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लाजवर्त क्यों पहना जाता है-lajvart से 3 ग्रह शांत शनि राहु केतु-Lapis Lazuli benefits -confidence, peace and harmony
Lapis Lazuli benefits: लाजवर्त एक अपारदर्शी ,चिकना,गाढ़े नीले रंग और देखने में बहुत सुन्दर रत्न है। लाजवर्त रत्न(lajvart) को शनि, राहु और केतु से मिलने वाले कष्टों से मुक्ति के लिए पहना जाता है।
लाजवर्त रत्न का रंग मोर की गर्दन के रंग जैसा अर्थात नीले रंग का होता है। जब आपकी कुंडली में शनि , राहु , केतु तीनो का ही बुरा फल मिल रहा हो तो किसी अच्छे मुहर्त में लाजवर्त यानि Lapis Lazuli stone धारण करें
इसमें नीले रंग के साथ हल्के नीले रंग की कुछ धारियां भी पाई जाती हैं।
लाजवर्त धारण करने के लाभ-Lapis Lazuli benefits
लाजवर्त धारण करने के लाभ ही लाभ हैं क्योंकि लाजवर्त शनि और राहू-केतु के समस्त दोषों और हमारे जीवन पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों को समाप्त करता है।
यदि आपके साथ बार-बार कोई अनहोनी हो रही हो दुर्घटनाएं हो रही हों या अचानक आपको धन हानि, स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हो तो लाजवर्त धारण करने से लाभ पहुंचता है।
लाजवर्त आपको बुरी नजर, जादू-टोना, नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है। यदि आप मानसिक रूप से अशांत हो तो मानसिक शांति देने का काम भी लाजवर्त सरलता से कर देता है।
लाजवर्त धारण करने के लाभ ये भी है कि लाजवर्त को पहनने से व्यक्ति की आर्थिक तंगी दूर होती है, यदि कहीं पैसा फंसा हो या बहुत कम आ रहा हो तो भी लाजवर्त बहुत काम करता है , लाजवर्त से पैसों के आगमन में आ रही रूकावटें दूर होती हैं।
जिनकी जन्म कुंडली में सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण दोष है उन्हें भी लाजवर्त (Lapis Lazuli) पहनना चाहिए।
राहू-केतु के कारण यदि घर में पितृ दोष बना हुआ हो तो लाजवर्त पहनने से पितृ दोष शांत होता है। व्यापार-व्यवसाय या नौकरी में बाधा आ रही हो तो लाजवर्त धारण करना उचित रहता है। यह हमारे जीवन में शांति लाने का काम करता है ।
यदि घर में पैसों की कमी रहती हो , परिवार के लोगों में तनाव-डिप्रेशन रहता है तो लाजवर्त की माला को घर की पश्चिम दिशा में लटकानी चाहिए ।
लाजवर्त किस दिन धारण करें
किस दिन पहने लाजवर्त (Lapis Lazuli)
लाजवर्त (Lapis Lazuli) को धारण करने का सबसे शुभ दिन शनिवार है, आप इसे चांदी की अंगूठी या लॉकेट में बनवाकर पहन सकते । लाजवर्त का ब्रेसलेट भी पहना जाता है या आप लाजवर्त के मोतियों की माला भी गले में धारण कर सकते हैं,
लाजवर्त की अंगूठी (Lapis Lazuli ring )
यदि लाजवर्त (Lapis Lazuli) की अंगूठी पहननी हो तो इसे दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण करनी चाहिए। आप इसे लॉकेट में भी पहन सकते हैं , लाजवर्त (Lapis Lazuli) धारण करने से पहले अंगूठी या लॉकेट को सरसो या तिल के तेल में 5 घंटे तक डुबोकर रखें।
इसके बाद पश्चिम दिशा की ओर मुख करके नीले रंग के वस्त्र पर लाजवर्त (Lapis Lazuli) को रखकर ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम: मंत्र की एक माला यानि 108 बार जाप करें। धूप-दीप दिखाकर इसे कपड़े से पोंछकर धारण करें।
निष्कर्ष :
साथियों हमने इस पोस्ट :- :लाजवर्त क्यों पहना जाता है-lajvart से 3 ग्रह शांत शनि राहु केतु-Lapis Lazuli benefits -confidence, peace and harmony ” से जाना कैसे हम शनि राहु केतु तीनो ग्रहों को शांत करने के लिए लाजवर्त (Lapis Lazuli) धारण कर सकते हैं ,
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