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रोगों का ग्रहों से संबंध – किस ग्रह से कौन सा रोग होता है – disease and planets A 2 Z detailed info
disease and planets : रोगों का ग्रहों से संबंध या किस ग्रह से कौन सा रोग होता है , ये समझने से पहले हमें यह समझना होगा की कुंडली में कौन सा घर अर्थात कौन सा भाव रोग से जुड़ा होता है , मित्रों हम सभी की कुंडली में छठा भाव रोग से जुड़ा हुआ भाव है और छठे भाव की स्थिति से ही हमें यह पता चलता है कि हमें कौन सा रोग होगा या हम अपने जीवन में स्वस्थ रहेंगे या रोगी रहेंगे ।
हमारा स्वास्थ्य कैसा होगा इसे समझने के लिए हमें ग्रहों को समझना होगा तो लिए आइए हम सभी जानते हैं रोगों का ग्रहों से संबंध कैसे बनता है और किस ग्रह से हमें कौन सा रोग मिलता है :-
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रोगों का ग्रहों से संबंध disease and planets A 2 Z detailed info
सूर्य ग्रह का रोग से संबंध
साथियों जब भी हमारी कुंडली में सूर्य ग्रह निर्बल होते हैं या पापी पापी ग्रहों से दृष्ट होते हैं तो ऐसी स्थिति में हमें हड्डियों से संबंधित रोग लगने की संभावना होती है और साथ ही आंखों की समस्या यानी नेत्र रोग लगने की भी संभावना बन जाती है , ऐसे में यदि चौथे भाव का स्वामी भी पीड़ित हो या चौथा भाव पीड़ित हो तो ऐसी स्थिति में हृदय रोग होने की भी संभावना बहुत अधिक बन जाती है ।
सूर्य ग्रह से होने वाले रोग के उपाय :-
सूर्य ग्रह से होने वाले रोग से बचने के लिए प्रतिदिन सूर्य उदय से पहले उठना चाहिए और नित्य सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए , जल अर्पण के लिए जो पात्र लेंगे अर्थात जो बर्तन होगा वह तांबे का हो तो उत्तम है , इसी के साथ अपने पिता को सम्मान दे और थोड़ा सा गुड का सेवन करके ही अपने दिन की शुरुआत करें तो यह आपके लिए अच्छा होगा।
चंद्रमा ग्रह का रोग से संबंध
यदि कुंडली में चंद्रमा पीड़ित हो तो ऐसी स्थिति में हमें मानसिक रोग लगने की संभावनाएं बन जाती हैं , इसी के साथ-साथ माता का स्वास्थ्य भी खराब होने की संभावना बनती है , सांस से संबंधित रोग , श्वसन में कोई अवरोध, किडनी के रोग और अस्थमा के रोग भी चंद्रमा से ही संबंधित होते हैं , ऐसी स्थिति में हम अनिद्रा के शिकार भी हो सकते हैं और हमारा मन हमेशा विचलित ही रहता है ।
चंद्रमा ग्रह से होने वाले रोग के उपाय :-
कभी भी देर रात तक जागने से बचना चाहिए , प्रति पूर्णिमा चंद्रमा को जल दें और संभव हो तो एकादशी का व्रत रखें , शिव जी की उपासना करें , शिवजी को जल अर्पित करें और सोमवार को शुभ मुहूर्त में चांदी का एक शुद्ध चांदी का एक छल्ला धारण करें ।
मंगल ग्रह का रोग से संबंध
यदि हमारे शरीर में रक्त से संबंधित रोग हैं तो ये हमारी कुंडली में मंगल पीड़ित होने का संकेत है । इसी के साथ-साथ मंगल ब्लड प्रेशर के रोग का भी संकेत देता है । बात बात पर बिना बात के क्रोध आना भी खराब मंगल की निशानी है ।
मंगल ग्रह से होने वाले रोग के उपाय :-
इसके लिए हमें भाइयों से संबंध अच्छे रखना चाहिए , घड़े का पानी पीना चाहिए साथ ही इसके साथ यदि आप फिजिकल एक्सरसाइज भी करते रहते हैं तो इससे मंगल सही रहता है।
बुध ग्रह का रोग से संबंध
जब भी कुंडली के बुध पीड़ित होंगे तो नाक कान गले की समस्या आती है साथ ही साथ त्वचा के रोग लगने की संभावना बन जाती है ,
इसके साथ ही यह भी संभावना है कि आपको बोलने में कुछ कष्ट होता हो , बोलने में परेशानी होती हो, जैसे जो लोग तुतला कर बोलते हैं, कहीं ना कहीं उनका बुध पापी ग्रहों की दृष्टि में होता है और वह निर्बल होता है ।
बुध ग्रह से होने वाले रोग के उपाय :-
आप अपने खाने में हरी सब्जियां विशेष रूप से हरी मिर्च का प्रयोग करें साथ ही साथ गाय को प्रति बुधवार हरा चारा दे , आप चाहे तो गाय को पालक की एक हरी गड्डी भी दे सकते हैं , अपने आसपास लगे पेड़ पौधों की सेवा करना उन्हें जल देना और बहन और बुआ से संबंध अच्छे रखना भी बुध ग्रह का एक बहुत अच्छा उपाय है।
शेष अगले अंक मे
…to be continued
Remark ( conclusion)
मित्रों यदि हमारा खानपान सही है तो हम स्वस्थ रहते हैं लेकिन यदि हमारी कुंडली मे ग्रह पीड़ित हैं तो हम कितने ही प्रयास कर ले लेकिन हम अस्वस्थ ही रहते हैं , आज हमने अपनी इस पोस्ट के द्वारा जाना कि रोगों का ग्रहों से संबंध क्या है – किस ग्रह से कौन स रोग होता है , ।
साथियों हम आशा करते है कि ये पोस्ट ” रोगों का ग्रहों से संबंध – किस ग्रह से कौन सा रोग होता है – disease and planets A 2 Z detailed info ” आपको अच्छी लगी होगी ,
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