Auspicious time in hindi क्या शुभ मुहूर्त से कार्यों मे सफलता मिलती है ? Does auspicious time bring success in works?
Auspicious time in hindi : मुहूर्त एक विशेष समय होता है जो किसी कार्य की शुरुआत के लिए अनुकूल माना जाता है। इसमें ग्रहों, नक्षत्रों, और दिन आदि के विशेष संयोग का ध्यान मे रखा जाता है। यह विशेष समय किसी भी कार्य के निर्धारण, विवाह, गृह प्रवेश, नये उद्यम की शुरुआत, यात्रा, पूजा, आदि के लिए चुना जाता है।
आचार्य वराहमिहिर के अनुसार,शुभ मुहूर्त का चयन शुभ परिणाम देने वाला होता है , इसमे किये गये कार्य मे सफलता मिलती है इसलिए ये बहुत महत्वपूर्ण होता है। एक शुभ मुहूर्त चुनने से आपके जीवन में प्रभावी रूप से योग्यता, सफलता, शांति, सुख, समृद्धि और वैभव के आने की संभावना बढ़ जाती हैं।
मुहूर्त चुनने के लिए विभिन्न तत्वों का ध्यान रखा जाता है, जैसे कि ग्रहों की स्थिति, नक्षत्र, चंद्रमा की अवस्था, लग्न, पंचांग, वार, तिथि, योग, करण आदि। इन सभी तत्वों के संयोग से शुभ मुहूर्त का चयन किया जाता है।
एक शुभ मुहूर्त का चयन करके, आप अधिक अनुकूलता, सफलता, और प्रभावी परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं Auspicious time in hindi क्या शुभ मुहूर्त से कार्यों मे सफलता मिलती है
मुहूर्त मे क्या देखा जाता है ?
Auspicious time in hindi
यहां कुछ मुख्य तत्व हैं जिन्हें ध्यान में रखकर शुभ मुहूर्त का चयन किया जा सकता है:
- तिथि (Date): तिथि चुनने में चंद्रमा की स्थिति एक महत्वपूर्ण तत्व होता है। शुभ तिथि चुनने के लिए पंचांग (Hindu calendar) का उपयोग किया जाता है, जिसमें चंद्रमा के स्थिति, पक्ष, नक्षत्र आदि की जानकारी होती है।
- दिन (Day): कुछ कार्यों के लिए विशेष दिनों का चयन किया जाता है, जैसे कि गृह प्रवेश के लिए बुधवार, विवाह के लिए शुक्रवार, पूजा के लिए गुरुवार आदि। इसमें ग्रहों के प्रभाव और वैदिक ज्योतिष की निर्देशिकाएं महत्वपूर्ण होती हैं।
- लग्न (Ascendant): लग्न एक व्यक्ति की जन्म कुंडली में बने होते हैं और व्यक्ति के व्यक्तित्व और जीवन पर प्रभाव डालते हैं। शुभ मुहूर्त का चयन करने के लिए लग्न की स्थिति और उसके संयोग का ध्यान रखना आवश्यक होता है।
- नक्षत्र (Constellation): नक्षत्रों का चयन भी मुहूर्त चुनने में महत्वपूर्ण होता है। विभिन्न नक्षत्रों के आधार पर उपयुक्त नक्षत्र का चयन किया जाता है, जो कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।
इन तत्वों को ध्यान में रखकर और ज्योतिष विशेषज्ञ की सलाह लेकर शुभ मुहूर्त का चयन किया जा सकता है। ज्योतिषी आपकी जन्म कुंडली के आधार पर आपको उपयुक्त मुहूर्त और समय सुझा सकते हैं, जो आपके जीवन के विभिन्न कार्यों के लिए शुभ होंगे।
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क्या विभिन्न राशियों के लिए अलग-अलग मुहूर्त शुभ होते हैं
जी हां, अलग-अलग राशियों के लिए अलग-अलग मुहूर्त शुभ होते हैं। ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक राशि के अपने गुण होते है और इसके आधार पर शुभ मुहूर्त का चयन किया जाता है। यहां कुछ उदाहरण हैं जिसके द्वारा हम जानेंगे क्या शुभ मुहूर्त से कार्यों मे सफलता मिलती है, विभिन्न राशियों के लिए कौन कौन से अलग-अलग मुहूर्त शुभ होते हैं(Auspicious time in hindi)
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- मेष राशि (Aries): मेष राशि के लोगों के लिए सूर्य की उच्च, स्वराशि और मित्र ग्रह की राशि वाली स्थिति वाले मुहूर्त शुभ होते हैं, जैसे कि मेष संक्रांति आदि। सूर्य और मंगल ग्रह के प्रभावी संयोगों वाले मुहूर्त शुभ माने जाते हैं।
- वृष राशि (Tauras ): वृष राशि के लोगों के लिए शुक्र की उच्च, स्वराशि और मित्र ग्रह की राशि वाली स्थिति वाले मुहूर्त शुभ होते जैसे कि शुक्र जब वृष या तुला राशि या लग्न मे हो । वृषभ राशि के जातकों के लिए, शुक्र, शनि और बृहस्पति ग्रह के संयोगों वाले मुहूर्त शुभ माने जाते हैं।
- मिथुन राशि ( Gemini ) : मिथुन राशि के लोगों के लिए बुध की उच्च, स्वराशि और मित्र ग्रह की राशि वाली स्थिति वाले मुहूर्त शुभ होते हैं, जैसे कि बुधवार आदि। मिथुन राशि के जातकों के लिए, बुध, शुक्र और मंगल ग्रह के प्रभावी संयोगों वाले मुहूर्त शुभ माने जाते हैं। कर्क राशि के जातकों के लिए, चंद्रमा और बृहस्पति ग्रह के संयोगों वाले मुहूर्त शुभ माने जाते हैं।
- कर्क राशि ( Cancer) : कर्क राशि के लोगों के लिए चंद्र की उच्च, स्वराशि और मित्र ग्रह की राशि वाली स्थिति वाले मुहूर्त शुभ होते हैं, जैसे कि सोमवार आदि।
- सिंह राशि ( Leo ) : सिंह राशि के लोगों के लिए सूर्य की उच्च, स्वराशि और मित्र ग्रह की राशि वाली स्थिति वाले मुहूर्त शुभ होते हैं, जैसे कि रविवार आदि।सिंह राशि के जातकों के लिए, सूर्य और मंगल ग्रह के प्रभावी संयोगों वाले मुहूर्त शुभ माने जाते हैं।
- कन्या राशि (Virgo): कन्या राशि के लोगों के लिए बुध की उच्च, स्वराशि और मित्र ग्रह की राशि वाली स्थिति वाले मुहूर्त शुभ होते हैं, जैसे कि बुधवार आदि। कर्क राशि के जातकों के लिए, चंद्रमा और बृहस्पति ग्रह के संयोगों वाले मुहूर्त शुभ माने जाते हैं।
- तुला राशि (Libra): तुला राशि के लोगों के लिए शुक्र की उच्च, स्वराशि और मित्र ग्रह की राशि वाली स्थिति वाले मुहूर्त शुभ होते हैं, जैसे कि शुक्रवार आदि। तुला राशि के जातकों के लिए, शुक्र और शनि ग्रह के संयोगों वाले मुहूर्त शुभ माने जाते हैं।
- वृश्चिक राशि (Scorpio ): वृश्चिक राशि के लोगों के लिए मंगल की उच्च, स्वराशि और मित्र ग्रह की राशि वाली स्थिति वाले मुहूर्त शुभ होते हैं, जैसे कि मंगलवार आदि।वृश्चिक राशि के जातकों के लिए, मंगल और बृहस्पति ग्रह के संयोगों वाले मुहूर्त शुभ माने जाते हैं।
- धनु राशि (Sagittarius ): धनु राशि के लोगों के लिए गुरु की उच्च, स्वराशि और मित्र ग्रह की राशि वाली स्थिति वाले मुहूर्त शुभ होते हैं, जैसे कि गुरुवार आदि।धनु राशि के जातकों के लिए, गुरु और मंगल ग्रह के संयोगों वाले मुहूर्त शुभ माने जाते हैं।
- मकर राशि (Capricorn): मकर राशि के जातकों के लिए शनि की उच्च, स्वराशि और मित्र ग्रह की राशि वाली स्थिति वाले मुहूर्त शुभ होते हैं, शनि और बृहस्पति ग्रह के संयोगों वाले मुहूर्त शुभ माने जाते हैं। ज्योतिषी आपको मकर राशि के लिए उपयुक्त मुहूर्त के बारे में और जानकारी दे सकते हैं।
- कुंभ राशि (Aquarius): कुंभ राशि के जातकों के लिए शनि की उच्च, स्वराशि और मित्र ग्रह की राशि वाली स्थिति वाले मुहूर्त शुभ होते हैं, शनि और शुक्र ग्रह के संयोगों वाले मुहूर्त शुभ माने जाते हैं। ज्योतिषी आपको कुंभ राशि के लिए विशेष मुहूर्त के बारे में अधिक जानकारी दे सकते हैं।
- मीन राशि (Pisces): मीन राशि के जातकों के लिए गुरु की उच्च, स्वराशि और मित्र ग्रह की राशि वाली स्थिति वाले मुहूर्त शुभ होते हैं, गुरु और चंद्रमा ग्रह के संयोगों वाले मुहूर्त शुभ माने जाते हैं। ज्योतिषी आपको मीन राशि के लिए उपयुक्त मुहूर्त के बारे में विस्तृत जानकारी दे सकते हैं।
ज्योतिष में “उच्च, स्वराशि और मित्र ग्रह की राशि वाली स्थिति” (Exalted Position) एक ग्रह की विशेष स्थिति को कहते हैं जब वह अपनी शक्तिशाली स्थिति में होता है। उच्च, स्वराशि और मित्र ग्रह की राशि वाली स्थिति में ग्रह सकारात्मक प्रभाव देता है और व्यक्ति को अधिक लाभ प्रदान कर सकता है।
उच्च, स्वराशि और मित्र ग्रह की राशि वाली स्थिति के साथ ग्रह की शक्ति और प्रभाव अधिक होते हैं, लेकिन इसे समझने के लिए व्यक्ति की जन्म कुंडली में भी देखना आवश्यक होता है, क्योंकि ग्रहों के संयोग और अन्य योगों का भी प्रभाव होता है।
निष्कर्ष :
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