कुंडली में शुभ योग: इन 7 योग में उत्पन्न व्यक्ति ,कीर्तिवान,यशस्वी तथा राजा के समान ऐश्वर्यवान होता है-kundli me shubh yog
कुंडली में शुभ योग ( kundli me shubh yog ): जब आपकी कुंडली में शुभ ग्रह योग में से कोई एक योग होगा तो आपको जीवन में सफलता मिलती है । कुंडली में शुभ योग अनेक होते है जिनमे से कुछ शुभ और प्रबल योग हम यहाँ आपको बता रहे हैं। यहाँ बताए गए कुंडली में शुभ हमारे जीवन में संघर्ष नहीं आने देते है।कुंडली में शुभ योग kundli me shubh yog
आइये हम सब जानते हैं ये कुंडली में शुभ योग हमारी कुंडली मे ?
कुंडली में शुभ योग kundli me shubh yog
अर्द्ध चंद्र योग
जन्म-कुंडली में केंद्र से भिन्न किसी भी स्थान से आरंभ करके निरंतर सात भावों में सातों ग्रहों की स्थिति हो, तो ‘अर्द्ध चंद्र योग’ होता है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति सेनापति, जननायक, राजा द्वारा उच्च सम्मान प्राप्त करने वाला, धन, वस्त्र, आभूषणों से युक्त तथा चंद्रमा के समान अन्य लोगों के नेत्रों को आनंद देने वाला होता हैं।
चक्र योग
लग्न से आरंभ करके एक-एक घर को छोड़कर, अर्थात् 1, 3, 5, 7,9, 11 भाव में लगातार सातों ग्रहों की स्थिति हो, तो उसे ‘चक्र योग’ कहा जाता है। इस योग में जन्म लेने वाला मनुष्य रूपवान, अत्यंत प्रतापी,श्रीमान, राजाओं से मान्य तथा ऐश्वर्यशाली होता है उसकी कीर्ति संपूर्ण पृथ्वी पर फैलती है।
नौका योग
लग्न से आरंभ करके लगातार सात भावों में सातों ग्रह हों, तो ‘नौका योग’ होता है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति लोकप्रसिद्ध, जल से उत्पन्न धन-धान्य से युक्त, परंतु सुख भोग हीन , लोभी और चंचल स्वभाव का होता है।
छत्र योग
जन्म कुंडली में सप्तम घर से आरंभ करके अगले सातों ग्रहों की स्थिति हो, तो छत्र योग होता है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति दयालु, पंडित, धनी, राजकर्मचारी तथा वाल्यावस्था एवं वृद्धावस्था में सुखी होता है।।
समुद्र योग
कुंडली में द्वितीय भाव से आरंभ करके एक-एक घर को छोड़कर अर्थात 2, 4, 6, 8, 10 भावों में लगातार सातों ग्रहों की स्थिति हो तो ‘समुद्र योग’ कहा जाता है। इस योग में उत्पन्न व्यक्ति दयावान, कीर्तिवान, धैर्यवान, दानी, यशस्वी तथा ऐश्वर्यवान होता है। वह राजा के समान कीर्तिवान होता है और अपने कुल को धन्य करता है।
वीणा योग
यदि जन्म कुंडली के सात घरों में सातों ग्रहों की स्थिति हो, तो ‘वीणा योग’ होता है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति धनी, शास्त्रज्ञ, सब कर्मों में कुशल, अनेक लोगों का पालन-पोषण करने वाला तथा सब प्रकार के सुखों का उपभोग करने वाला होता है।
नंदा योग
यदि सूर्य आदि नवग्रह जन्म कुंडली में तीन स्थानों में दो-दो की संख्या में तथा तीन स्थानों में एक-एक की संख्या में हों, तो ‘नंदा योग’ होता है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति सुखी तथा दीर्घायु होता है।
कुंडली में शुभ योग kundli me shubh yog
निष्कर्ष :
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