rameshwaram jyotirlinga

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग -प्रभु राम द्वारा स्थापित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक jyotirlinga rameshwaram made by lord ram 

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रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग-प्रभु राम द्वारा स्थापित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक jyotirlinga rameshwaram

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग( jyotirlinga rameshwaram ) तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जनपद में स्थित है , ये हिन्दू धर्म में अति पवित्र माने जाने वाले चारों धाम में से एक धाम भी है | रामेश्वरम तमिलनाडु के चेन्नई नगर से लगभग 592 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हिन्दू धर्म का पवित्र तीर्थस्थल है।  

रामेश्वरम् (rameshwaram jyotirlinga) में स्थित इस रामनाथस्वामी ज्योर्तिलिंग को प्रभु राम ने लंका पर विजय प्राप्ति की कामना से उस समय बनाया था जब प्रभु श्रीराम लंका के राजा रावण से युद्ध करने की तैयारी कर रहे थे। 

भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए श्रीराम ने इस शिवलिंग का निर्माण किया था और उस पर जल चढ़ाया था।

हिन्दू धर्म में जैसे उत्तर में काशी का महत्व है,ठीक उसी प्रकार रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग( jyotirlinga rameshwaram ) दक्षिण की काशी है|  इसके अतिरिक्त यहां स्थापित शिवलिंग अर्थात रामेश्वरम को भगवान् शिव के अति पवित्र बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।

रामेश्वरम मंदिर में पवित्र गंगा जल से ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक करना बहुत ही उत्तम माना जाता है और इसका फल इस जन्म के साथ साथ आने वाले जन्मो में तो मिलता है  और कहा ये भी जाता है  कि यदि किसी व्यक्ति ने ब्रह्महत्या जैसे अपराध भी किया हो तो रामेश्वरम में भगवान शिव की विधिवत पूजा करने से उस दोष से मुक्ति मिल जाती है। 

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हनुमान जी और वानर सेना के साथ पत्थरों के सेतु का निर्माण  ( jyotirlinga rameshwaram bridge )

यह वही स्थान है जहाँ  भगवान राम ने लंका पर चढ़ाई करने के लिए हनुमान जी और वानर सेना के साथ पत्थरों के सेतु का निर्माण
करवाया था, जिसपर चढ़कर भगवान् राम अपनी सेना के साथ लंका गये और लंका पर विजय प्राप्त की |

रामेश्वरम मंदिर जिसे रामनाथ का मंदिर भी कहते है ,को बने हुए लगभग आठ सौ वर्ष हो चुके है जबकि मंदिर के कुछ भाग 60 से 70 वर्ष पहले ही बना है |

लंकापति रावण की मृत्यु के पश्चात् यहाँ rameshwaram jyotirlinga मंदिर में विशालाक्षी जी के गर्भगृह के निकट लंकापति  बने विभीषण ने नौ ज्योतिर्लिंग स्थापित किये थे जबकि मूल लिंग वाले गर्भगृह का निर्माण श्रीलंका के राजा पराक्रम बाहु ने करवाया था। इस मंदिर में शिवलिंग के रूप मे प्रभु शिव अकेले है इसलिए ये मंदिर नि:संगेश्वर कहलाता है |

प्रवेशद्वार गोपुरम – रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग( jyotirlinga rameshwaram ) 

राजा उडैयान सेतुपति और नागूर के निवासी वैश्य ने  मंदिर के सुंदर प्रवेशद्वार गोपुरम का निर्माण करवाया था |

रामेश्वरम मंदिर लगभग 6 हेक्टेयर में बना है। रामेश्वरम मंदिर का गलियारा  संसार का सबसे लंबा गलियारा है,जिसकी विमायें उत्तर
से दक्षिण 197 मीटर और पूर्व से पश्चिम 133 मीटर है।

रामेश्वरम (jyotirlinga rameshwaram)  में स्थान स्थान पर अनेक तीर्थ है जैसे :-

Dhanushkodi at jyotirlinga rameshwaram 

धनुषकोटि रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग

धनुषकोडी रामेश्वरम से तक़रीबन 18 किलोमीटर की दूरी पर होगा जो कि दर्शनीय है।
ऐसा भी कहा जाता है कि प्रभु राम ने  रावण के भाई विभीषण के अनुरोध करने पर धनुषकोटि नामक स्थान पर पत्थरों से बने इस सेतु तोड़ दिया था।

धनुषकोडी पर सेतु के अवशेष, सागर में आज भी दिखाई देते हैं और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ( NASA) के द्वारा लिए गये चित्र के अनुसार ये सेतु अंतरिक्ष से भी दिखाई देता है।

rameshwaram jyotirlinga

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रामेश्वरम बंगाल की खाड़ी  और हिन्द महासागर से चारों ओर से घिरा हुआ है|काफी समय पहले ये सुन्दर द्वीप भारत की मुख्य भूमि से जुड़ा हुआ था,किन्तु बाद में सागर की लहरों धरती का वो हिस्सा कट गया जिससे ये जुदा था और इस प्रकार एक सुदर दीप के रूप में विकसित हुआ|

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रामसेतु (आदि सेतु) rameshwaram jyotirlinga

भगवान राम ने इसी स्थान से समुद्र पर बनने वाले सेतु का निर्माण आरम्भ किया था इसलिए इस स्थान को आदि सेतु के नाम से जाना जाता है साथ ही इसे दर्भशयनम् के नाम से भी जाना जाता है।  

रामेश्वरम मंदिर के निकट ही समुद्र किनारे आज भी रामसेतु या आदि सेतु के अवशेष मिलते हैं जिसकी लम्बाई लगभग 48 किलोमीटर हैं। धनुषकोटि नामक स्थान पर इस सेतु को तोड़ दिया गया था।

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रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग( jyotirlinga rameshwaram ) के 24 प्रमुख  तीर्थ

रामेश्वरम rameshwaram jyotirlinga में 24 कुंड है (जिन्हेंकुछ लोग 24 कुँए भी कहते है) ये रामेश्वरम में स्थित मुख्य तीर्थ है। जिसमे मंदिर के अन्दर 22 तीर्थ और मंदिर के बाहर 2 तीर्थ स्थित है :-

अग्नि तीर्थ – मंदिर के पूर्वी द्वार के सामने स्थित समुद्र को ही अग्नि तीर्थ कहते है। ऐसा माना जाता है की इसी स्थान पर माँ सीता ने प्रभु राम के सम्मुख अग्नि परिक्षा दी थी।

आगस्त्य तीर्थ है- ये स्थान अग्नि तीर्थ के निकट ही स्थित है | अधिकतर यात्री जो इन दोनों स्थानों के महत्व को जानते है , इन तीर्थो में स्नान करने के बाद रामेश्वरम मंदिर में दर्शन हेतु जाते है।

अन्य 22 तीर्थ इस प्रकार है :-सर्व तीर्थ,कोटि तीर्थ, सरस्वती तीर्थ,सावित्री तीर्थ,गायत्री तीर्थ,महालक्ष्मी तीर्थ ,गंगा तीर्थ, यमुना तीर्थ,गया तीर्थ,सूर्य तीर्थ,चंद्र तीर्थ,

माधव तीर्थ, गवय तीर्थ, गवाक्ष तीर्थ, नल तीर्थ, नील तीर्थ,गंधमादन तीर्थ,ब्रह्महत्या तीर्थ , विमोचन तीर्थ, शंख तीर्थ,चक्र तीर्थ,अमृत व्यापी तीर्थ,शिव तीर्थ, ये तीर्थ कितने प्राचीन है ये हम इसी बात से जान सकते है कि तीर्थों का वर्णन स्कंदपुराण में भी मिलता है |

इन तीर्थो के पवित्र जल से स्नान और मार्जन बहुत ही पवित्र माना जाता है और इसका बहुत ही पुण्य मिलता है  यदि आप इन तीर्थों का लाभ बिना किसी सहायता के स्वंम करना चाहते है तो आपको बाल्टी या कोई अन्य बर्तन और साथ में रस्सी ले जानी होगी अन्यथा आप पंडो की सहायता भी ले सकते है जोकि स्नानादि का सारा सामन स्वंम रखते है और वो स्वंम ही इन तीर्थ के पवित्र जल से आपका स्नान कराते स्नान की इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 2 घंटे का समय लग जाता है |

स्नान मात्र 21 तीर्थो का ही करवाया जाता है क्योंकि 1 तीर्थ (कुंड) में बाकी सभी 21 तीर्थों ( कुंडों ) का जल होता है |

रामेश्वरम rameshwaram jyotirlinga के इन 24 तीर्थो के जल से स्नान के लिए 51 रूपए की पर्ची कटानी पड़ती है |

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग कैसे जाएं

how to reach rameshwaram jyotirlinga

रामेश्वरम rameshwaram jyotirlinga जाने के लिए हम वायुमार्ग,रेलमार्ग और सड़क मार्ग तीनो ही प्रयोग कर सकते है |

आइये विस्तार से जाने 

वायुमार्ग से रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग कैसे जाएं

how to reach rameshwaram jyotirlinga by flight 

रामेश्वरम rameshwaram में कोई भी हवाई अड्डा नही है ,रामेश्वरम के निकट 1992 से कार्यरत 142 km  दूर Tuticorin Airport (TCR), Thoothukudi और 1957 से कार्यरत 149 km दूर Madurai Airport (IXM), Madurai है|

रेलमार्ग से रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग कैसे जाएं

 how to reach rameshwaram jyotirlinga by train

rameshwaram station

रामेश्वरम नगर में रामेश्वरम रेलवे स्टेशन (Rameswaram -RMM) है जोकि GP रोड पर स्थित है और रामेश्वरम स्टेशन टर्मिनल स्टेशन है यानि अंतिम रेलवे स्टेशन| रामेश्वरम रेलवे स्टेशन त्रिची , थंजावुर , मदुरई , कोइम्बतुर , चेन्नई , बंगलुरू आदि स्टेशनों से जुड़ा हुआ है |

विभिन्न ट्रेनों का शुल्क और सीट उपलब्द्धता जाने के लिए यहाँ click करे  IRCTC 

सड़कमार्ग से रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग कैसे जाएं

How to reach rameshwaram jyotirlinga by Road

सड़क मार्ग से रामेश्वरम rameshwaram jyotirlinga पूरे देश से जुड़ा है जैसे मदुरई से लगभग 169 km,थंजावुर से लगभग 231 km , तिरुचिराप्पल्ली से लगभग 271 km है, वहीं तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से लगभग 650 km दूर है रामेश्वरम | 

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