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कभी साइकिल से बेचा वाशिंग पाउडर-आज 600 मिलियन डालर से अधिक के स्वामी-करसनभाई पटेल Success story of Karsanbhai Patel
Karsanbhai Patel करसनभाई पटेल : वाशिंग पाउडर लेकर जिसे किसी व्यक्ति ने कभी साइकिल पर घूम-घूम कर बेचा था – वो वाशिंग पाउडर आज 600 मिलियन डालर से भी अधिक का एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है ।
साथियों आज निरमा समूह निरमा ब्यूटी शॉप ,प्रीमियम पाउडर,सुपर निरमा वाशिंग पाउडर,निरमा शैंपू ,टूथपेस्ट,शुद्ध नाम का नमक,सोडा ऐश जैसे अनेकों उत्पाद विक्रय करने वाली एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है जिसके उत्पाद भारत के गाँव देहात से लेकर महानगरों तक में बिकते है , निरमा आज भारत के साथ साथ अनेक देशों में बिकता है और ये एक ऐसा उत्पाद है जो यूनीलीवर ( पूर्व का हिन्दुस्तान लीवर ) लिमिटेड जैसे बहुराष्ट्रीय उत्पादों को टक्कर दे रहा है ,
आइये जानते है कैसे निरमा एक बीज से विशाल वृक्ष बन सका
मित्रो वो व्यक्ति जो कभी एक साइकिल पर वाशिंग पाउडर के पैकेट रखकर दुकान दुकान बेचा करता था आज वर्ष 2021 की Forbes की रिपोर्ट के अनुसार वो व्यक्ति US$4.9 billion की संपत्ति का स्वामी है और वो व्यक्ति हैं करसनभाई पटेल जो एक भारतीय उद्योगपति और निरमा समूह के संस्थापक हैं।
करसनभाई पटेल का जन्म
Birth of Karsanbhai Patel
निरमा समूह के संस्थापक करसनभाई पटेल का जन्म 13 अप्रैल 1944 में गुजरात राज्य के मेहसाणा नगर में एक किसान के घर पर हुआ था
करसनभाई पटेल का प्रारंभिक जीवन
Karsanbhai Patel’s Early Life
करसनभाई पटेल का जन्म 13 अप्रैल 1944 को गुजरात के मेहसाणाा में एक सामान्य किसान परिवार में हुआ था। करसनभाई पटेल के पिता का नाम खोड़ी दास पटेल है
उनकी प्रारंभिक शिक्षा मेहसाणाा के स्थानीय स्कूल में हुई थी और 21 वर्ष की आयु में उन्होंने रसायन विज्ञान विषय के साथ बी.एस.सी की पढ़ाई की , अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद करसन भाई पटेल बिजनेस करना चाहते थे लेकिन घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी जिस कारण उन्हें नौकरी करना पड़ी.
करसनभाई पटेल ने पहले एक एक प्रयोगशाला सहायक के रूप में नौकरी की थी जिसमे पहले लालभाई समूह के अहमदाबाद में स्थित न्यू कॉटन मिल्स में नौकरी की और उसके बाद गुजरात सरकार के खनन और भूविज्ञान विभाग में नौकरी करने लगे , ये नौकरी सरकारी थी ।
करसनभाई पटेल का संघर्ष Struggle of Karsanbhai Patel
सरकारी नौकरी को आराम की नौकरी कहा जाता है और सरकारी नौकरी करते हुए करसनभाई का जीवन भी अच्छे से कट रहा था लेकिन वो संतुष्ट नहीं थे। वो कुछ अपना और अलग करना चाहते थे, करसन की एक बेटी थी जिसका का नाम निरुपमा था जिसे वो प्यार से निरमा बुलाते थे।
स्कूल में पढ़ने वाली उनकी लाडली बेटी निरमा की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई। करसनभाई की ये इच्वछा थी कि उनकी बेटी पढ़ लिख कर कुछ ऐसा करे कि जिससे संसार में उसका नाम हो लेकिन उसकी मृत्यु ने करसनभाई को अंदर से तोड़ दिया था ।
करसनभाई ने अपनी इसी मृत बेटी के नाम को जीवित रखने के लिए एक कंपनी की शुरूआत की और वर्ष 1969 में अपने घर के पीछे खाली एक स्थान पर अपनी बेटी निरमा के नाम पर वाशिंग पाउडर बनाना आरंभ किया।
चूँकि करसनभाई पटेल केमिस्ट्री से स्नातक थे इसलिए वाशिंग पाउडर कैसे बनाना है ये उन्हें पता था , सोडा ऐश के साथ कुछ रसायन मिला कर उन्होंने पीले रंग का वाशिंग पाउडर बना लिया और अब उसे बेचना था।
करसनभाई पटेल इस वाशिंग पाउडर को साइकिल से घर घर जाकर बेचने लगे। करसनभाई पटेल का कार्यालय उनके घर से लगभग 15 किमी दूर था। कार्यालय जाते हुए वह साइकिल पर एक दिन में वाशिंग पाउडर के 15 से 20 पैकेट बेच लेते थे। वाशिंग पाउडर बनाने का काम वो ऑफिस से आने के बाद संध्या में करते थे और अगले दिन प्रातः ऑफिस जाते समय बेच देते थे ।
करसनभाई पटेल की सफलता की कहानी
Success story of Karsanbhai Patel
जिस समय बहुराष्ट्रीय कंपनी के वाशिंग पाउडर जहां 10-15 रुपये प्रति किलो के मूल्य पर बिकते थे वहीँ करसनभाई अपने निरमा वाशिंग पाउडर को मात्र 3 रुपये प्रति किलो पर बेचते थे। निरमा वाशिंग पाउडर की अच्छी गुणवत्ता और कम मूल्य के कारण ये घर घर में लोकप्रिय होने लगा और निरमा वाशिंग पाउडर मध्यवर्गीय और निम्न मध्यवर्गीय परिवारों में बहुत लोकप्रिय होने लगा।
देखते-देखते निरमा वाशिंग पाउडर सफल हो गया। लगभग तीन वर्ष बाद उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी और अहमदाबाद के पास एक छोटी फैक्ट्री स्थापित कर ली। बहुत ही कम समय में निरमा वाशिंग पाउडर एक ब्रांड बन गया और गुजरात और महाराष्ट्र में एक सफल ब्रांड के रूप में स्थापित हो गया।
करसनभाई ने निरमा वाशिंग पाउडर को सफल बनाने के लिए रेडियो और टेलीविज़न पर प्रचार का सहारा भी लिया और इससे निरमा वाशिंग पाउडर देश के घर घर में पहुंच गया ।
निरमा वाशिंग पाउडर ने वाशिंग पाउडर के बाज़ार में एक बड़ा परिवर्तन ला दिया क्योंकि उस समय वाशिंग पाउडर और साबुन के बाज़ार पर हिंदुस्तान लीवर जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों का दब दबा था जैसे अपने वाशिंग पाउडर सर्फ को 13 रुपये प्रति किलो के भाव पर बेचते थे लेकिन करसनभाई पटेल ने अपनी व्यापारिक दक्षता से मात्र 10 वर्ष के भीतर निरमा वाशिंग पाउडर को सबसे अधिक बिकने वाला वाशिंग पाउडर पाउडर बना दिया। इस प्रकार निरमा वाशिंग पाउडर ब्रांड एक कम मूल्यवाले वाशिंग पाउडर और टॉयलेट साबुन के रूप में सभी के घर में प्रवेश कर गया ।
1980 के दशक के आरंभ में पूरे देश में एक लोकप्रिय नाम बन गया और वाशिंग पाउडर के बाज़ार के बड़े नामों को पीछे छोड़ने लगा । वर्ष 1994 में निरमा कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट हुई।
वर्ष 2007 में निरमा ने अमेरिका की रॉ मैटेरियल कंपनी Searles Valley Minerals Inc को खरीद लिया जिससे निरमा संसार के टॉप 7 सोडा ऐश मैन्युफैक्चरर्स में से एक बन गयी ।
वर्ष 2014 में निरमा समूह ने निंबोल में सीमेंट की मैन्युफैक्चरिंग शुरू कर दी ।
वर्ष 2016 में निरमा समूह ने निरमा 1.4 अरब डॉलर यानि लगभग 9,400 करोड़ रुपए में सीमेंट कंपनी लाफार्ज इंडिया को खरीद लिया जोकि संसार की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी लाफार्ज-होलसिम की भारतीय यूनिट थी ।
वर्ष 2020 में निरमा समूह ने इमामी सीमेंट को 5500 करोड़ रुपये में खरीद लिया।
साबुन बाज़ार में निरमा की लगभग 20 प्रतिशत से अधिक की भागीदारी है जबकि वाशिंग पाउडर के क्षेत्र में लगभग 35 प्रतिशत बाज़ार पर निरमा के अधिकार है।
सभी उपभोक्ताओं का ध्यान
जब सस्ते वाशिंग पाउडर बाज़ार निरमा ने अपनी में अपना पैर जमा लिए तब निरमा समूह ने सोचा कि हमें उच्च आयवर्ग के लिए भी कुछ नए उत्पाद बनाने चाहिए जिससे कंपनी मध्यम वर्ग के साथ-साथ उच्च आय वर्ग के उपभोक्ताओं में भी अपना स्थान बना सके।
इसी सोच के साथ निरमा समूह ने ‘निरमा बाथ’, ‘निरमा ब्यूटी सोप’ और प्रीमियम पाउडर ‘सुपर निरमा वाशिंग पाउडर’ जैसे उत्पादों को बाज़ार में उतारा इसी के साथ अपना शैम्पू,टूथपेस्ट, ‘शुद्ध’ नाम से खाने का नमक भी बाज़ार में उतारा
निरमा का शिक्षा के क्षेत्र में प्रवेश
वर्ष 1995 में करसनभाई पटेल ने अहमदाबाद में निरमा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की स्थापना की और उसके बाद 2003 में उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट और निरमा यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की स्थापना का दी
निरमा के अन्य उत्पाद –product list of nirma
–> निरमा बाथ सोप,
–> नीमा सोप,
–> निरमा डिटर्जेंट व बार ,
–> शुद्ध खाद्य नमक,
–> निरमा क्लीन डिशवॉश बार,
–> निरमा बर्तन बार
–> सोडा पाउडर
–> रैखिक एल्काइल बेंजीन
–> औद्योगिक नमक
–> ग्लिसरीन
–> सुई लेनी
–> इंजेक्शन
–> चीनी
–> सीमेंट
–> अरंडी का तेल
–> सल्फ्यूरिक एसिड
–> क्रिटिकल केयर उत्पाद
–> चिकित्सा डिस्पोजेबल
–> कागज और प्लास्टिक के कप
–> तिरपाल
–> इंजेक्शन मोल्डिंग
करसनभाई पटेल को पुरस्कार Award to Karsanbhai Patel
करसन भाई पटेल को अभी तक अनगिनत सरकारी और गैरसरकारी पुरस्कार मिले है , देश की अर्थव्यवस्था और उद्योग में उनके योगदान के लिए उन्हेंविभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है.
1 — > वे दो बार साबुन और डिटर्जेंट के भारत सरकार की विकास परिषद के अध्यक्ष चुने गए
2– > गुजरात डिटर्जेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बनाये गए
3– > नई दिल्ली के लघु इंडस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा उद्योग रत्न की उपाधि से विभूषित किये गये
4-– > उन्हें गुजरात के वाणिज्य और उद्योग चैंबर, अहमदाबाद, द्वारा सन 1990 में उत्कृष्ट उद्योगपति का सम्मान मिला
5– > वर्ष 1998 में गुजरात व्यवसायी का पुरस्कार मिला
6- करसन भाई पटेल को रोटरी इंटरनेशनल द्वारा कॉर्पोरेट गवर्नेंस में उत्कृष्टता पुरस्कार दिया गया
7- वर्ष 2001 में उन्हें फ्लोरिडा अटलांटिक विश्वविद्यालय, फ्लोरिडा, संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया
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