कहाँ है घर मे राहु केतु का स्थान places of Rahu Ketu in the house a 2 z complete information

कहाँ है घर मे राहु केतु का स्थान places of Rahu Ketu in the house? a 2 z complete information

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कहाँ है घर मे राहु केतु का स्थान places of Rahu Ketu in the house? a 2 z complete information

places of Rahu Ketu in the house: यदि आपको अपने घर में राहु केतु का स्थान पता हो तो उनके वास्तु को ठीक करके आप अपनी जिंदगी को आसान बना सकते हैं और जीवन में होने वाली कैसी भी दुर्घटना और हानि से बच सकते हैं , क्योंकि घर में शुभ ग्रह और अशुभ ग्रह दोनों ही प्रकार के ग्रहों का स्थान निर्धारित होता है

और यदि हम अपने घर के शुभ ग्रहों के स्थान को दूषित कर देते हैं और अशुभ ग्रहों के स्थान पर शुभ ग्रहों को बैठा देते हैं तो हमें जीवन में हानि मिलने जाती है ।

आज हम अपनी इस पोस्ट में घर में राहु केतु का स्थान जानेंगे और उनके स्वभाव के अनुसार घर के उस स्थान में निर्माण करवाएंगे तो हमारा जीवन आनंद दायक बनेगा तो

कहाँ है घर मे राहु केतु का स्थान places of Rahu Ketu in the house a 2 z complete information

आईए जानते हैं घर में राहु केतु का स्थान को

कहाँ है घर मे राहु केतु का स्थान places of Rahu Ketu in the house

घर की दक्षिण पश्चिम दिशा को राहु की दिशा माना गया है और ठीक इसी प्रकार घर के ईशान कोण से ब्रह्म स्थान की ओर चलने पर , ईशान कोण को छोड़कर जो स्थान आता है उस स्थान पर केतु का वास माना गया है।
वास्तु के नियमानुसार राहु की दिशा में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए जैसे यदि आप राहु की दिशा अर्थात घर के दक्षिण पश्चिम कोण पर मंदिर बना देते हैं तो आपके घर में राहु का स्थाई वास हो जाता है।

इसलिए हमें अपने मकान के निर्माण में सदैव यह ध्यान देना चाहिए कि घर में राहु केतु का स्थान कहाँ है और अन्य ग्रहों का स्थान कहाँ है ।

जिस ग्रह का वास घर में जिस स्थान पर हो उस ग्रह से जुड़े हुए निर्माण हमें उस स्थान पर ही करवाना चाहिए जैसे राहु का वास शौचालय में होता है इसलिए घर की दक्षिण पश्चिम दिशा में ही सदैव व्यक्ति को अपना शौचालय बनवाना चाहिए इसी प्रकार घर में कोई भी अंधेरा कमरा हो यानी जिस कमरे में प्रकाश नहीं जाता हो तो उसे स्थान पर भी राहु का वास होता है।

इसलिए मकान बनवाते समय सभी कमरों मे प्रकाश आए इस पर सदैव ही ध्यान देना चाहिए ।

कुछ विद्वानों के अनुसार सीढ़ियों के नीचे भी राहु का वास होता है तो यदि सीढ़ियां टूटी फूटी हो तो उसे सही करवा लेना चाहिए और कभी भी सीढ़ियों की दिशा एंटी क्लाकवाइज नहीं रखनी चाहिए।  घर की सीढ़ियों ऊपर जाते हुए सदैव ही क्लाकवाइज दिशा में ही जानी चाहिए ।

इसी प्रकार घर के दक्षिण पश्चिम दिशा यानी कि राहु के स्थान पर आप चाहे तो अपने घर के मुखिया का शयन कक्ष बनवा सकते हैं क्योंकि उसे स्थान पर घर के वृद्ध लोगों को बहुत ही आराम मिलता है और उनको नींद अच्छी आती है , साथ ही घर के दक्षिण पश्चिम दिशा में रहने वाले वृद्ध लोगों को घर के सभी सदस्य सम्मान देते हैं और उनकी बात को सुनते हैं।

ठीक इसी प्रकार घर में केतु का स्थान जोकि ईशान कोण को छोड़कर ईशान कोण से ब्रह्म स्थान चलने पर आते है पर शुभ और सुंदर निर्माण ही करना चाहिए । घर में खिड़कियां दरवाजे और छत और मंदिर से आसपास केतु का स्थान होता है।

यदि आप अपने घर की छत को , मंदिर के आसपास के स्थान को साफ सुथरा नहीं रखते हैं तो आपके घर का केतु खराब होता है और केतु प्रभावित होने से घर की संतानों के इसका बुरा प्रभाव पड़ता है साथ ही साथ अचानक कोई आपके साथ दुर्घटना कर सकती है और आप धोखा खा सकते हैं यदि आप अपने घर में राहु केतु का स्थान को जान लेते हैं और उनके स्वभाव के अनुसार अपने घर का निर्माण कर लेते हैं तो आपके घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है

तो अपने घर के निर्माण से पूर्व आप सदैव ही घर में राहु केतु के स्थान को किसी वास्तु विशेषज्ञ से पता करके उस स्थान पर राहु और केतु से जुड़े हुए ही निर्माण करवाएं ।

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निष्कर्ष :

ज्योतिष में सभी ग्रहों की एक निश्चित दिशा है और हमारी कुंडली में विभिन्न दोष , हमारे घर में उपस्थित वास्तु दोष मे भी पाया जाता है तो यदि हम अपने घर यानि निवास स्थान के वास्तु दोष को दूर कर लेते हैं तो उसके बाद हमारी कुंडली में उपस्थित ग्रहों के दोष भी दूर हो जाते हैं , इसलिए हम सभी व्यक्तियों को वास्तु के नियमों को अवश्य मानना चाहिए

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