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कुंडली में कारावास योग कैसे बनता है ? 14 Jail Yoga-Imprisonment Yoga in a horoscope
जेल जाना हमारे जीवन की ऐसी घटना है जिससे हम सभी बचना चाहते है,इस पोस्ट में हम आपको बता रहे हैं कि कुंडली में कारावास योग कैसे बनता है( 14 Jail Yoga-Imprisonment Yoga in a horoscope)?
मित्रों ज्योतिष में शनि, मंगल,राहु और द्वादेश, षष्ठेश व अष्टमेश कारावास योग या जेल योग बनाने मुख्य भूमिका निभाते हैं।
किसी व्यक्ति की कुंडली में जेल योग को ही कारावास योग या बंधन योग के नाम से भी जाना जाता है.कुंडली में ग्रहीय स्थिति के साथ साथ महादशा, अंतर्दशा भी देखनी होती है , कुंडली में अशुभ ग्रहों की बलवान स्थिति अनेक बार निर्दोष लोगों को भी जेल पहुंचा देती है ।
शनि मंगल और राहू यह तीन ग्रह और इनके आपसी सम्बन्ध मुख्य रूप से जेलयोग निर्मित करने वाले हैं । यदि बंधन योग मे शुभ ग्रह भी आते हों या शुभ ग्रहों की दृष्टि हो जो ऐसा व्यक्ति जेल से छूट जाता हैं।
आइये जानते हैं
कुंडली में कारावास योग कैसे बनता है?
Jail Yoga-Imprisonment Yoga in a horoscope
- यदि मेष मिथुन कन्या अथवा तुला लग्न हो तथा द्वितीय द्वाद्वश पंचम् और नवम् भाव में अशुभ गृह हों तो जातक हथकडी पहनता है।
- कुंडली के छठें, आठवें और बारहवें भाव का एक दूसरे से संबंध बन रहा हो तो ये कारावास , जेल और सजा का योग बनता है।
- कुंडली में मंगल और राहु एक साथ किसी भाव में युति कर रहें हो और उनका संबंध 6th या 12th से हो तो जेल योग बनता है
- कुंडली में मंगल चतुर्थेश के साथ कुंडली के छठे घर में बैठा हो तो कारावास योग बनता है।
- कुंडली में राहु यदि अष्टमेश के साथ हो तो और इस 8th भाव या अष्टमेश पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि नही हो तो किसी अपराध के कारण जेल जाने की सम्भावना बन जाती है।
- कुंडली में शनि मंगल व राहु की युति या आपस में दृष्टि संबंध कारावास योग या बंधन योग बना देता है या कुंडली में मंगल और शनि एक दूसरे को देख रहें हो तो लड़ाई झगड़े में व्यक्ति को जेल हो सकती है।
- सूर्य मंगल और शनि राहू केतु जैसे क्रूर और पाप ग्रह के अतिरिक्त निर्बल चन्द्रमा और अशुभ बुध के कारण भी आपकी कुंडली में जेल जाने के योग बन जाते है।
- यदि वृश्चिक लग्न हो और द्वितीय, द्वादश, पंचम और नवम् भाव में अशुभ ग्रह हों तो जेल यात्रा के योग बनता है।
- कुंडली के बारहवें घर में अष्टमेश के साथ यदि शनि या राहु या दोनों ही होते है तो न्यायालय में में हारने के बाद जेल जाना पड़ता है।
- यदि सभी अशुभ ग्रह 2 ,5, 7, 9 और 12 वें भावों में स्थित हों तो व्यक्ति बंधन योग के कारण जेल जाता है और ऐसे में लग्न में मेष वृष अथवा धनु राशि हो तो उसे कठोर परिश्रम के दण्ड वाला कारावास मिलता है।
- यदि कुंडली में कर्क, मकर या मीन लग्न हो और द्धितीय और द्वादश भावों में अशुभ ग्रह बैठें हों तो जातक को राजकीय भवन में नजर बन्द रहना पड़ सकता है जैसे अनेक राजनेताओं के साथ हो जाता है , ऐसे में यदि पंचम् या नवम् भाव स्थित कोई शुभ ग्रह लग्न को देखता हो तो उसको हथकड़ी नहीं लगायी जाती है।
- यदि लग्नेश और षष्ठेश शनि के साथ युक्त होकर केन्द्र या त्रिकोण में स्थित हों तो भी जेलयोग बन जाता है।
- संकेत निधि में ये कहा गया है कि यदि चन्द्रमा लग्न में , शुक्र द्वितीय भाव में , सूर्य एवं बुध द्वादश भाव में , और राहु 5th भाव में हों तो जातक को जेल की सजा होती है।
- जेल योग यदि शुभ ग्रहों बन रहा हो तो जातक ने कोई अपराध नहीं किया होता है अर्थात बिना अपराध के सजा भोगनी पड़ रही है पर यदि यह योग पाप ग्रहों से निर्मित हो रहा हो तो इसका अर्थ है कि व्यक्ति ने अपराध किया होगा।
कारावास योग से बचने के उपाय
- प्रत्येक शनिवार शनि देव की पूजा करें और काली साबुत उड़द,काला छाता, कंबल या सरसों का तेल निर्धनों में दान करें।
- प्रतिदिन मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा करें , हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान जी को चोला चढ़ाएं।
- सरसों के तेल में चेहरा देखकर तेल लेने आये व्यक्ति को शनिवार को दान करें ।
- जटा वाला नारियल अपने सिर से anti clock wise उतारकर बहते जल में प्रवाहित करें ।
निष्कर्ष : साथियों ये पोस्ट ” कुंडली में कारावास योग कैसे बनता है? 14 Jail Yoga-Imprisonment Yoga in a horoscope” यदि अच्छी लगी हो तो इस पोस्ट को शेयर अवश्य करें .
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