दीपावली 2020: धनतेरस से भाई दूज (deepawali 2020)
ऐसा माना गया है कि धनतेरस के दिन जो कुछ ख़रीदा जाता है उसमे उसमें 13 गुने की वृद्धि हो जाती है इसीलिए धनतेरस पर्व के दिन लोग अपनी आवश्यकता का सामान अवश्य ही खरीदते है…
ऐसा माना गया है कि धनतेरस के दिन जो कुछ ख़रीदा जाता है उसमे उसमें 13 गुने की वृद्धि हो जाती है इसीलिए धनतेरस पर्व के दिन लोग अपनी आवश्यकता का सामान अवश्य ही खरीदते है…
करवा चौथ हिन्दू धर्म का एक अति पवित्र और अत्यधिक महवपूर्ण पर्व है जिसे मुख्यतः सुहागिन स्त्रियाँ मनाती है , किन्तु आज के समय में इस पर्व के महत्व को देखते हुए अच्छे वर की अभिलाषा में कुवारीं कन्याएं भी इस पर्व पर व्रत रखती है |
यदि मृत्यु के बाद वंश के किसी व्यक्ति का उचित प्रकार से श्राद्ध कर्म न हुआ हो तो पित्र विसर्जन अमावस्या को प्रतिवर्ष हम उन सभी का एक साथ तर्पण कर सकते है | इसलिए हिन्दू धर्म में पित्र विसर्जन अमावस्या का अत्यधिक महत्व है…
भगवान विश्वकर्मा संसार के पहले वास्तुशिल्पी माने जाते है जिन्होंने एक ही दिन में प्रभु श्री कृष्णा की कहने पर द्वारिका नगरी का निर्माण किया था साथ ही प्रभु श्री कृष्णा के कहने पर उनके सखा सुदामा का निवास एक ही दिन में राज महल जैसा बना दिया था…
काल पुरुष चक्र के अनुसार ये राशियाँ किसी भी जातक के शरीर यानि लग्न (प्रथम भाव- मेष राशि ), मन यानि चतुर्थ भाव (कर्क राशि) , बुद्धि यानि पंचम भाव ( सिंह राशि ), आयु यानि अष्टम भाव ( वृश्चिक राशि ), भाग्य यानि नवम भाव ( धनु राशि ) पर…
जब इन नक्षत्रों में चंद्रमा आते है और उस समय जब कोई शिशु जन्म लेता है तो उस शिशु को अथवा उसके सगे संबंधियों को गंड दोष लगता है…
किसी व्यक्ति की कुंडली में पंचम भाव पर राहु की दृष्टि हो और राहु लग्न के स्वामी का मित्र न हो तो उस व्यक्ति की शिक्षा में अवश्य ही रूकावट आती है , ये रूकावट इस बात पर भी निर्भर करती है कि पंचम भाव पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि है या नही…
साथियों जो भक्त ,संकट मोचन हनुमान चालीसा (sankat mochan hanuman chalisa) का नित्य पाठ करते है, उन्हें प्रभु हनुमान जी की कृपा अवश्य मिलती है…
हनुमान जी को मुनि श्राप से अपनी शक्तियों का स्मरण नही रहता है इसलिए हनुमानाष्टक के द्वारा हम उन्हें उनकी शक्तियों का भान कराते हुए ,अपनी पीड़ा , अपने संकट को दूर करने की प्रार्थना करते है…
जब जीवन में सभी ओर अन्धकार दिखाई दे, जीवकोपार्जन कठिन हो जाए , शत्रु अत्यधिक परेशान करें, आत्मसम्मान की रक्षा न हो पाए और समाज में अनेक बार अपमान सहना पड़े तो मात्र एक उपाय आपकी सभी समस्याओं का अंत कर सकता है और वो है आदित्यहृदय स्तोत्र…