मारक ग्रहों का प्रभाव और उनसे बचाव ज्योतिष

मारक ग्रहों का प्रभाव और उनसे बचाव: डर नहीं समाधान जानिए 2025

ज्योतिष में मारक ग्रहों का प्रभाव और उनसे बचाव जानना बहुत आवश्यक है क्योंकि जब भी जीवन में अचानक संकट, बीमारी या मानसिक दबाव बढ़ता है तो हम अपने ग्रहों को समझने का प्रयास करने लगते हैं । मारक ग्रह वे होते हैं, जो कुंडली में मृत्यु तुल्य कष्ट या अत्यधिक पीड़ा देने की क्षमता रखते हैं। हालांकि इसका अर्थ केवल मृत्यु नहीं, बल्कि जीवन में बड़े अवरोध भी हो सकते हैं।

मारक ग्रहों का प्रभाव और उनसे बचाव ज्योतिष

Photo by NASA Hubble Space Telescope

तो आइए जानते हैं

मारक ग्रहों का प्रभाव और उनसे बचाव

मारक ग्रहों का प्रभाव और उनसे बचाव समझने के लिए पहले यह जानना जरूरी है कि मारक ग्रह कौन होते हैं। सामान्यतः द्वितीय और सप्तम भाव के स्वामी, या उनसे जुड़े ग्रह, मारक कहलाते हैं। जब ये ग्रह दशा, अंतर्दशा या गोचर में सक्रिय होते हैं, तब व्यक्ति को कठिन समय का सामना करना पड़ता है।

मारक ग्रहों का प्रभाव और उनसे बचाव केवल डर का विषय नहीं, बल्कि जागरूकता का विषय है। कई बार लोग बिना कारण भयभीत हो जाते हैं, जबकि सही उपाय और समझ से इन प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। ज्योतिष का उद्देश्य डराना नहीं, बल्कि मार्गदर्शन देना है।

जब मारक ग्रह सक्रिय होते हैं, तो व्यक्ति के जीवन में स्वास्थ्य समस्याएं, आर्थिक नुकसान, रिश्तों में तनाव और मानसिक अशांति बढ़ सकती है। मारक ग्रहों का प्रभाव और उनसे बचाव तभी संभव है, जब व्यक्ति अपने कर्म और व्यवहार पर भी ध्यान दे। केवल पूजा-पाठ ही पर्याप्त नहीं होता।

सबसे पहला उपाय है आत्मअनुशासन। मारक ग्रहों का प्रभाव और उनसे बचाव के लिए दिनचर्या को संतुलित रखना बहुत जरूरी है। गलत आदतें, नशा, क्रोध और अहंकार इन ग्रहों के प्रभाव को और बढ़ा देते हैं। सादा जीवन और संयमित आहार इन प्रभावों को कमजोर करता है।

दान और सेवा को भी मारक ग्रहों का प्रभाव और उनसे बचाव का प्रभावी साधन माना गया है। जरूरतमंदों की सहायता, बीमार लोगों की सेवा और वृद्धों का सम्मान करने से नकारात्मक ग्रह बलहीन होते हैं लेकिन इसमे ये ध्यान रखना चाहिए कि जो गृह मारक है उस ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान किया जाए । यह उपाय सरल है, लेकिन प्रभाव गहरा होता है।

मंत्र जाप भी एक महत्वपूर्ण उपाय है। लेकिन ध्यान रहे कि मंत्र व्यक्ति की कुंडली के अनुसार ही चुना जाए। बिना जानकारी के किया गया मंत्र जाप उल्टा प्रभाव भी डाल सकता है। इसलिए मारक ग्रहों का प्रभाव और उनसे बचाव के लिए किसी अनुभवी ज्योतिषी की सलाह लेना आवश्यक है।

मानसिक दृष्टि से देखा जाए तो भय ही सबसे बड़ा मारक बन जाता है। मारक ग्रहों का प्रभाव और उनसे बचाव तब आसान हो जाता है, जब व्यक्ति मानसिक रूप से मजबूत हो। सकारात्मक सोच, ध्यान और प्रार्थना से व्यक्ति के भीतर का डर कम होता है, जिससे ग्रहों का प्रभाव भी स्वतः घटने लगता है।

अंत में यह समझना जरूरी है कि मारक ग्रह दंड देने नहीं, बल्कि चेतावनी देने आते हैं। मारक ग्रहों का प्रभाव और उनसे बचाव का सही अर्थ है जीवन को सुधारने का अवसर। यदि इस समय को आत्ममंथन और सुधार के रूप में लिया जाए, तो यही ग्रह आगे चलकर सुरक्षा कवच भी बन जाते हैं।

Remark :

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