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पूजा पाठ Pooja Path

नवग्रह चालीसा-Navgrah Chalisa in hindi & english- easy 2 learn

नवग्रह चालीसा-Navgrah Chalisa in hindi & english- easy 2 learn

पूजा पाठ Pooja Path
नवग्रह चालीसा-Navgrah Chalisa in hindi & english- easy 2 learn Navgrah Chalisa in hindi & english : हमारा पूरा जीवन 9 ग्रहों से संचालित है , हमारी प्रसन्नता, सुख ,वैभव  और दुख, निर्धनता आदि सभी कुछ नवग्रहों से ही जुड़े हैं इसलिए आज हम नवग्रह चालीसा का पाठ करते हैं और अपने सगे संबंधियों को भी इसे प्रेषित करते हैं जिससे उन्हे भी लाभ हो नवग्रह चालीसा Navgrah Chalisain in hindi । । चौपाई । । श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय । नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय । । जय जय रवि शशि सोम बुध जय गुरु भृगु शनि राज । जयति राहु अरु केतु ग्रह करहुं अनुग्रह आज । । ********************* । । श्री सूर्य स्तुति । । प्रथमहि रवि कहं नावौं माथा, करहुं कृपा जनि जानि अनाथा । हे आदित्य दिवाकर भानू, मैं मति मन्द महा अज्ञानू । अब निज जन कहं हरहु कलेषा, दिनकर द्वादश रूप दिनेशा । नमो भा...
Phulera Dooj 2023: आज है फुलेरा दूज,जानिए जीवन मे प्रेम,दाम्पत्य सुख और शांति के ज्योतिषीय उपाय,शुभ मुहूर्त आदि

Phulera Dooj 2023: आज है फुलेरा दूज,जानिए जीवन मे प्रेम,दाम्पत्य सुख और शांति के ज्योतिषीय उपाय,शुभ मुहूर्त आदि

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Phulera Dooj 2023: आज है फुलेरा दूज,जानिए जीवन मे प्रेम,दाम्पत्य सुख और शांति के ज्योतिषीय उपाय,शुभ मुहूर्त.. Phulera Dooj 2023 : प्रति वर्ष फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज मनाई जाती है इस प्रकार आज फूलेरा दूज का पर्व है। फूलेरा दूज का पर्व होली के कुछ दिनों पहले देश में  मनाया जाता है। फुलेरा दूज के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा की जाती है , इस पर्व में भगवान कृष्ण और राधारानी संग फूलों की होली खेली जाती है। श्रीकृष्ण और राधा के प्रेम का प्रतीक है फुलेरा दूज का यह पर्व । हिन्दू धर्म और शास्त्रों में फूलेरा दूज का विशेष महत्व है क्योंकि वर्ष में कुछ ऐसे पर्व और व्रत होते हैं जिसमें बिना मुहूर्त देखें कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है और फुलेरा दूज भी ऐसा ही पर्व है । इस दिन विवाह और दूसरे मांगलिक कार्य करना बहुत शुभ माना जाता है, इस दिन कोई भी शुभ ...
Bhanu Saptami 2023: भानु सप्तमी मोक्ष ,स्वास्थ्य ,सौभाग्य और सौंदर्य देने वाली सूर्यदेव की पूजा

Bhanu Saptami 2023: भानु सप्तमी मोक्ष ,स्वास्थ्य ,सौभाग्य और सौंदर्य देने वाली सूर्यदेव की पूजा

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Bhanu Saptami 2023: भानु सप्तमी मोक्ष,स्वास्थ्य ,सौभाग्य और सौंदर्य देने वाली सूर्यदेव की पूजा Bhanu Saptami 2023: फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को भानु सप्तमी कहा जाता है। इसी तिथि को रथ सप्तमी, अचला सप्तमी के साथ भानु सप्तमी भी कहा जाता है। भानु सप्तमी के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर विधि विधान से पूजन किया जाता है। हिन्दू धर्मानुसार सूर्य देव की पूजा करने से जीवन का सही मार्ग दिखाई देता है , हम पथभ्रष्ट नहीं होते हैं और हमारे सभी कष्ट दूर होते हैं. हमारे जीवन का सम्मान , नेत्र ज्योति , हड्डियों की मजबूती और स्वस्थ त्वचा भी सूर्य देव की कृपा से ही प्राप्त होती है और सूर्यदेव की कृपा पाने के लिए कुछ विशेष तिथियों मे सूर्यदेव का पूजन किया जाता है और ऐसी ही एक तिथि है भानु सप्तमी । इस वर्ष भानु सप्तमी 26 फरवरी की पड़ रही है. आइए जानते हैं भानु सप्तमी 2023 शुभ मुह...
भगवान शिव जी की कृपा पाने के लिए करें इन मंत्रों के जाप Chant these 7 mantras to get the blessings of Lord Shiva

भगवान शिव जी की कृपा पाने के लिए करें इन मंत्रों के जाप Chant these 7 mantras to get the blessings of Lord Shiva

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भगवान शिव जी की कृपा पाने के लिए करें इन मंत्रों के जाप Chant these 7 mantras to get the blessings of Lord Shiva Lord Shiva : संसार में भगवान शिव जी को शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता और दया , करुणा के सागर के रूप मे जाना जाता है और इसीलिए उन्हे भोले नाथ कहा जाता है , भगवान शिव जी ने संसार के कल्याण के लिए समुद्र मंथन से निकला विष धारण कर लिया था और विष के प्रभाव से उनका गला नीला पड़ गया था और वो नील कंठ कहलाये , भोलेनाथ (Lord Shiva) अपने भक्तों की हर मनोकामना शीघ्र ही पूरी करते हैं। शिव जी मात्र बेलपत्र और जल चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाते हैं। इसीलिए जब आप भगवान शिव जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आपको कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए। इन मंत्रों का जाप करने से भगवान शिव जी प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं। भगवान शिव जी की कृपा पाने के लिए करें इन मंत्रों के ...
Makar Sankranti 2023 Date: मकर संक्रांति कब है-14 या 15 जनवरी? जाने मकर संक्रांति के उपाय,दान,महत्व और शुभ मुहर्त 

Makar Sankranti 2023 Date: मकर संक्रांति कब है-14 या 15 जनवरी? जाने मकर संक्रांति के उपाय,दान,महत्व और शुभ मुहर्त 

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Makar Sankranti 2023 Date: मकर संक्रांति कब है-14 या 15 जनवरी? जाने मकर संक्रांति के उपाय,दान,महत्व और शुभ मुहर्त Makar Sankranti 2023 Date: सनातन धर्म में मकर संक्रांति एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व माना गया है. कुछ वर्ष ऐसे होते है जब मकर संक्रांति कब है ये पता ही नहीं चलता क्योंकि कुछ वर्ष मकर संक्रांति 14 तो कुछ वर्ष 15 को मनाई जाती है . इस वर्ष 2023 में भी मकर संक्रांति की तिथि को लेकर लोगों के बीच भ्रम की स्थिति बनी हुई है. मकर संक्रांति को देश के अलग-अलग राज्यों मे अनेक नामों से जाना जाता है इस पर्व को गुजरात में उत्तरायण, दक्षिण भारत में इस दिन को पोंगल और पूर्वी उत्तर प्रदेश में खिचड़ी कहा जाता है।  हिंदू धर्म शास्त्रों में मकर संक्रांति की तिथि को लेकर जो नियम है वो इस दोहे मे दिया हुआ है ‘‘माघ मकरगत रबि जब होई। तीर्थपतिहिं आव सब कोई’’ इस लिए इस वर्ष जानए हैं कि मकर संक्र...
Sankashti Chaturthi 2023 Date: संकष्टी चतुर्थी की सकट पूजा ( sakat pooja) का व्रत का महत्व,पूजा,मुहर्त की संपूर्ण जानकारी

Sankashti Chaturthi 2023 Date: संकष्टी चतुर्थी की सकट पूजा ( sakat pooja) का व्रत का महत्व,पूजा,मुहर्त की संपूर्ण जानकारी

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Sankashti Chaturthi 2023 Date: संकष्टी चतुर्थी की सकट पूजा ( sakat pooja) का व्रत का महत्व,पूजा,मुहर्त की संपूर्ण जानकारी Sankashti Chaturthi 2023 Date: संकष्टी चतुर्थी की सकट पूजा ( sakat pooja) का व्रत भगवान गणेश की पूजा से जुड़ा हुआ व्रत है। गणेश जी का ये सकट चौथ व्रत संतान की सुख समृद्धि की कामना के लिए माताएं रखती हैं और इसके लिए वो पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं,  माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है संकष्टी चतुर्थी की सकट पूजा ( sakat pooja) को सकट चौथ, लंबोदर चतुर्थी, तिलकुटा चौथ ,माघी चतुर्थी (Magh chaturthi),बहुला चौथ और वक्रतुण्ड चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. सकट चौथ व्रत के पुण्य लाभ से संतान दीर्धायु होती है और उन्हे अच्छा स्वास्थ मिलता है. वर्ष में अनेक चतुर्थी व्रत रखे जाते हैं लेकिन सकट चौथ का अपना ही महत्व है , आइए जानत...
Pausha putrada Ekadashi 2023-पौष पुत्रदा एकादशी व्रत के लाभ,व्रत कथा, मुहर्त,विधि जाने विस्तार से 

Pausha putrada Ekadashi 2023-पौष पुत्रदा एकादशी व्रत के लाभ,व्रत कथा, मुहर्त,विधि जाने विस्तार से 

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Pausha putrada Ekadashi 2023-पौष पुत्रदा एकादशी व्रत के लाभ,व्रत कथा, मुहर्त,विधि जाने विस्तार से Pausha putrada Ekadashi 2023 : एकादशी व्रत सभी व्रतों में सर्वशेष्ठ होता है, नव वर्ष 2023 का पहला व्रत पौष पुत्रदा एकादशी 2023 का व्रत है ,इसे ही बैकुण्ठ एकादशी भी कहते हैं। एक वर्ष में 24 एकादशी व्रत रखे जाते हैं लेकिन वर्ष 2023 में अधिक मास होने के कारण 26 एकादशी व्रत रखे जाएंगे, एक वर्ष में दो बार पुत्रदा एकादशी आती है। पहली पुत्रदा एकादशी का व्रत और पूजन पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि किया जाता है। वहीं दूसरी पुत्रदा एकादशी का व्रत और पूजन श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है। जिन लोगों को संतान नहीं हुई है उन लोगों के लिए ये व्रत रखना बहुत ही शुभफलदायी होता है। पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने और इस दिन पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा से संतान प्राप्ति होती...
हनुमान बाहुक का पाठ(hanuman bahuk ka paath) करने से दूर होते हैं असहनीय कष्ट

हनुमान बाहुक का पाठ(hanuman bahuk ka paath) करने से दूर होते हैं असहनीय कष्ट

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हनुमान बाहुक का पाठ (hanuman bahuk ka paath) करने से दूर होते हैं असहनीय कष्ट हनुमान बाहुक का पाठ (hanuman bahuk ka paath) तुलसीदासजी के द्वारा रचित है , ये शीघ्र फलदायक चमत्कारिक स्तोत्र है जिसका पाठ करने से सभी कष्टों का निवारण हो जाता है . 1664 ईशवी मे तुलसीदास जी के बाहुओं ( बाजुओं ) में वात रोग के द्वारा गहरी पीड़ा हो रही थी थी और उनके पूरे शरीर में फोड़े फुंसियां हो गई थी ,  जिससे उन्हें बहुत कष्ट मिल रहा था । तुलसीदास जी ने इन कष्टों से मुक्ति के लिए बहुत से उपाय किए थे लेकिन कष्ट समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रहे थे बल्कि बढ़ते ही जा रहे थे। असहनीय कष्टों से अत्यधिक दुखी होकर कष्टों से मुक्ति के लिए गोस्वामी तुलसीदास जी ने हनुमान जी की पूजा प्रारंभ की और हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए 44 पदों मे रचित हनुमान बाहुक की रचना की और उसका पाठ किया । जिसके बाद हनुमान जी ने तुल...
devuthni ekadashi 2022:देवउठनी एकादशी की तिथि,पूजा मुहूर्त,पूजा विधि,पारण समय और महत्व

devuthni ekadashi 2022:देवउठनी एकादशी की तिथि,पूजा मुहूर्त,पूजा विधि,पारण समय और महत्व

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devuthni ekadashi 2022: देवउठनी एकादशी की तिथि,पूजा मुहूर्त,पूजा विधि,पारण समय और महत्व devuthni ekadashi 2022: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को प्रतिवर्ष देवउठनी एकादशी व्रत रखा जाता है जिसे देवोत्थान एकादशी के साथ साथ प्रबोधनी एकादशी, देवउठनी ग्यारस भी कहा जाता है। इस वर्ष यह व्रत 4 नवंबर 2022, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। सभी एकादशी तिथि भगवान् श्रीहरि विष्णु को समर्पित है किन्तु देवउठनी एकादशी का अपना ही महत्व है क्योंकि देवउठनी एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु 4 माह की लंबी योग निद्रा और चातुर्मास संपन्न हो जाते हैं , इस एकादशी को देवोत्थान एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है और उनसे परिवार के कल्याण की प्रार्थना की जाती है। देवउठनी एकादशी के दिन से सभी मांगलिक कार्य जैसे विवाह आदि पुनः आरंभ हो जाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की ...
Chhath Puja 2022 Date: छठ पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त,नियम और महत्व

Chhath Puja 2022 Date: छठ पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त,नियम और महत्व

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Chhath Puja 2022 Date : छठ पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त, नियम और महत्व भगवान सूर्यदेव की आराधना से जुड़ा पर्व छठ पूजा (Chhath Puja 2022 Date) प्रतिवर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से आरंभ होता है। इस वर्ष 28 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। यह पर्व विशेष रूप से पूर्वी उत्तरप्रदेश,बिहार, झारखंड,बंगाल मे मनाया जाने वाला पर्व है किन्तु देश के अन्य भागों के साथ साथ छठ पर्व आज विदेशों मे भी प्रसिद्ध है  वैसे तो छठ पर्व प्रति वर्ष 2 बार मनाया जाता है। चैत्र माह शुक्ल षष्ठी और कार्तिक माह शुक्ल षष्ठी को किन्तु दीपावली पर्व के बाद मनाया जाने वाला छठ पर्व  विशेष रूप से प्रसिद्द है। छठ पर्व पूर्वी भारत का महापर्व है, इसमें छठी मैया और सूर्य देव की विशेष पूजा की जाती है। छठ पर्व मे छठी मैया की पूजा की जाती है जो अपने भक्तो को सुख-समृद्धि, धन, वैभव, यश और मान-सम्मान प्रदान करती  ...
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