Table of Contents
baidyanath dham-वैद्यनाथ धाम,देवघर,झारखण्ड-जहाँ हुई रावण से भूल
baba baidyanath dham yatra
झारखंड राज्य में देवघर जिले में शिव जी के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक प्रभु बैद्यनाथ विराजित है|बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग शिव जी पुराणकालीन मन्दिर है।|
देवघर अर्थात देवी-देवताओं का निवास, बाबा भोलेनाथ के सभी भक्त देवघर जनपद को बाबा बैद्यनाथ baidyanath के धाम के नाम से ही जानते है |
यहाँ पर आने वालों की सारी मनोकामनाएँ पूर्ण हो जाती हैं| देवघर को संस्कृत के ग्रंथों में हरितकिवन या केतकीवन के रूप में जाना जाता है। श्रावण माह में प्रभु बैद्यनाथ baidyanath के अनेक भक्त सुल्तानगंज से देवघर तक लगभग 100 किमी पैदल चलते हुए गंगा जल ले कर भगवान शिव को अर्पित करने के लिए लाते है|
भोलेनाथ के मन्दिर के निकट अनेक अन्य मंदिर और एक विशाल तालाब स्थित है।
वैद्यनाथ मन्दिर के निकट जो अन्य महत्वपूर्ण मंदिर है वो है माता पार्वती मंदिर ,जोकि मुख्य मंदिर से ही जुड़ा हुआ है , वासुकिनाथ मंदिर,बैजू मन्दिर इतियादी |
वासुकिनाथ मन्दिर at baidyanath
वासुकिनाथ मंदिर,देवघर से लगभग 42 किलोमीटर दूर जरमुण्डी नाम के गाँव के निकट है। ये मंदिर भी शिव मन्दिर ही है। अनेक लोगों का मानना है कि जब तक वासुकिनाथ मंदिर में पूजा न हो जाए तब तक बाबा वैद्यनाथ baidyanath की तीर्थयात्रा सम्पूर्ण नही मानी जायेगी लेकिन इस मान्यता का वर्णन हिन्दू धर्मग्रंथो में न ही मिलता है |वासुकिनाथ मन्दिर के परिसर में भी अनेक अन्य छोटे मन्दिर हैं।
बैजू मन्दिर at baidyanath
देवघर के मुख्य बाजार में और बाबा बैद्यनाथ मन्दिर परिसर के पश्चिम में 3 अन्य मन्दिर भी हैं जिनको बैजू मन्दिर कहा जाता है।बाबा बैद्यनाथ मन्दिर के मुख्य पुजारी के वंशजों ने पुराने समय में इन मन्दिरों का निर्माण करवाया था और इन सभी मंदिरों में भगवान शिव का लिंग स्थापित है।
ये भी पढे : स्त्री कुंडली में ग्रह फल
पंचशूल at baidyanath
हिन्दू धर्म में जितने भी मंदिर होते है उन सभी की चोटी पर त्रिशूल(तीन-शूल या तीन कांटे ) लगे होते है किन्तु बाबा वैद्यनाथ धाम में शिव, पार्वती, लक्ष्मी-नारायण व अन्य सभी मंदिरों के शीर्ष पर पंचशूल ( 5 शूल ) लगे हैं।महाशिवरात्रि पर इन पंचशूल का विशेष पूजन किया जाता है |
baba baidyanath dham history in hindi
बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के बारे में एक बहुत ही रोचक कथा है जिसे हम सबको पता होना चाहिए| त्रेता में रावण ने हिमालय जाकर कैलाश पर्वत पर शिवजी को प्रसन्न करने के लिये घोर तपस्या की थी , जब घोर तपस्या के बाद भी शिव जी प्रकट नही हुए तो रावण अपना सिर काट-काटकर शिवलिंग पर चढ़ाने लगा ।
रावण ने अपने दस शीश में से एक-एक करके नौ शीश चढ़ा दिए लेकिन शिव जी प्रकट नही हुए तब अंततः रावण अपना दसवाँ सिर भी काट कर चढ़ाने ही वाला था कि शिवजी प्रसन्न होकर रावण के सम्मुख प्रकट हो गये।
प्रभु शिव ने रावण के दसों सिर लौटा दिए और उससे वरदान माँगने को कहा। तब रावण ने शिव जी को अपने साथ लंका चलने के लिए कहा लेकिन प्रभु शिव ने इसमें असमर्थता व्यक्त की तब रावण ने शिव जी से लंका में जाकर उस लिंग को स्थापित करने के लिये प्रभु शिव से शिवलिंग ले जाने की अनुमति माँगी।
शिवजी ने अनुमति दे दी किन्तु साथ ही ये चेतावनी भी दी “ इस शिवलिंग को प्रथम बार तुम जहाँ भी धरती भी रखोगे तो ये शिव लिंग उसी स्थान पर स्थापित हो जायेगा” इतना कहकर शिव जी अंतर्ध्यान हो गये|
image source : Pinterest
इसके बाद रावण शिवलिंग को लेकर लंका चला पर मार्ग में उसे लघुशंका निवृत्ति की आवश्यकता हुई। रावण उस लिंग को एक अहीर को पकड़ा कर लघुशंका-निवृत्ति हेतु चला गया। उस अहीर को वो शिवलिंग अत्यधिक भारी अनुभव हो रहा था जिस कारण उसने वो शिव लिंग धरती पर रख दिया|
लघुशंका निवर्ती के बाद रावण ने अपने सभी प्रयास कर लिए पर शिवलिंग धरती पर से नही उठा सका | तब रावण अत्यधिक निराश हो मूर्ति पर अपना अँगूठा गड़ाकर लंका को चला गया।
कहा ये भी जाता है कि इसमें भी शिव जी की ही इच्छा थी , तत्पश्चात ब्रह्मा, विष्णु आदि देवताओं ने आकर उस शिवलिंग की पूजा की। शिवजी ने दर्शन दिए और इसके बाद सभी देवी देवताओं ने शिवलिंग की वहीं उसी स्थान पर विधि विधान से प्रतिस्थापना कर दी | आज भी ये मान्यता है कि वैद्यनाथ-ज्योतिर्लिग मनोवांछित फल देने वाला है।
how to reach baba baidyanath dham
how to reach baba baidyanath dham by flight
देवघर में कोई भी एअरपोर्ट नही है ,निकटतम हवाई अड्डा यहाँ लगभग 175 किमी दूर बोधगया (Gaya Airport (GAY), Gaya, Bihar ) में है जिसे लोकनायक जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में जाना जाता है।
how to reach baba baidyanath dham by train
देवगढ़ प्रमुख भारतीय नगरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और बैद्यनाथ धाम जंक्शन (Baidyanathdham Deoghar Railway Station,station code-BDME )नगर का प्रमुख रेलवे स्टेशन है। इस स्टेशन पर नियमित ट्रेन सेवाएं उपलब्ध हैं।
विभिन्न ट्रेनों का शुल्क और सीट उपलब्द्धता जाने के लिए यहाँ click करे IRCTC
how to reach baba baidyanath dham by road
देवघर से रांची, पटना आदि प्रमुख नगरों से भलीभांति सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है| बैद्यनाथ मंदिर देवघर बस स्टैंड से लगभग 3 किमी दूर है।जहाँ से नियमित बस सेवा चलती हैं।आप अपने निजी वाहन या टैक्सी से भी देवघर सरलता से पहुँच सकते है|
ये भी पढे :रामेश्वरम-प्रभु राम द्वारा स्थापित rameshwaram jyotirlinga know about a2z