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mangal dosh kya hota hai 12 upay कब नहीं लगता है मंगल दोष ? क्या होता है मंगल दोष?

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mangal dosh kya hota hai-12 upay-कब नहीं लगता है मंगल दोष ? क्या होता है मंगल दोष?

mangal dosh kya hota hai: मित्रों कुंडली में प्रथम भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव एवं द्वादश भाव में से किसी भी भाव में मंगल का होना व्यक्ति को मंगल दोष ( mangal dosh ) से पीड़ित बनाता है । मंगल दोष व्यक्ति को अधिक क्रोधी और जिद्दी बनाता है। यदि व्यक्ति के कुंडली में यदि मंगल दोष है तो उन्हें अनेक प्रकार के कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

ज्योतिष में ऐसा मन जाता है की मांगलिक व्यक्ति की शादी मांगलिक व्यक्ति से होने पर मंगल दोष ( mangal dosh ) दूर हो जाता है। ये भी कहा गया है कि 28 वर्ष की आयु के बाद मंगल दोष का प्रभाव कम होने लगता है।

अधिकतर शादी-विवाह में आने वाली रुकावटें व ऋण का बोझ बढ़ना और प्रोपर्टी संबंधित समस्याएं भी मंगल दोष ( mangal dosh ) से उत्पन्न होने लगती हैं है. कुंडली में मंगल भारी हो तो दांपत्य जीवन में कठिनाईयां आने लगती हैं।

इस प्रकार के कष्टों से बचने के लिए प्रत्येक मंगलवार हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए

mangal dosh kya hota hai मंगल दोष

साथियों आइये जानते है मंगल दोष के निवारण के कुछ उपाय, टोटके व इसके लक्षण सरल भाषा में

मंगल दोष के लक्षण

  1. कुंडली में मंगल दोष होने पर ऋण का बोझ आसानी से उतरता नही है.
  2. विवाह में रुकावटें आती है, अनेक बार विवाह नही भी होता है
  3. प्रॉपर्टी संबंधित समस्याएं और विवाद उत्पन्न होने लगते है.
  4. शरीर में रक्त संबंधित विकार उत्पन्न होने लगते हैं.
  5. मंगल दोष वाले व्यक्ति का स्वभाव क्रोधी और अहंकारी होता है.
  6. पारिवार का सुख समाप्त होने लगता है
  7. यदि कुंडली के 7th भाव में मंगल हो तो पति पत्नी के वैवाहिक संबंध में मनमुटाव उत्पन्न होने लगता है.
  8. 8th भाव में मंगल हो तो विवाह के सुख के साथ साथ ससुराल में रिश्ते ख़राब हो जाते हैं.
  9. यदि कुंडली में 12th भाव में मंगल हो तो शारीरिक क्षमताएं विशेषकर यौन क्षमताये कम हो जाती है,

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क्या होता है मंगल दोष ( mangal dosh kya hota hai )?

जब मंगल ग्रह कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव होते है तो इसी स्थिति में व्यक्ति मंगली कहलाता है. किंतु ऐसे में यदि किसी शुभ ग्रह की दृष्टि मंगल पर पड़ रही हो तो मंगल दोष ( mangal dosh ) निर्बल हो जाता है.

पुराने समय से विवाह से पहले कुंडली मिलाने का चलन चला आ रहा है। कुंडली मिलाते समय सबसे अधिक ध्यान मंगल दोष पर ही दिया जाता है। आज के समय में भी अरेंज मैरिज में मंगल दोष ( mangal dosh ) पाए जाने पर विवाह नहीं किया जाता और यदि लव मैरिज में इस प्रकार का दोष आ रहा हो तो भी अधिकतर लोग मंगल दोष के निवारण के बाद ही विवाह करते हैं।

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image source : unsplash 

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कब नहीं लगता है मंगल दोष ( mangal dosh ) ?

  • यदि किसी की कुंडली मे उपरोक्त स्थितियां हों तो मांगलिक दोष नहीं लगता :-
  • यदि मंगल मंगल प्रथम, द्वितीय, चतुर्थ, अष्टम या द्वादश भाव में स्थित हो और यदि इन भावों मे मेष,कर्क,वृश्चिक और  मकर राशि हो तो मंगल दोष ( mangal dosh ) नहीं लगता है ।
  • यदि मंगल प्रथम, द्वितीय, चतुर्थ, अष्टम तथा द्वादश भाव में बुध या बृहस्पति के साथ स्थित हो तो मंगल दोष ( mangal dosh ) नही लगता है ।
  • यदि मंगल अपनी राशि मेष या वृश्चिक में स्थित होकर चतुर्थ भाव में हो अथवा शुक्र की राशि तुला या वृष मे हों तो भी मंगल दोष नहीं लगता है ।
  • मंगल को सप्तम भाव में पापी माना जाता है किन्तु यदि सप्तम में मेष, कर्क, वृश्चिक तथा मकर राशि हो तो मंगल पापी नहीं रह जाता है ।
  • यदि अष्टम भाव में वृहस्पति की राशि धनु या मीन हो या मंगल अष्टम में कर्क या मकर राशि में स्थित हो, तब भी मंगल दोष नहीं होता।
  • यदि मंगल के साथ चंद्र स्थित हो तब भी मंगल दोष नहीं होता ।
  • यदि कुंडली मे मंगल के सामने बृहस्पति, शनि, राहू या केतू स्थित हों तब भी मंगल दोष ( mangal dosh ) स्वंम समाप्त हो जाता है।
  • कुंभ लग्न की कुंडली में मंगल चौथे अर्थात वृष राशि या आठवें घर अर्थात कन्या में हो तो मांगलिक दोष नहीं लगता।
  • मीन और धनु लग्न की कुंडली में आठवें घर में मंगल होने से भी ये दोष खत्म हो जाता है।
  • कन्या और मिथुन राशि के दूसरे भाव में मंगल का बैठा होना भी मंगल दोष ( mangal dosh ) को समाप्त करता है।

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मांगलिक ग्रह दोष निवारण के उपाय

  1. प्रति मंगलवार हनुमान जी का व्रत रखें.
  2. प्रतिदिन ॐ भौमाय नम: या  ॐ अं अंगारकाय नम: मंत्र का 108 बार जाप करें
  3. प्रति मंगलवार सुंदरकांड का पाठ करें और हनुमान चालीसा प्रतिदिन पढ़ें
  4. हनुमान जी के मंदिर में लाल बूंदी का भोग अर्पित करें और इस प्रसाद को  वहां उपस्थित भक्तों में और परिवार के लोगों में बांटें.
  5. मंगलवार को गेंहू, लाल गाय या भूमि का दान ,लाल मसूर की दाल, शक्कर, शहद, लाल वस्त्र, लाल गुलाल अर्पित कर हनुमान जी की पूजा करें जिससे मंगल दोष से बच सकते हैं।
  6. मंगलवार के दिन हनुमान जी के चरणों से सिंदूर अर्थात चोले से तिलक लेकर एक टीका माथे पर लगायें ।
  7. लाल सिंदूर हनुमान मंदिर में चढ़ाएं
  8. बंदरों को मंगलवार को गुड़ और चना खिलाएं ।
  9. मंगली व्यक्ति के विवाह के समय घर में भूमि खोदकर तंदूर नहीं लगायें .
  10. मिट्टी का खाली पात्र नदी में प्रवाहित करना चाहिए।
  11. निर्धनों को लाल वस्त्र या लाल मसूर की दाल का दान करें.
  12. मंगलवार को प्रातःकाल इन मंगल मंत्रों का जाप करने से मंगल दोष ( mangal dosh ) से मुक्ति मिलती है।

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मंगल ग्रह के विभिन्न मंत्र 

मंगल का एकाक्षरी बीज मंत्र

ॐ अं अंगारकाय नम:।

मंगल का तांत्रिक मंत्र

ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:

मंगल का पौराणिक मंत्र

धरणीगर्भसम्भूतं विद्युत्कान्तिसमप्रभम्।
कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम्॥

मंगल का गायत्री मंत्र

ॐ क्षिति पुत्राय विदमहे लोहितांगाय

धीमहि-तन्नो भौम: प्रचोदयात।

जप संख्या- 10,000 (10 हजार)।

मंगल ग्रह का दान

  1. कुण्डली में मंगल की स्थिति बलवान करने के लिए और मंगल की प्रतिकूलता को समाप्त करने के लिए
  2. मंगलवार के दिन लाल रंग की वस्तुओं का दान करना चाहिए ।
  3. मंगलवार को गुड़,गेहूं,तांबा, लाल मसूर, लाल चंदन, मूंगा रत्न आदि का दान करना चाहिए।
  4. यदि आप मंगलवार को लाल रंग की मिठाई का भी दान करते है तो मंगल दोष ( mangal dosh ) धीरे धीरे समाप्त होने लगता है।

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Remark : साथियों हमारी कुंडली मे मंगल दोष ( mangal dosh ),पित्र दोष आदि अनेक प्रकार के ग्रह दोष होते हैं , सभी ग्रहों के अनेक मंत्र ,अनेक पूजन विधि और अनेक उपाय होते हैं – यहाँ बताये गए उपाय सामान्य उपाय हैं जिन्हे सभी अपना सकते हैं किन्तु कोई भी उपाय कुंडली दिखवाकर ही करना चाहिए क्योंकि संसार में सभी कुंडली भिन्न होती है ,

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