shani ki drishti शनि की दृष्टि

shani ki drishti : कहीं आप पर भी तो नहीं है शनि की दृष्टि, जाने शनि की दृष्टी जब शिव पर पड़ी तो क्या हुआ ?

अपने जानने वालों में ये पोस्ट शेयर करें ...

shani ki drishti: कहीं आप पर भी तो नहीं है शनि की दृष्टि, जाने शनि की दृष्टी जब शिव पर पड़ी

shani ki drishti : शनि को तीनों लोक का न्यायाधीश माना गया है। ब्रह्मा, विष्णु और महेश भी शनिदेव के न्याय चक्र से बच नहीं सकते हैं, शनि सबसे धीरे चलने वाला ग्रह है और ये ढाई वर्ष में एक बार अपनी राशि बदलता है। शनि को सूर्य का एक चक्कर लगाने में लगभग 30 वर्ष के समय लग जाता है।

कुंडली मे शनि ग्रह जिस राशि मे होते हैं उससे आगे और पीछे दोनो ही राशि शनि के प्रभाव से प्रभावित रहती है। ज्योतिष में शनि की तीन दृष्टि बताई गईं हैं , जिस भाव में शनि बैठे होते हैं वहां से तीसरे, सातवे और दसवें घर पर अपनी दृष्टि रखते हैं । ज्योतिष अनुसार शनि की दृष्टि (shani ki drishti) को अशुभ माना गया है।

किसने दिया शनि को श्राप who cursed shani dev

कहा जाता है कि कुंडली के जिस भाव पर शनि की तीसरी दृष्टि होती है उससे जुड़े फल जीवनभर अशुभ ही मिलते हैं अथवा कठिनाई से मिलते हैं । शनि की तीसरी दृष्टि को सबसे शक्तिशाली और सबसे हानिकारक माना गया है। ज्योतिष शास्त्र में यदि जन्मकुंडली में शनि पहले भाव में अर्थात लग्न मे स्थित हो तो उसकी दृष्टि तीसरे, सातवे और दसवे भाव पर होती है।

इन तीनो घर में तीसरा भाव भाई-बहन का और पराक्रम का , सातवां घर वैवाहिक जीवन और साझेदारी का और दसवां घर नौकरी / व्यवसाय आदि से से जुड़ा होता है। यानि इन तीनों भाव से संबंधित शुभ फल पाने के लिए व्यक्ति को जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है।

यदि कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय करता है तो वह शनि की दृष्टि से बच नहीं सकता है । परस्त्री के साथ व्यभिचार करने वाले,शराब पीने वाले, माँस खाने वाले और ताकत के बल पर किसी के साथ अन्याय करने वाले को शनिदेव जन्म जन्मांतर क्षमा नहीं करते हैं और उसे दंड देकर रहते हैं ।

शनि की दृष्टि shani ki drishti

शनि की वक्र दृष्टि : ज्योतिष में वक्री ग्रह के फल के बारे में अलग-अलग मत है। इन फलों के अतिरिक्त कर्म फल भी होते हैं। कुछ विद्वानों के अनुसार यदि कोई ग्रह अपनी उच्च की राशि में स्थित होने पर वक्री हो जाता है तो उसके फल अशुभ हो जाते हैं तथा यदि कोई ग्रह अपनी नीच की राशि में वक्री हो जाता है तो उसके फल शुभ हो जाते हैं।

शनि ग्रह की वक्र दृष्टि तब पड़ती है जब वो किसी राशि में मार्गी होकर आगे बढ़ने है और फिर वक्री अर्थात उल्टे चलने लगते हैं। जबकि कोई ग्रह वक्री नहीं होता है बल्कि वो पृथ्वी के निकट आ जाता है और पृथ्वी के सापेक्ष ग्रह उलटा चलता दिखाई देता है

जब कोई व्यक्ति अपराध करता है तो शनि राहु और केतु के द्वारा उसे दंड देने के लिए सक्रिय हो जाते हैं। शनि दंड से मुक्ति पाने के लिए व्यक्ति का चाल-चलन ठीक होना चाहिए  (shani ki drishti)

गजकेसरी योग किसे कहते है (Gaj Kesari Yog)

शनि की कितनी राशियाँ हैं ? 

शनि ग्रह की दो राशियां मकर और कुंभ है। जबकि शनि ग्रह तुला में उच्च और मेष में नीच का होता है। जब यह ग्रह वक्री होता है तो तुला राशि वालों के लिए सकारात्मक और मेष राशि वालों के लिए नकारात्मक प्रभाव देता है। लेकिन शनि जब अन्य राशियों में गोचर करता है तो उसका अलग प्रभाव होता है।

जैसे

यदि वह मेष की मित्र राशि धनु में भ्रमण कर रहा है तो मेष राशि वालों पर नकारात्मक प्रभाव नहीं डालेगा। क्योंकि मेष राशि की दो राशियां मित्र हैं  सिंह और धनु हैं । इसी प्रकार वृष की कन्या और मकर मित्र राशि है। मिथुन की तुला और कुंभ राशियां मित्र है। कर्क की वृश्चिक और मीन राशियां मित्र है।

शनि ग्रह के बुध, शुक्र और राहु अधिमित्र माने गये है। वहीं गुरु व केतु मित्र माने जाते है। जबकि मंगल और सूर्य को सम अर्थात न मित्र न शत्रु है। जबकि चंद्रमा अतिशत्रु है

शनि की दृष्टी जब शिव पर पड़ी 

एक बार शनि की दृष्टी  शिव पर पड़ी तो शिव को बैल बनकर वन मे भटकना पड़ा था । जब राम पर पड़ी तो उन्हे वन वास करना पड़ा और जब रावण पर पड़ी तो उसका राम के हाथों वध करवा दिया । संसार मे ऐसा कोई नहीं है जो जिसे शनि उसके किए की सजा नहीं देते हों 

हनुमानजी के भक्तों को नहीं देते कष्ट 

मात्र हनुमानजी और उनके भक्तों पर शनि का प्रभाव नहीं पड़ता है। क्योंकि एक बार अहंकारी लंकापति रावण ने शनिदेव को कारावास मे बंद कर दिया था ।जब हनुमान सीता मैया की खोज करते हुए में लंका में आए तब वहाँ उन्हें शनि देव जेल में बंद दिखाई दिए । तब हनुमानजी ने शनि देव को बंधन मुक्त करवाया और मुक्ति के बाद शनिदेव ने हनुमानजी का धन्यवाद देते हुए वचन दिया कि आज के बाद मैं आपके भक्तों को कोई भी कष्ट नहीं दूंगा ।

शनिे हनुमानजी को दिए वचनानुसार हनुमान जी के भक्तों को सदा क्षमा करते रहते हैं।

कुंडली के ये 2 दोष पूरा जीवन बर्बाद कर देते हैं These dosh in kundli ruin the whole life

इन पर पड़ती है शनि की वक्र दृष्टि

  1. यदि आप धर्म, गुरु, पिता,देवता, कुल देवता , कुल पुरोहित और मंदिर का अपमान करते हैं या किसी भी रूप में उनका उपहास करते है  उड़ाते हैं ।
  2. यदि आप नशा करते हैं या जुआ – सट्टा खेलते हैं तो आपके जीवन पर शनि दृष्टि पड़ सकती हैं क्योंकि पांडवों भी इन्ही कारणों से वनवास गए  और कौरवों के नाश का मुख्य कारण भी नशा ही था ।
  3. यदि आप अपनी पत्नी के अतिरिक्त किसी अन्य स्त्री से संबंध रखते हैं तो निश्चित ही एक दिन शनिदेव की वक्री दृष्टि पड़ेगी और आपका विनाश शुरु हो जाएगा ।
  4. यदि आप किसी निर्धन, सफाईकर्मी, अबला ,दिव्यांग, विधवा आदि को सताते हैं या उनका अपमान करते हैं तो आपको भी शनि का दंड मिलने की पूरी संभावना है ।
  5. यदि आप किसी के पीठ पीछे उसकी चुगली करना,निर्दोष लोगों को सताना, पशु पक्षियों पर क्रूरता,अप्राकृतिक संभोग, माता-पिता, चाचा-चाची, सेवकों और गुरु का अपमान करना पसंद करते हैं तो आपको भी शनि का दंड मिलने की पूरी संभावना है ।

शनि की दृष्टि से बचने के उपाय

शनिवार के दिन लाल आसन बिछाकर, हनुमान जी की मूर्ती के सामने तेल का दीपक प्रज्वलित कर हनुमान चालिसा का 21 बार पाठ करने से शनि दंड से आंशिक मुक्ति मिलती है , पूर्णतः मुक्ति के लिए लंबे समय तक आपण आचरण सही रखे । (shani ki drishti)

आइए जानते हैं :- 

श्री शनिदेव के सिद्ध मन्त्र और आरती( 9 shanidev mantra & aarti)

निष्कर्ष :

साथियों हम आशा करते है कि ये पोस्ट “shani ki drishti : कहीं आप पर भी तो नहीं है शनि की दृष्टि, जाने शनि की दृष्टी जब शिव पर पड़ी तो क्या हुआ ? ” आपको अच्छी लगी होगी ,

कुंडली विश्लेषण के लिए हमारे WhatsApp number 8533087800 पर संपर्क कर सकते हैं

अब यदि कोई ग्रह ख़राब फल दे रहा हो , कुपित हो या निर्बल हो तो उस ग्रह के मंत्रों का जाप , रत्न आदि धारण करने चाहिए ,

अपना ज्योतिषीय ज्ञान वर्धन के लिए हमारे facebook ज्योतिष ग्रुप के साथ जुड़े , नीचे दिए link पर click करें

श्री गणेश ज्योतिष समाधान 

ये भी पढ़े : पुरुष और स्त्री की कुंडली में अवैध संबंध के योग 21 extramarital affairs conditions

ये भी पढ़े : स्त्री कुंडली में ग्रह फल stri kundli me grah fal

ये भी पढ़ें : जीवन में क्लेश और धन की कमी दूर करने के ज्योतिष उपाय 7 Astrological Remedies To Remove Trouble And Pooverty In Life

ये भी पढ़ें : धोखेबाज जीवनसाथी-कुंडली से जाने पत्नी या पति का चरित्र cheating husband or wife by horoscope

अपने जानने वालों में ये पोस्ट शेयर करें ...

Leave a Comment

Scroll to Top