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भारतीय ज्योतिष के 10 महत्वपूर्ण पक्ष जिसके बिना आपका ज्योतिष ज्ञान अधूरा हैं-10 Important Aspects of Indian Astrology
भारतीय ज्योतिष, वैदिक भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो ग्रहों, नक्षत्रों, राशियों, भावों और योगों के माध्यम से भविष्यवाणी और व्यक्तिगत चार्ट (जिसे हम सब कुंडली भी कहते हैं ) बनाने का अध्ययन करता है। इन सभी पक्षों को शामिल करने वाला ज्ञान ही “ज्योतिष विज्ञान” कहलाता है।
ज्योतिष का मूल सिद्धांत है कि ग्रहों, नक्षत्रों और अन्य आकाशीय तत्वों का प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है और इस प्रभाव को कुंडली से देखा जाता है, जो व्यक्ति के जन्म के समय के आधार पर बनाई जाती है और इसमें ग्रहों, नक्षत्रों और राशियों की स्थिति का विवरण होता है।
ज्योतिष का उपयोग भविष्यवाणी करने, व्यक्तिगत गुणों, प्राकृतिक प्रवृत्तियों, स्वास्थ्य, व्यवसाय, पारिवारिक मामलों, विवाह, व्यापार, शिक्षा, प्रेम आदि के बारे में समझने के लिए किया जाता है।
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भारतीय ज्योतिष में कई महत्वपूर्ण पक्ष हैं। यहां कुछ प्रमुख पक्षों का उल्लेख किया गया है:
भारतीय ज्योतिष के 10 महत्वपूर्ण पक्ष
10 Important Aspects of Indian Astrology
- राशि (Zodiac Signs): भारतीय ज्योतिष में बारह राशियां होती हैं, जिन्हें मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन के नाम से जाना जाता है। राशि व्यक्ति की जन्म कुंडली में महत्वपूर्ण होती है और उसका आधार बनाती है।
- ग्रह (Planets): भारतीय ज्योतिष में नौ ग्रह महत्वपूर्ण होते हैं, जिनमें सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु शामिल हैं। ये ग्रह व्यक्ति के जीवन और व्यवहार पर प्रभाव डालते हैं और उनकी स्थिति जन्म कुंडली में दर्शाई जाती है।
- नक्षत्र (Constellations): भारतीय ज्योतिष में 27 महत्वपूर्ण नक्षत्र होते हैं, जिन्हें आश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशीर्षा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनूराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, श्रविष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपदा, उत्तरा भाद्रपदा और रेवती के नाम से जाना जाता है। नक्षत्र भी जन्म कुंडली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डालते हैं।
- योग (Yogas): भारतीय ज्योतिष में योग विशेष महत्व रखते हैं, जो ग्रहों और नक्षत्रों के संयोग से बनते हैं। योग व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रभावों को दर्शाते हैं और उसके धन, स्वास्थ्य, सम्पत्ति, संतान आदि के बारे में संकेत प्रदान करते हैं।
- दशाओं (Dashas): दशाओं को ज्योतिष में महत्वपूर्ण माना जाता है। दशाएं ग्रहों के माध्यम से व्यक्ति के जीवन में विभिन्न अवस्थाओं को दर्शाती हैं। कुंडली में महादशा और अंतरदशा के रूप में ज्योतिषी व्यक्ति की जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का विश्लेषण करते हैं।
- गोचर (Transits): गोचर ग्रहों के गतिविधियों का अध्ययन करता है। ज्योतिषी व्यक्ति की जन्म कुंडली के साथ-साथ वर्तमान समय में ग्रहों की स्थिति का भी विश्लेषण करते हैं और इसे गोचर कहते हैं। गोचर व्यक्ति के जीवन पर आधारभूत प्रभाव डालते हैं और भविष्य में होने वाली घटनाओं का संकेत प्रदान करते हैं।
- मुहूर्त (Muhurta): मुहूर्त ज्योतिष में कार्यों की शुभ समयों का चयन करने का विज्ञान है। यह शादी, गृह प्रवेश, नामकरण, यात्रा, उद्यान, उपनयन आदि जैसे कई कार्यों के लिए उपयोगी होता है। मुहूर्त विशेष समय के आधार पर किसी घटना की सफलता और शुभता को प्रभावित करता है।
- यंत्र (Yantras): यंत्र भारतीय ज्योतिष में उपयोग होने वाले ग्रहों, देवताओं या शक्तियों के प्रतीक होते हैं। यंत्रों का उपयोग संयम, सफलता, रक्षा आदि के लिए किया जाता है।यंत्र विशेष चित्रों या ज्यामिति के माध्यम से बनाए जाते हैं, तंत्र को विभिन्न शक्तियों और देवताओं को प्रतिष्ठित करने का उपयोग किया जाता है।
- तंत्र (Tantra): तंत्र एक विशेष विधि या प्रणाली है जिसमे तांत्रिक साधना और उपासना की जाती । तंत्र ज्ञान आध्यात्मिक विकास और दिव्य साधना के लिए महत्वपूर्ण है। यह विभिन्न तंत्रिक उपायों, योग तकनीकों, मुद्राओं, मंत्रों, ध्यान और पूजा के माध्यम से आध्यात्मिक और भौतिक इच्छाओ की पूर्ति की जाती है।
- मंत्र (Mantra): मंत्र भी तंत्र के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में जाना जाता है। मंत्र शक्तिशाली शब्द और वाक्य होते हैं, जिनका उच्चारण, जप या स्मरण किया जाता है। ये धार्मिक, आध्यात्मिक और तांत्रिक कार्यों में उपयोग होते हैं। मंत्र का उच्चारण और साधना से व्यक्ति को मनोशांति, ध्यान, मानसिक शक्ति और आध्यात्मिक अनुभव की प्राप्ति होती है। ये आध्यात्मिक साधना, ध्यान, पूजा, उपासना, मन्त्र-जाप आदि में उपयोग होते हैं।
निष्कर्ष : ये कुछ महत्वपूर्ण पक्ष हैं जो भारतीय ज्योतिष में प्रयोग होते हैं। हालांकि यह ज्योतिष की बहुत ही संक्षिप्त विवरण है और इसके अतिरिक्त भी बहुत सारे पक्ष हैं जो भारतीय ज्योतिष के महत्वपूर्ण पक्ष हैं।
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