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Narmada Aarti in hindi & english – easy explanation श्री नर्मदा जी की आरती सरल भाषा मे

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Narmada Aarti in hindi & english - easy explanation श्री नर्मदा जी की आरती सरल भाषा मे Narmada Aarti in hindi :  नर्मदा जी की आरती ,गंगा आरती समान ही फल दायक होती है । हिंदू धर्म ग्रंथो के अनुसार नर्मदा नदी की उत्पत्ति शिवजी के पसीने से हुई है जब वह ऋक्ष पर्वत पर तपस्या कर रहे थे । इसी कारण से नर्मदा नदी को भगवान शिव की पुत्री माना जाता है । नर्मदा नदी भारत की अत्यंत पवित्र और पूजनीय नदियों में से एक है और इसे चार वेदों मे सामवेद के प्रतीक रूप में भी माना गया है । जैसे गंगा को ऋग्वेद , यमुना को यजुर्वेद , सरस्वती को अथर्ववेद माना गया है ठीक उसी प्रकार नर्मदा नदी को सामवेद का रूप माना गया है। आइए हम सब भी करते है नर्मदा आरती जिससे हमे नर्मदा जी की कृपा प्राप्त हो सकें । * श्री नर्मदा जी की आरती * Narmada Aarti in hindi ॐ जय जगदानन्दी,मैया जय आनंद कन्दी। ब्रह्मा हरिह...
Margashirsha Purnima 2023 – मार्गशीर्ष पूर्णिमा का क्या महत्व है ? इसे क्यों कहते हैं बत्तीसी पूर्णिमा, पूजन विधि आदि

Margashirsha Purnima 2023 – मार्गशीर्ष पूर्णिमा का क्या महत्व है ? इसे क्यों कहते हैं बत्तीसी पूर्णिमा, पूजन विधि आदि

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Margashirsha Purnima 2023 - मार्गशीर्ष पूर्णिमा का क्या महत्व है ? इसे क्यों कहते हैं बत्तीसी पूर्णिमा, पूजन विधि आदि Margashirsha Purnima 2023 :-  हिन्दू धर्म मे मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन को बहुत शुभ माना जाता है। वर्ष 2023 मे 26 दिसंबर, मंगलवार के दिन को मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2023 मनाई जाएगी। इस पूर्णिमा के दिन स्नान, दान और तप का विशेष महत्व होता है और पवित्र नदियों में स्नान करना महत्वपूर्ण माना जाता है, इस दिन गंगा स्नान के साथ-साथ गंगा पूजन का भी विशेष महत्व है। image source : pexels  ये भी पढ़ें : - Ganga Chalisa in Hindi & English -श्री गंगा चालीसा मार्गशीर्ष पूर्णिमा का क्या महत्व है ? सनातन धर्म में मार्गशीर्ष पूर्णिमा का बहुत ही महत्व है। प्रत्येक महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दूसरे दिन पूर्णिमा तिथि पड़ती है। पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दान करने का विधान ह...
Mokshada Ekadashi 2023: वर्ष की अंतिम एकादशी यानि मोक्षदा एकादशी कब है, जाने इसका महत्व,शुभ मुहूर्त,पूजा विधि और नियम

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Mokshada Ekadashi 2023: वर्ष की अंतिम एकादशी यानि मोक्षदा एकादशी कब है, जाने इसका महत्व,शुभ मुहूर्त,पूजा विधि और नियम Mokshada Ekadashi 2023: वर्ष की अंतिम एकादशी मोक्षदा एकादशी 2023 है जो की 22 दिसंबर को आने वाली है , प्रतिवर्ष  मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष को जो एकादशी पड़ती है उसे ही मोक्षदा एकादशी कहते हैं । इस वर्ष 2023 में मोक्षदा एकादशी को लेकर कुछ भ्रम है क्योंकि हिंदू धर्म में एकादशी तिथि या कोई भी पर्व सूर्य उदय तिथि के अनुसार ही मनाया जाता है अर्थात सूर्य उदय के समय जो तिथि रहती है उसे उदया तिथि कहते हैं और उस पूरे दिन उसी तिथि को माना जाता है । 2023 में मोक्षदा एकादशी 22 दिसंबर को सूर्य उदय के बाद आरंभ हो रही है, इस को ध्यान में रखते हुए कुछ लोग मोक्षदा एकादशी 23 दिसंबर को मना रहे हैं जबकि अनेक लोग 22 दिसंबर को ही मोक्षदा एकादशी का व्रत रखेंगे। भगवान कृष्ण ने इस दिन ...
उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा का महत्व विस्तार से सरल भाषा मे Utpanna Ekadashi Vrat Katha in easy language 

उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा का महत्व विस्तार से सरल भाषा मे Utpanna Ekadashi Vrat Katha in easy language 

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उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा का महत्व विस्तार से सरल भाषा मे Utpanna Ekadashi Vrat Katha in easy language Utpanna Ekadashi Vrat Katha : उत्पन्ना एकादशी व्रत और का सभी व्रतों में विशेष महत्व होता है. क्योंकि इस व्रत के प्रभाव से वर्तमान जन्म और साथ ही पिछले जन्म के पाप मिट जाते हैं. हमारे वंश की अनेक  पीढ़ियों के पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है. जो लोग एकादशी का व्रत आरंभ करना चाहते हैं उनके लिए ये मार्गशीर्ष माह की उत्पन्ना एकादशी से बिल्कुल ठीक समय है और वो इसका आरंभ कर सकते हैं और शास्त्रों में इसे ही पहली एकादशी माना गया है. उत्पन्ना एकादशी के दिन एकादशी देवी की उत्पत्ति हुई थी इसलिए इसे उत्पन्ना एकादशी कहते हैं आइए हम सब भी जानते हैं उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा का महत्व विस्तार से सरल भाषा मे (Utpanna Ekadashi Vrat Katha in easy language ) उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा का महत्व (Utpanna...
Kaal Bhairav Jayanti 2023: शत्रु बाधा और सभी दुखों से छुटकारे के लिए 5 दिसंबर काल भैरव जयंती 2023 के दिन इन मंत्रों से करें भैरवनाथ की पूजा

Kaal Bhairav Jayanti 2023: शत्रु बाधा और सभी दुखों से छुटकारे के लिए 5 दिसंबर काल भैरव जयंती 2023 के दिन इन मंत्रों से करें भैरवनाथ की पूजा

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Kaal Bhairav Jayanti 2023: शत्रु बाधा और सभी दुखों से छुटकारे के लिए 5 दिसंबर काल भैरव जयंती 2023 के दिन इन मंत्रों से करें भैरवनाथ की पूजा Kaal Bhairav Jayanti 2023: 5 दिसंबर को मार्गशीर्ष माह मे कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती 2023 मनाई जाएगी काल भैरव जयंती, मान्यता है कि इस दिन काल भैरव भगवान का अवतरण हुआ था. काल भैरव भगवान को भगवान शिव का रौद्र रुप माना गया है, ऐसा माना जाता है कि कालाष्टमी या काल भैरव जयंती पर काल भैरव की पूजा करने से हमारे जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं , सभी संकट और मृत्यु तुल्य कष्ट दूर हो जाते हैं जीवन में सुख-समृद्धि और शांति के लिए कालाष्टमी की पूजा और व्रत का अत्यधिक महत्व है. कालाष्टमी के दिन भगवान शिव का रौद्र रुप माने गए काल भैरव भगवान की विधि विधान से पुराने समय से पूजा करने की परंपरा रही है आइए जानते है कैसे मनाए काल भैरव जयंती 2...
Chhath Puja 2023 Date :आज से करें छठ पूजा, जाने छठ पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त, नियम और महत्व

Chhath Puja 2023 Date :आज से करें छठ पूजा, जाने छठ पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त, नियम और महत्व

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Chhath Puja 2023 Date :आज से करें छठ पूजा, जाने छठ पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त, नियम और महत्व नहाय-खाय से आरंभ होने वाला छठ पर्व षष्ठी तिथि से दो दिन पहले आरंभ हो जाता है और सप्तमी तिथि को पारण करके इसका समापन हो जाता है। चार दिनों तक चलने वाले छठ पर्व मे मुख्यतः सूर्य देव की पूजा की जाती है। छठ पूजा का पर्व संतान के लिए रखा जाता है। मुख्य रूप से पूर्वाञ्चल मे मनाया जाने वाला छठ पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। जिसमे सूर्यदेव और षष्ठी मैया की पूजा की जाती है। इस दिन शिव भगवान की पूजा करने का भी विधान है । आइए जानते हैं इस वर्ष किस तिथि को है नहाय खाय और खरना। छठ पूजा कब की जाएगी (Chhath Puja 2023 Date) यह पर्व विशेष रूप से पूर्वी उत्तरप्रदेश,बिहार, झारखंड,बंगाल मे मनाया जाने वाला पर्व है किन्तु देश के अन्य भागों के साथ साथ छठ पर्व आज विदेशों मे भी प्रस...
शारदीय नवरात्रि 2023 मे इस शुभ मुहूर्त में करें कलश स्थापना तो मिलेगा माता का आशीर्वाद Shardiya Navratri 2023

शारदीय नवरात्रि 2023 मे इस शुभ मुहूर्त में करें कलश स्थापना तो मिलेगा माता का आशीर्वाद Shardiya Navratri 2023

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शारदीय नवरात्रि 2023 मे इस शुभ मुहूर्त में करें कलश स्थापना तो मिलेगा माता का आशीर्वाद Shardiya Navratri 2023 Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि 2023 का आरंभ 15 अक्टूबर से होने जा रहा है और 24 अक्टूबर को समापन होगा और इसके बाद दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है । नवरात्रि के नौ दिनों में माता रानी के अलग अलग स्वरूपों अर्थात नवदुर्गा का पूजन किया जाता है। नवरात्रि वर्ष में 4 बार पड़ती है जो हिन्दू पंचांग अनुसार माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन माह मे पड़ते हैं , जिनमे चैत्र और आश्विन के नवरात्र मे विशेष रूप से पूजन होता है और अन्य 2 यानि माघ और आषाढ़ माह की नवरात्रि को को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि के दिनों में माँ दुर्गा के भक्त माता का आशीर्वाद पाने के लिए और उनकी दया दृष्टि पाने के लिए माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों की नौ दिनों तक पूजा अर्चना करते है , माँ दुर्गा को शक्ति स्वरू...
परीक्षा मे सफलता पाने के मंत्र- सरस्वती माता के 7 मंत्र -धन, ज्ञान और विद्या की प्राप्ति के लिए Mantras to Get Success in Exams

परीक्षा मे सफलता पाने के मंत्र- सरस्वती माता के 7 मंत्र -धन, ज्ञान और विद्या की प्राप्ति के लिए Mantras to Get Success in Exams

उपाय-टोटके Upay Totke, पूजा पाठ Pooja Path
परीक्षा मे सफलता पाने के मंत्र- सरस्वती माता के 7 मंत्र धन, ज्ञान और विद्या की प्राप्ति के लिए Mantras to Get Success in Exams साथियों किसी भी परीक्षा में सफलता का मंत्र का जाप करने से सफलता प्राप्त होने की संभावना अधिक हो जाती है इसलिए हमें परीक्षा से पूर्व या किसी कठिन कार्य से पूर्व सफलता के मंत्र का जाप अवश्य ही करना चाहिए जीवन में सफलता पाने के लिए परिश्रम बहुत आवश्यक होता है लेकिन उतना ही आवश्यक है पूजा पाठ और अध्यात्म । यहां हम आपको सफलता के कुछ मंत्र बता रहे हैं जो मां शारदा से जुड़े है और इनके जाप से हमे देवी मां शारदा का आशीर्वाद प्राप्त होता है , यहाँ हम आपको बता रहे हैं मां शारदा के सफलता के मंत्र । हम आशा करते हैं पूर्ण सात्विक तरीके से पूर्णता भगवान को समर्पित होते हुए पूरी श्रद्धा के साथ आप जब इन मंत्रों का जाप करेंगे तो आपको आपके कार्यों में निश्चित ही सफलता मिलेगी ...
Pitru Paksha 2023 Date and Time:पितृपक्ष 2023 क्यों है विशेष,जाने तर्पणविधि,सावधानी,किस दिन किसका श्राद्ध और मंत्र

Pitru Paksha 2023 Date and Time:पितृपक्ष 2023 क्यों है विशेष,जाने तर्पणविधि,सावधानी,किस दिन किसका श्राद्ध और मंत्र

पूजा पाठ Pooja Path, ज्योतिष
Pitru Paksha 2023 Date and Time :पितृपक्ष 2023 क्यों है विशेष,जाने तर्पणविधि,सावधानी,किस दिन किसका श्राद्ध और मंत्र Pitru Paksha 2023 Date and Time : 29 सितंबर से पितृपक्ष 2023,शुक्रवार को आरंभ हो रहे हैं जोकि 14 अक्टूबर,शनिवार को समाप्त होंगे । पितृ पक्ष पूरे वर्ष मे पितरों की पूजा करने के लिए पूर्व निर्धारित समय होता है , पितरों की श्रद्धा के साथ की गई पूजा से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।   प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी भाद्र मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा यानि 29 सितंबर के दिन ऋषि तर्पण होगा और इसी के साथ पितृ पूजन का समय प्रारंभ हो जाएगा।भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि तक पितृपक्ष का समय होता है ।  28 सितंबर के दिन सायं 6 बजकर 49 मिनट से पूर्णिमा लग जाएगी। पूरे वर्ष में पितृपक्ष वो समय होता ह...
Parivartini Ekadashi 2023: परिवर्तिनी एकादशी 2023 व्रत से मिलेगी पाप कर्मों से मुक्ति- जानें तिथि,शुभ मुहर्त,पूजा विधि उपाय,कथा

Parivartini Ekadashi 2023: परिवर्तिनी एकादशी 2023 व्रत से मिलेगी पाप कर्मों से मुक्ति- जानें तिथि,शुभ मुहर्त,पूजा विधि उपाय,कथा

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Parivartini Ekadashi 2023: परिवर्तिनी एकादशी 2023 व्रत से मिलेगी पाप कर्मों से मुक्ति- जानें तिथि,शुभ मुहर्त,पूजा विधि उपाय,कथा Parivartini Ekadashi 2023 :(परिवर्तिनी एकादशी 2023)- भादो माह यानि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है. इसी एकादशी को जलझूलनी एकादशी भी कहते हैं। वर्षभर में 24 एकादशी आती है क्योंकि एक महीने में दो एकादशी होती है, लेकिन जिस वर्ष  मलमास/ अधिक मास लगता है, उस वर्ष एकादशी तिथि बढ़कर 26 हो जाती है, इनमें से सभी एकादशी तिथि का अलग अलग नाम और महत्व है। वर्ष 2023 मे परिवर्तिनी एकादशी का व्रत 25 सितंबर सोमवार को है।  परिवर्तिनी एकादशी के दिन प्रभु श्रीहरि विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है. संसार को राक्षस राज राजा बलि के अत्याचारों से मुक्त कराने के लिए भगवान विष्णु पृथ्वी पर वामन अवतार लेकर आए थे, भगवान विष्णु की प्रसन्नत...
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