What is Nadi Jyotish क्या है नाड़ी ज्योतिष

Nadi Jyotish : क्या है नाड़ी ज्योतिष , भूत भविष्य और वर्तमान बताने वाला भारतीय ज्ञान Indian knowledge of past, future and present

Nadi Jyotish : क्या है नाड़ी ज्योतिष , भूत भविष्य और वर्तमान बताने वाला भारतीय ज्ञान Indian knowledge of past,future and present

Nadi Jyotish : साथियों इस पोस्ट मे हम जानेंगे कि क्या है नाड़ी ज्योतिष (Nadi Jyotish) ,भूत भविष्य और वर्तमान बताने वाला भारतीय ज्ञान नाड़ी ज्योतिष एक प्राचीन भारतीय ज्योतिष विधा है जिसमें व्यक्ति की कुंडली के माध्यम से उसके पूर्वजन्म के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है।

क्या है नाड़ी ज्योतिष

What is Nadi Jyotish

नाड़ी ज्योतिष (Nadi Jyotish) का मूल सिद्धांत है कि प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में अगर उसके पूर्वजन्म के बारे में संकेत या लेख उपलब्ध होते हैं, तो वे उसे उनके जीवन के बारे में बता सकते हैं।

नाड़ी ज्योतिष (Nadi Jyotish) मे कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकें होती हैं जिन्हें “नाड़ी पुस्तकें” कहा जाता है। मुख्य रूप से दक्षिण भारत में नाड़ी ग्रंथों का अधिक उपयोग होता है। नाड़ी ग्रन्थ ऋषियों या देवताओ के नाम पर लिखे गए हैं जैसे सप्तऋषि नाड़ी, भुजंदर नाड़ी, चंद्र-कला नाड़ी,अगस्त्य नाड़ी,ध्रुव नाड़ी, भृगु-नंदी नाड़ी, शुक्र नाड़ी, शिव नाड़ी, वशिष्ठ नाड़ी इत्यादि।

कहा गया है कि इन नाड़ी ग्रंथों में सभी इंसानों के भूत और भविष्य के विषय मे लिखा होता है , इसलिए ये एक चमत्कारिक ज्ञान है । ये पुस्तकें बहुत पुरानी हैं और इनमे विभिन्न मंत्रों और श्लोकों के संकलन होती हैं।

नाड़ी ज्योतिष (Nadi Jyotish) का प्रयोग करने के लिए नाड़ी ज्योतिष किसी व्यक्ति की अंगुलियों की छाप लेते है और फिर नाड़ी पुस्तक के द्वारा उसके पूर्वजन्म के विवरण और भविष्यफल बताते हैं।

यह विधा अपने अद्भुत और रहस्यमय स्वरूप के कारण अनेक लोगों की ध्यान को आकर्षित करती है। नाड़ी ज्योतिष (Nadi Jyotish)के अतिरिक्त भी अनेक अन्य ज्योतिष विधाओं का उपयोग लोग अपने जीवन के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए करते हैं।

What is Nadi Jyotish क्या है नाड़ी ज्योतिष

नाड़ी ज्योतिष के अतिरिक्त अन्य ज्योतिष विधाएं 

जन्मकुंडली (Birth Chart):

जन्मकुंडली ज्योतिष का एक प्रमुख अंग है जिसमें व्यक्ति का जन्मकाल, जन्मस्थान और समय के आधार पर उनकी कुंडली बनाई जाती है। जन्मकुंडली में ग्रहों, नक्षत्रों, राशियों और योगों की स्थिति के माध्यम से व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया जाता है।

हस्तरेखा ज्योतिष (Palmistry):

हस्तरेखा ज्योतिष में हाथ की रेखाओं का अध्ययन किया जाता है और उनके माध्यम से व्यक्ति के व्यक्तित्व, स्वास्थ्य, भाग्य और भविष्य के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है।

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra): वास्तु शास्त्र घर और कार्यालय की व्यवस्था और निर्माण के बारे में संबंधित होता है। इसके माध्यम से संगठन और उसके पर्यावरण को समझा जाता है और उचित वास्तु नुसार उसे समृद्धि, सुख, और सफलता के लिए समायोजित किया जाता है।

अंक ज्योतिष (Numerology): अंक ज्योतिष अंकों के माध्यम से व्यक्ति के व्यक्तित्व, गुण, और भविष्य का विश्लेषण करता है। इसमें व्यक्ति के नाम की अक्षरों को अंकों से मिलाकर विश्लेषण किया जाता है।

ज्योतिषीय रत्न (Astrological Gemstones): ज्योतिष में रत्नों का विशेष महत्व होता है। विभिन्न ग्रहों के अनुकूल रत्नों का धारण करने के माध्यम से उनकी शुभता बढ़ाई जाती है और अशुभ ग्रहों के प्रभाव को कम किया जाता है।

ये थे कुछ प्रमुख ज्योतिष विधाएं जो व्यक्ति को अपने जीवन के बारे में ज्ञान प्रदान करने में सहायता कर सकती हैं।

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नाड़ी ज्योतिष का आविष्कार

नाड़ी ज्योतिष का आविष्कार किसने किया था ये अभी तक ज्ञात नहीं है क्योंकि यह एक प्राचीन ज्योतिषीय विद्या है और उसकी मूल उत्पत्ति के बारे में स्पष्ट उल्लेख नहीं मिलता है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि नाड़ी ज्योतिष का उद्भव कई सदियों पहले हुआ होगा ।

नाड़ी ज्योतिष का मुख्य स्रोत तमिलनाडु राज्य के विजयनगर वाल्मीकी रामायण कथानक ग्रंथों में पाया जाता है। ये ग्रंथ संस्कृत भाषा में लिखे गए हैं और नाड़ी ज्योतिष (Nadi Jyotish) के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हैं। यहां लोगों के जीवन की विभिन्न पहलुओं को संबंधित नाड़ी में उल्लेखित किया जाता है ।

नाड़ी ज्योतिष का मूल उद्देश्य भविष्यवाणी करना है और जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में सहायता प्रदान करना है। नाड़ी ज्योतिष को विभिन्न प्राचीन ग्रंथों में “अगस्त्य संहिता” के नाम से भी जाना जाता है। यह विशेष शास्त्र है जिसमें अगस्त्य मुनि द्वारा भविष्यवाणी करने के लिए एक माध्यम के रूप में उपयोग किया गया है।

नाड़ी ज्योतिष भविष्यवाणी करने के लिए अत्यंत विशेष है।नाड़ी ज्योतिष के अनुसार, हर व्यक्ति का जन्म समय और स्थान विशेष होता है जिसे “नाड़ी” कहा जाता है। इन नाड़ी ग्रंथों में अलग-अलग नाड़ीयों के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है।

नाड़ी ज्योतिष का मूल सिद्धांत यह है कि प्रत्येक व्यक्ति का भविष्यवाणी ग्रंथ में एक विशेष नाड़ी में संग्रहीत होता है

नाड़ी ज्योतिष (Nadi Jyotish) जीवन के प्रमुख क्षेत्रों में मार्गदर्शन प्रदान करता है, यह भारतीय संस्कृति और ज्योतिष परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका मूल उद्देश्य भविष्यवाणी करना है और जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में सहायता प्रदान करना है। यह एक व्यक्ति के जन्म समय, स्थान, और नाड़ी के माध्यम से उनकी भविष्यवाणी करता है।

नाड़ी ज्योतिष भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है, और इसे लोग अपने जीवन के निर्णय लेने और अपनी भविष्यवाणी करने के लिए उपयोग करते हैं। यह एक ऐसा ज्योतिषीय विज्ञान है जो मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रकाशित करने का प्रयास करता है। यह नाड़ी ग्रंथों में संग्रहीत नाड़ीयों के आधार पर भविष्यवाणी करता है, जो एक व्यक्ति के जीवन में उत्तरदायी भूमिका निभाती हैं।

नाड़ी ज्योतिष उन व्यक्तियों के लिए है जो अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में अधिक जानने के इच्छुक होते हैं। यह उनके जीवन के प्रमुख क्षेत्रों  जैसे कि स्वास्थ्य, परिवार, करियर, प्रेम, और वित्त के बारे में ज्ञान प्रदान करने के लिए उपयोग होता है।  है।

नाड़ी ज्योतिष (Nadi Jyotish) के आविष्कार को लेकर कई कथाएं हैं  और लोगों का कहना है कि इसका आविष्कार प्राचीन ऋषि अगस्त्य मुनि द्वारा किया गया था। ।ऐसा माना गया है कि अगस्त्य मुनि ने ध्यान और तपस्या के माध्यम से नाड़ी ज्योतिष के सिद्धांतों को जाना था। इन सिद्धांतों के अनुसार, उन्होंने मानव जीवन के निर्णय और भविष्यवाणी के लिए नाड़ी ग्रंथों का संग्रह किया था। नाड़ी ज्योतिष को जानने वाले आज भी अगस्त्य मुनि का सम्मान और स्मरण करते हैं ।

निष्कर्ष :

साथियों हम आशा करते है कि ये पोस्ट “Nadi Jyotish : क्या है नाड़ी ज्योतिष , भूत भविष्य और वर्तमान बताने वाला भारतीय ज्ञान Indian knowledge of past, future and present” आपको अच्छी लगी होगी , आपकी अपनी वेबसाईट  maihindu.com मे कुछ और सुधार लाने के लिए आपके सुझाव सादर आमंत्रित है ।

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श्री गणेश ज्योतिष समाधान 

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