खप्पर में खाय, मुसाण में लोटे
ऐसे कुण काला भैरू की पूजा मेटे,
राजा मेटे राज से जाय,
प्रजा मेटे दूध-पूत से जाय,
जोगी मेटे ध्यान से जाय,
शब्द सांचा, ब्रह्म वाचा ।
चलो मंत्र ईश्वरो वाचा ।
प्रतिदिन एक निश्चित समय पर ऊपर दिये गए भैरव सिद्धि के शाबर मंत्र (Bhairav Siddhi ke Shabar Mantra) की एक माला जपे। अंतिम दिन दशांश हवन करे तो ऐसा माना गया है कि इस साधना से प्रसन्न हो भैरव बाबा साधक को प्रत्यक्ष दर्शन देते हैं। उस समय साधक भयभीत नही होना चाहिए और भैरव देव को पुष्पमाला पहनाकर लड्डू, बाटी-बाकला, पान-सुपारी, बकरे की कलेजी, मदिरा भेंट देनी चाहिए ।
यदि भैरव बाबा साधक को प्रत्यक्ष दर्शन नही देते हैं तो पूजन की समस्त सामग्री भैरव देव की प्रतिमा को अर्पित कर दे। चूंकि काले कुत्ते को भैरव की सवारी माना जाता है और भैरव देव को काले कुत्ते अधिक प्रिय हैं इसलिए काले कुत्ते को साधना काल में नित्य भैरव की प्रिय वस्तुएँ खिलाए।
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Disclaimer : शाबर मंत्र बहुत शक्तिशाली होते हैं और इन मंत्रो का जाप बहुत सावधानी पूर्वक किया जाता है अतः साधक को भी पूरे विधि विधान से ही शाबर मंत्रों का जाप करना चाहिए , साधक की त्रुटि या अज्ञानता वश गलत या मनवांछित परिणाम न मिलने पर maihindu.com की किसी भी प्रकार की कोई ज़िम्मेदारी नही बनती है
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