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मूंगा किसके लिए लाभदायक होता है ? 15 benefits of Coral
benefits of Coral : यदि कुंडली में केंद्र या त्रिकोण का स्वामी मंगल हो और शुभ भाव मे बैठा हो तो मूंगा धारण करना बहुत ही लाभकारी होता है। मूंगा पहनने से मन प्रसन्न रहता है। हृदय रोग और रक्त विकार मे मूंगा बहुत ही लाभकारी होता है। जब सूर्य मेष राशि में हो यानि 15 अप्रैल से 14 मई तक अथवा जिनका जन्म 15 नवम्बर से 14 दिसम्बर के बीच हुआ हो, उनको मूंगा अवश्य पहनना चाहिए।
तो आइए जानते हैं
मूंगा किसके लिए लाभदायक होता है ?
15 benefits of Coral
- यदि किसी बालक के पेट दर्द या सूखा रोग हो तो उसे गले या हाथ में मूंगा पहनाना चाहिए , ऐसा करने से रोग नहीं होता है ।
- यदि मंगल प्रथम भाव में स्थित हो तो मूंगा धारण करना लाभकारी होगा।
- यदि मंगल तीसरे स्थान पर हो तो भाई-बहनों में मतभेद होता है। इसे दूर करने के लिए मूंगा पहनना चाहिए।
- यदि कुंडली में मंगल राहु या शनि के साथ कहीं भी स्थित हो तो मूंगा पहनना अत्यंत लाभदायक सिद्ध होता है।
- यदि कुंडली में मंगल चतुर्थ भाव में हो तो जीवन साथी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है। अतः ऐसे जातक मूंगा अवश्य पहनें।
- यदि कुंडली में सप्तम या द्वादश भाव मे मंगल हो तो ऐसा मंगल शुभ नहीं होता। इससे जीवन- साथी को कष्ट होता है। अतः ऐसे व्यक्ति को भी मूंगा पहनना चाहिए।
- यदि कुंडली में धनेश मंगल नवम भाव में, चतुर्थेश मंगल एकादश भाव में हो या पंचम भाव का स्वामी मंगल द्वादश भाव में स्थित हो तो मूंगा पहनना अत्यंत लाभकारी होता है।
- यदि कुंडली में नवमेश मंगल चतुर्थ स्थान में तथा दशमेश मंगल पंचम या एकादश भाव में हो तो ऐसे में मूंगा पहनना लाभकारी होता है।
- यदि कुंडली में मंगल कहीं भी स्थित हो और उसकी दृष्टि सप्तम, दशम या एकादश भाव पर हो तो मूंगा धारण करना लाभदायक होगा।
- यदि मेष या वृश्चिक लग्न में मंगल छठे भाव में हो, धनेश मंगल सप्तम भाव में, चतुर्थेश मंगल नवम भाव में, पंचमेश मंगल दशम भाव में, सप्तमेश मंगल द्वादश भाव में नवमेश मंगल धन स्थान में, दशमेश मंगल तीसरे भाव में या एकादशेश मंगल चौथे भाव में हो तो मूंगा धारण करना अत्यंत लाभकारी होता है।
- यदि मंगल कुंडली के छठे, आठवें अथवा बारहवें भाव में स्थित हो तो मूंगा धारण करना लाभदायक होगा। → यदि कुंडली में मंगल की दृष्टि सूर्य पर पड़ रही हो तो मूंगा पहनना अति लाभकारी होता है।
- यदि मंगल चन्द्रमा के साथ हो तो इस रत्न को पहनने से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है।
- यदि कुंडली में मंगल षष्ठेश या अष्टमेश के साथ हो अथवा इन ग्रहों की दृष्टि मंगल पर पड़ रही हो तो मूंगा धारण करने पर लाभ होता है।
- यदि कुंडली में मंगल वक्री, अस्त या प्रथम स्थान में हो तो मूंगा पहनकर लाभ उठाया जा सकता है।
- यदि कुंडली में मंगल शुभ भावों का स्वामी होकर शत्रु ग्रहों के साथ हो तो उसे शक्तिशाली बनाने के लिए मूंगा धारण करना अति श्रेयस्कर माना जाता है
निष्कर्ष :
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