धोखेबाज जीवनसाथी-कुंडली से जाने पत्नी या पति का चरित्र cheating husband or wife by horoscope
धोखेबाज जीवनसाथी की कल्पना मात्र से हमारा जीवन निराशा से भर जाता है, पति पत्नी का संबंध 7 जन्मो का माना गया है , लेकिन जब आपके जीवन में ऐसा व्यक्ति आ जाता है जिसके अनैतिक संबंध हों तो हम सभी टूट से जाते हैं
विश्वास के आधार पर ही कोई भी संबंध चलता है, वो संबंध चाहे पति पत्नी का हो या मित्रता का, जहाँ विश्वास समाप्त हो जाता है वहां संबंध भी समाप्त ही हो जाता है और यदि चलता भी है तो वो मात्र एक विवशता होती है।
हमारे जन्म के बाद विवाह जीवन की दूसरी सबसे बड़ी घटना मानी गयी है। विवाह के बाद जीवन में सब कुछ परिवर्तित जाता है। चाहे वह पुरुष हो या महिला सभी यही चाहते है कि अपने जीवनसाथी का चरित्र बहुत अच्छा चाहता है।
अनेक बार ऐसा देखने को मिलता है कि लोग बहुत ही सोच विचार के विवाह करते हैं लेकिन विवाह के बाद उन्हें पछतावा होता है कि उन्होंने विवाह क्यो किया क्योंकि उनके साथी के संबंध तो किसी और से हैं
आइये जानते हैं कि ज्योतिष की दृष्टि में कुंडली में कौन-कौन ऐसे योग होते हैं जब हमें मिलता है
धोखेबाज जीवनसाथी
–> कुंडली में मंगल, शुक्र और चंद्र की स्थिति देखकर किसी जातक का कैरेक्टर (चरित्र) बताया जा सकता है। मंगल को क्रूर ग्रह माना गया है और यह दूसरे ग्रहों के साथ युति या दृष्टि संबंध बनाकर अनैतिक संबंध बनाता है।
शुक्र सुख ,प्रेम, आकर्षण, यौन संबंधों का कारक ग्रह है और चंद्र मानसिक स्थिति को निर्धारित करता हैं , यदि कुंडली में तीनों मिलकर दृष्टि या युति संबंध बना रहे हों तो ये हमें अनैतिक संबंधों की ओर ले जाते हैं। आप पढ़ रहे है धोखेबाज जीवनसाथी cheating husbandजीवनसाथी cheating husband
–> कुंडली के छठे, आठवें और बारहवें भावों के स्वामी ग्रहों का प्रभाव सप्तम भाव पर और पंचम भाव का संबध सप्तम और 12th भाव से नहीं होना चाहिए।
–> किसी भी लड़के या लड़की की कुंडली में शुक्र और मंगल एक राशि में हो या एक दूसरे की राशि में हों तो उनके एक से अधिक गुप्त प्रेम संबंध चलते रहते हैं और वो विश्वासघाती जीवनसाथी हो सकता है ।
–> यदि किसी लड़की की कुंडली में किसी भी भाव में कन्या राशि में मंगल होता है तो वो लड़कियां धोखेबाज हो सकती हैं यदि बृहस्पति भी निर्बल हो या उसकी दृष्टि सप्तमेश पर न हो उस लड़की का चरित्र निश्चित ही ठीक नही होगा ।
–> किसी लड़की की कुंडली के लग्न स्थान यानि प्रथम भाव में जो राशि हो उस राशि का स्वामी पाप ग्रहों के साथ मिल कर 12th भाव में बैठा हो तो उस लड़की का कैरेक्टर (चरित्र) ढीला होता है। वह हर किसी पुरुष के साथ संबंध बनाने की इच्छुक रहती है। आप पढ़ रहे है धोखेबाज जीवनसाथी cheating husband
–> कुंडली के लग्न स्थान यानि प्रथम भाव में कन्या राशि हो और उसमें मंगल बैठा हो और 7th स्थान में शुक्र हो तो ऐसी लड़कियों के एक से अधिक संबंध होते हैं।
–> यदि किसी की कुंडली के 7th स्थान में अशुभ ग्रह बैठा हो तो ऐसे लोगों के विवाह के पहले ही दूसरे संबंध होते हैं , ऐसे लोग उस संबंध के कारण विवाह से बचते हैं , कभी वो अपनी पसंद के व्यक्ति से विवाह के लिये परिवार द्वारा लाये गए संबंध का विरोध भी करने लगते हैं या घर से भागकर विवाह के लिए तैयार हो जाते हैं
–> कुंडली में राहु खराब हो वह व्यक्ति धोखेबाज बन जाता है। जिन लड़कियों का राहु खराब हो वे अपनी उन्नति के लिए अपने शरीर का सहारा लेती हैं , वहां प्यार नही होता है बल्कि धोखा होता है क्योंकि खराब राहु से जीवन में धोखा मिलता ही है ।
–> ठीक इसी प्रकार केतु भी व्यक्ति को धोखेबाज बना देता है। केतु से प्रभावित व्यक्ति कठोर या भावनाहीन हो जाता है और उसकी वाणी भी ठीक नही होती है। जिनके लग्न में केतु हो और बृहस्पति निर्बल हो तो ऐसा व्यक्ति धोखेबाज जीवनसाथी हो सकता , ऐसा व्यक्ति रात में सक्रिय होता है और अपने बुरे कामों को रात में छुप छुपाकर करता है। आप पढ़ रहे है धोखेबाज जीवनसाथी cheating husband
–> जिन लड़कों की कुंडली में चंद्र और शुक्र एक ही राशि में होते हैं वो लड़के प्यार का दिखावा कर शारीरिक संबंध बनाते हैं और उसके बाद धोखा देकर भाग जाते हैं।
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निष्कर्ष :
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