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IAS Rakesh Sharma Success Story: नेत्रहीनता को दे चुनौती बने प्रथम प्रयास में IAS
IAS Rakesh Sharma Success Story: नेत्रहीनता को दे चुनौती बने प्रथम प्रयास में IAS सभी व्यक्ति अपने जीवन में सफल होना चाहते है,सफलता पाने के लिए दिन रात एक किये रहते हैं, इनमे से कुछ अपनी परिस्थितियों से हार मान जाते है और कुछ परिस्थितियों को ही हरा देतें हैं और आगे चलकर उन्ही लोगों की success story हमे पढने को मिलती हैं और हमारी ये पोस्ट ऐसी ही एक success story है
2 वर्ष की बाल्यावस्था में ही अपनी आँखों की दृष्टि खो देने वाले IAS Rakesh Sharma ने अपने जीवन की विषम परस्थितियों को अपने आत्मविश्वास और अथक परिश्रम से हरा दिया और आज सरकारी नौकरी के लिए प्रयासरत भारत के युवाओं का सबसे बड़ा स्वप्न IAS का पद प्राप्त कर छोटी छोटी बाधाओं से निराश हो जाने वाले लोगों को ये बता दिया है कि यदि आत्मविश्वास के साथ अथक परिश्रम किया जाएँ तो कुछ भी असंभव नही है
नेत्रहीन IAS राकेश शर्मा की बाल्यावस्था
Childhood of Blind IAS Rakesh Sharma
राकेश शर्मा हरियाणा राज्य के भिवानी जिले में स्थित एक छोटे से गांव सांवड़ से हैं । लोगों का कहना है कि जब राकेश शर्मा (IAS Rakesh Sharma ) मात्र 2 वर्ष के थे तब किसी दवा के रिएक्शन के कारण उनकी आँखों की ज्योति चली गयी , राकेश शर्मा (IAS Rakesh Sharma ) के परिवार के लोगों ने आँखों का उपचार भी करवाया किन्तु आँखे ठीक न हो सकी । ( you are reading IAS Rakesh Sharma Success Story)
समाज अपनी सलाह हमेशा ही देता है और जब निरंतर उपचार के बाद भी राकेश शर्मा के नेत्रों की ज्योति न लौटी तो राकेश शर्मा के परिवार को भी समाज के द्वारा सलाह मिली कि राकेश शर्मा को आश्रम में भेज दो पर परिवार ने ऐसा नही किया ।( you are reading IAS Rakesh Sharma Success Story)
सबके कहने के बाद भी IAS राकेश शर्मा के परिवार ने अपना धैर्य और आत्मविश्वास कभी नहीं छोड़ा और परिवार के प्रेम को राकेश शर्मा (IAS Rakesh Sharma ) ने भी अनुभव किया जिससे वो अपने जीवन में कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित हुए । उनके परिवार ने उन्हें एक सामान्य बच्चों जैसा ही प्यार दिया और पालन पोषण किया ।
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परिवार के प्यार पर समाज के बनाये नियम भारी पड़ गये, राकेश शर्मा (IAS Rakesh Sharma ) को किसी भी सामान्य स्कूल ने अपने यहाँ प्रवेश नही दिया और इस स्थिति में उनकी पढ़ाई स्पेशल स्कूल ( नेत्रहीनों के स्कूल ) में की जहाँ उन्हें ब्रेल लिपि में पढना था ।( you are reading IAS Rakesh Sharma Success Story)
बारहवीं क्लास तक उन्हें स्पेशल स्कूल की स्पेशल पढाई ही करनी पड़ी जिसके बाद उन्होंने डीयू ( Delhi University ) में एडमिशन ले लिया ।
डीयू ( Delhi University ) में जो एक्टिविटीज होती थीं उस समय एक बार राकेश शर्मा (IAS Rakesh Sharma ) को एक बच्चा मिला जो अपना घर छोड़कर भागा आया था और किसी को भी अपने विषय में बताता नहीं था , राकेश शर्मा ने उसे बड़े प्यार से समझाया जिससे वो धीरे-धीरे वह सामान्य हो गया और अपने घर वापस लौट गया , उस लड़के के परिवार वालों ने राकेश को बहुत आशीर्वाद और शुभकामनाएं दीं ।
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इस घटना के बाद दुआएं दीं और डीयू ( Delhi University ) में जो एक्टिविटीज होती थीं और वहां के शिक्षक तथा सहपाठियों से मिलने वाले प्रोत्साहन से राकेश शर्मा (IAS Rakesh Sharma ) को एक नया आत्मविश्वास मिला और उनके मन में जीवन में कुछ कर गुजरने की इच्छा बलवती होने लगी ।
IAS Rakesh Sharma Success Story
डीयू ( Delhi University ) में जो उनको एक्सपोजर मिला उससे उनका confidence बहुत बाद चुका था । डीयू ( Delhi University ) से बी.ए और सोशल वर्क में मास्टर्स करने के बाद उन्होंने भारत की सर्वोच्च सेवा आईएएस की नौकरी प्राप्त कर देश सेवा की ठान ली ।
आईएएस राकेश शर्मा (IAS Rakesh Sharma ) के अनुसार UPSC Exam का स्टडी मैटीरियल मिलने में ही कठिनाई आती थी और स्टडी मैटीरियल मिलने के बाद यूपीएससी परीक्षा के लिए नोट्स बनाना बहुत आवश्यक होता है जिसमे उनके दिन रात यूँ ही बीत जाते थे किन्तु इन सब में उनके शिक्षकों ने उन्हें बहुत सपोर्ट दिया ।
IAS राकेश शर्मा को उनके साथियों और परिवार ने भी पूरा सपोर्ट दिया और इसके साथ उन्होंने भी दिन रात एक कर दिए जिसका परिणाम ये था की पहले ही प्रयास में IAS बन गये ।
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( you are reading IAS Rakesh Sharma Success Story)
राकेश शर्मा के अनुसार यदि पिता ने उन पर दया दिखायी होती तो हो सकता है कि उन्हें ये सफलता कभी नहीं मिलती । राकेश शर्मा का कहना है कि उनके परिवार,मित्रों और शिक्षकों ने कभी उनके साथ दया का रूप यानि सिम्पैथी नहीं दिखायी और उनके साथ साधारण इंसान जैसा ही व्यवहार किया जिससे उन्हें उनकी नेत्रहीनता का कभी अनुभव ही नही हुआ जिससे उनका आत्मविश्वास बहुत बढ़ गया और वो IAS Examination की तैयारी कर सके ।
राकेश शर्मा (IAS Rakesh Sharma )कहते है कि यदि ठान लिया जाए तो संसार में ऐसा कोई भी काम नहीं है जिसे किया न जा सके स्वंम पर आत्मविश्वास और निरंतर अथक परिश्रम से सफलता मिल कर रहती है ।
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