Pitru Paksha 2023 Date and Time :पितृपक्ष 2023

Pitru Paksha 2022 Date and Time :16 दिनों का पितृपक्ष 2022 क्यों है विशेष ,जाने तर्पणविधि,सावधानी,किस दिन किसका श्राद्ध और मंत्र

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Pitru Paksha 2022 Date and Time :16 दिनों का पितृपक्ष 2022 क्यों है विशेष,जाने तर्पणविधि,सावधानी,किस दिन किसका श्राद्ध और मंत्र

Pitru Paksha 2022 Date and Time : आज 10 सितंबर से पितृपक्ष 2022 आरंभ हो रहे हैं जोकि 25 सितंबर को समाप्त होंगे और इस प्रकार वर्ष 2022 में पितृपक्ष 16 दिन के होंगे जबकि सामान्यतः ये 15 दिनों के होते हैं। 

आज भाद्र मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा यानि 10 सितंबर के दिन ऋषि तर्पण होगा और इसी के साथ पितृ पूजन का समय प्रारंभ हो जाएगा।भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि तक पितृपक्ष का समय होता है । 

आज 10 सितंबर के दिन दोपहर के बाद से पूर्णिमा लग जाएगी।क्योंकि कल प्रतिपदा लग जाएगी इस लिए पूर्णिमा का श्राद्ध आज ही के दिन किया जायेगा

पूरे वर्ष में पितृपक्ष वो समय होता है जब पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। सनातन हिन्दू धर्मानुसार पितरों का श्राद्ध अवश्य करना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें शान्ति मिलती है और वो प्रसन्न हो हमें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

जिनकी कुंडली में पितृदोष या काल सर्प योग हों उन्हें  हो उन्हें पितृपक्ष में पितरों का श्राद्ध अवश्य करना चाहिए , श्राद्ध करने से श्राद्ध कर्म का सूक्ष्म तत्व पितरों को प्राप्त होता है जिससे उन्हें पितृलोक में शांति और सम्मान प्राप्त होता है इसीलिए पितृपक्ष में पितरों का श्राद्ध करने से उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है

जीवन की अनेक कठिनाईयों और बाधाओं से मुक्ति पाने का मार्ग है पितृपक्ष श्राद्ध कर्म।

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पितृपक्ष तर्पण विधि 

पितृपक्ष में निरंतर पूर्णिमा से अमावस्या तक सभी दिन पितरों के लिए तर्पण करना चाहिए। तर्पण करने वाले व्यक्ति को स्नानादि से निवर्त हो श्वेत वस्त्र पहन कर जल तर्पण करना चाहिए ,

स्नान के बाद शरीर से जल न पोंछे और एक लोटे में जल लेकर उसमे कुछ गंगा जल डालकर उसमे कुश, अक्षत् ( कच्चे चावल के थोड़े दाने ), जौ और काला तिल डाल लें

अब दक्षिन दिशा की ओर मुख करके अपने पितरों को स्मरण करे और उनका आह्वान करे कि हम आपका तर्पण कर रहें है कृप्या इसे स्वीकार करे , ऐसा सोचते हुए कुश के ऊपर से इस जल को उन्हें अर्पित कर दे और ऐसा करने के बाद इस कुश को किसी साफ़ स्थान पर रख दें, 

कुश जोकि एक प्रकार की घास होती है और आपको मार्केट में सरलता से मिल जायेगी, तर्पण करने के बाद पितरों से अपने और अपने परिवार के सदस्यों के द्वारा जाने अनजाने में हुई त्रुटियों को क्षमा करने की प्रार्थना करें . 

Pitru Paksha 2022 पितृपक्ष 2022

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पितृपक्ष श्राद्ध कर्म में रखें ये सावधानी

पितृपक्ष में हमें जितना संभव हो उतना सात्विक जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए ,

पितृपक्ष में मांस मदिरा के सेवन करने

पितृपक्ष में हमें शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए ,

पितृपक्ष में जो व्यक्ति श्राद्ध कर्म करते हैं उनको बाल,दाढ़ी या नाखून नहीं कटवाना चाहिए,

पितृपक्ष में हमें पितरों की निंदा या धर्म विरोधी बातें नहीं करनी चाहिए 

पितृपक्ष में पितरों को भोजन दिए बिना स्वयं कभी भोजन नहीं करना चाहिए,

पितृपक्ष में घर परिवार या अन्य वृद्ध लोगों का अपमान नही करना चाहिए ।

पितृपक्ष में गाय, कुत्ते, कौवे आदि किसी भी पशु पक्षी का अपमान नहीं करना चाहिए और उन्हें हानि पहुँचाने का प्रयास नहीं करना चाहिए ।

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पितृ पक्ष में क्या करना चाहिए

पितरों को समर्पित पितृ पक्ष में तर्पण दान का हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्व है ,तर्पण दान से जहाँ हमारे पूर्वजों की आत्माओं को तृप्ति और  शांति मिलती है वहीँ अपने धर्मानुसार आचरण करने से हमारे गुरु बृहस्पति बलवान होते है और हमारे जीवन में आने वाली बाधायें दूर होने लगती है  

इसीलिए पितृ पक्ष में

  • किसी सुयोग्य विद्वान ब्राह्मण के द्वारा ही श्राद्ध कर्म -पिंडदान- तर्पण आदि  करवाना चाहिए।
    श्राद्ध कर्म में अपनी सामर्थ्य देखते हुए पूरी श्रद्धा के साथ ब्राह्मणों को दान देना चाहिए, यदि संभव हो तो गंगा नदी या गंगा जैसी ही अन्य पवित्र नदियों के तट पर श्राद्ध कर्म करवाना चाहिए।
  • यदि समय का अत्यधिक आभाव हो या कोई अन्य कारण हो तो इसे घर पर भी किया जा सकता है। पितरों के श्राद्ध कर्म -पिंडदान- तर्पण  में पितरों का स्मरण करना चाहिए और मन ही मन उनसे श्राद्ध ग्रहण करने का आग्रह करना चाहिए।
  • आपके पूर्वजों की पुण्य तिथि के अनुसार जिस दिन श्राद्ध हो उस दिन ब्राह्मणों को भोजन   करवाना चाहिए। भोजन के बाद दान दक्षिणा देकर विदा करना चाहिए और साथ ही यदि निर्बल, निर्धन,असहाय लोगों की सहायता भी करनी चाहिए, इसके साथ ही गाय, कुत्ते, कौवे आदि पशु-पक्षियों को भी भोजन अवश्य देना चाहिए 

इन सभी कर्मों का पुण्य फल हमारे पितरों को प्राप्त होता है और उन्हें मुक्ति प्राप्त होती है , वो प्रसन्न हो हमें आशीर्वाद देते है जिससे हमें उन्नति मिलती है।

किस दिन किसका श्राद्ध Pitru Paksha 2022 पितृपक्ष 2022

Pitru Paksha 2022 Date and Time

यदि पितरों की मृत्यु की तिथि याद है तो तिथि के अनुसार पिंडदान करें सबसे उत्तम फल मिलता है।

पितृ पक्ष 2022 में श्राद्ध की तिथियां

पूर्णिमा का श्राद्ध-10 सितंबर-

प्रतिपदा का श्राद्ध- 11 सितंबर

द्वितीया का श्राद्ध- 12 सितंबर 

तृतीया का श्राद्ध- 12 सितंबर 

चतुर्थी का श्राद्ध- 13 सितंबर

पंचमी का श्राद्ध –14 सितंबर 

षष्ठी का श्राद्ध- 15 सितंबर

सप्तमी का श्राद्ध-16 सितंबर 

अष्टमी का श्राद्ध-18 सितंबर 

नवमी का श्राद्ध –19 सितंबर 

दशमी का श्राद्ध- 20 सितंबर

एकादशी का श्राद्ध-21 सितंबर

द्वादशी का श्राद्ध- 22 सितंबर

त्रयोदशी का श्राद्ध-23 सितंबर

चतुर्दशी का श्राद्ध-24 सितंबर 

अमावस्या का श्राद्ध-25 सितंबर 

पितृपक्ष 2022 का मंत्र

ॐ नमो व :पितरो रसाय नमो व:
पितर: शोषाय नमो व:
पितरो जीवाय नमो व:
पीतर: स्वधायै नमो व:
पितर: पितरो नमो वो
गृहान्न: पितरो दत्त:सत्तो व:।।

(you are reading Pitru Paksha 2022 पितृपक्ष 2022)

पितृपक्ष का महत्व

सनातन धर्म में ये माना गया है कि हम सभी के पितरों की आत्माएं जब तक उनका पुनर्जन्म नही हो जाता है ,पितृलोक में निवास करती हैं, ऐसा कहा गया है कि पितृलोक में वो ही आत्माएं सुखी रह पाती है जिनका समुचित श्राद्ध हुआ होता है और किसी भी कारण से यदि किसी व्यक्ति का श्राद्ध भली भाँती नही हो पाता है तो उस व्यक्ति की आत्मा पितृलोक में अशांत और तिरिस्कृत रहती है 

पितृ पक्ष वो समय होता है जब ये आत्माएं अपने परिजनों के द्वारा उचित श्राद्ध कर्म की आशा लिये पृथ्वी पर आती हैं और जब उनके परिजन पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म करते हैं तो उनकी आत्माओं को शांति मिलती है और वो प्रसन्न होकर हमें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

इसलिए हम सभी का ये नैतिक कर्तव्य बनता है कि हम अपने पूर्वजों का उचित प्रकार से श्राद्ध कर्म अवश्य करें , श्राद्ध कर्म न होने पर ये आत्माएं पितृ पक्ष के बाद अशांत और अतृप्त ही वापस पितृलोक लौट जाती हैं , इनमे कुछ आत्माएं क्रोधित हो हमें श्राप भी दे जाती हैं जिससे हमारे जीवन में अनेक कठिनाईयां आने लगती है 

ये भी पढ़े : पितृ दोष pitra dosh – Signs and easy remedies

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निष्कर्ष :

साथियों हम आशा करते है कि ये पोस्ट “Pitru Paksha 2022 Date and Time :16 दिनों का पितृपक्ष 2022 क्यों है विशेष ,जाने तर्पणविधि,सावधानी,किस दिन किसका श्राद्ध और मंत्र” 

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