सुचिन्द्रम मंदिर (Suchindram Temple In Hindi) Brahma, Vishnu and Mahesh combined in 1 linga

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सुचिन्द्रम मंदिर कन्याकुमारी (Suchindram Temple In Hindi)

Thanumalayan Temple-Suchindram Temple in hindi: दक्षिण भारत में तमिलनाडु राज्य में कन्याकुमारी नगर में स्थित सुचिन्द्रम मंदिर (Suchindram Temple) एक ऐसा मंदिर है  जहां हिन्दू  धर्म में त्रिदेव के रूप पूजे जाने वाले अर्थात ब्रह्मा, विष्णु व महेश को संयुक्त रूप से लिंग रूप में पूजा जाता है।

सुचिन्द्रम मंदिर को स्तानुमलायण मंदिर भी कहते हैं ,यहाँ भगवान ब्रह्मा “आयन”, भगवान विष्णु “मल भगवान, शिव “स्तानु” के रूप में विराजमान है,  तीनों भगवानों ब्रह्मा, विष्णु व महेश को एक साथ दर्शन देने वाला ये मंदिर भारत ही नहीं बल्कि पूरे संसार मे प्रसिद्ध है।

सुचिन्द्रम मंदिर का इतिहास

(Suchindram Temple History In Hindi)

सुचिन्द्रम मंदिर के इतिहास से कुछ कथाएँ जुड़ी हैं जैसे एक कथा के अनुसार  सुचिन्द्रम मंदिर के इतिहास इंद्र का गौतम ऋषि के श्राप से मुक्त होने की घटना से जुड़ा हुआ है , एक बार  देवराज इंद्र ने गौतम ऋषि की पत्नी माता अहिल्या के साथ छल से दुराचार किया था और ये बात गौतम ऋषि को पता चल गयी तब गौतम ऋषि ने क्रोध मे आकार इंद्र को नपुंसक बनने का श्राप दे दिया । 

नपुंसकता के इस श्राप से मुक्ति पाने के लिए इंद्र ने सुचिन्द्रम मंदिर के इसी स्थल पर दिन रात तपस्या की और गौतम ऋषि के श्राप से मुक्ति पाई  थी इसलिए उस समय से इस मंदिर का नाम सुच्चिन्द्रम भी पड़ गया जिसका अर्थ है  अर्थात इंद्र की शुद्धि ।

जबकि एक दूसरी कथा के अनुसार  जब राजा दक्ष ने भगवान शिव के विषय में सती के सामने अपमानजनक बातें कही और भगवान शिव का अपमान कर दिया, सती अपने पति के विषय में अपमानजनक बातें सुन ना सकी और अपने पिता के द्वारा आयोजित किये गए यज्ञ कुंड में आत्म-दाह कर लिया ।  इसके बाद दुखी होकर माता सती के शरीर को अपने सिर पर धारण कर शिव तांडव नृत्य करने लगे ।

पृथ्वी समेत तीनों लोकों को व्याकुल देख कर भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के 51 टुकड़े कर दिए जो पृथ्वी पर अलग-अलग स्थानों पर गिरे। शरीर के 51 टुकड़ों मे माता सती के ऊपरी दांत सुचिन्द्रम मंदिर के पास गिरे थे। तब से यह माता के 51 शक्तिपीठों में गिना जाता है 

सुचिन्द्रम मंदिर की सरंचना

(Suchindram Temple or Thanumalayan Temple Architecture)

मंदिर का निर्माण मुख्य रूप से 9वीं शताब्दी में हुआ था और बाद मे इसका पुनः निर्माण 17वीं शताब्दी में हुआ और तब इसे अधिक विशाल  व सुसज्जित बना दिया गया । मंदिर की स्थापत्य कला व मूर्तियाँ अत्यधिक प्राचीन हैं । 17वीं शताब्दी तक यह मंदिर वहां के शासक नम्बूदरी के अधीन था। 17वीं शताब्दी में मंदिर को एक नया रूप प्रदान किया गया।

यह मंदिर बहुत बड़ा है और इस मंदिर के गोपुरम दूर से दिखाई देते हैं । मंदिर मे 30 छोटे मंदिर हैं। मंदिर के अंदर भगवान शिव, विष्णु, ब्रह्मा, नंदी, हनुमान जी की मूर्तियाँ स्थापित हैं जिसमे भगवान विष्णु की प्रतिमा अष्टधातु की बनी हुई है ।

पास मे गणेश जी का मंदिर है और सामने ही नवग्रह मंडप है जिसमे नौ ग्रहों की प्रतिमाएं स्थापित हैं। मंदिर के निकट ही एक सुंदर सरोवर है जिसके बीच मे एक छोटा-सा मंडप बना हुआ है।

सुचिन्द्रम मंदिर मंदिर का गोपुरम (Thanumalayan Temple Gopuram)

Thanumalayan Temple Gopuram

थानुमलायन मंदिर को अद्भुत भव्यता प्रदान करता हुआ 134 फुट ऊंचा सप्तसोपान गोपुरम है। इस गोपुरम के उपर अनेकों आकर्षक मूर्तियां बनाई गयी  है।  इसके साथ ही वृक्ष,उपवन, गलियारें आदि के दृश्य इस स्थान कि शोभा बढ़ा देते हैं।

सुचिन्द्रम मंदिर (Suchindram Temple) के चार मुख्य स्तंभ (Suchindram Musical Pillars)

अलंगर मंडप में यहाँ चार मुख्य स्तंभ हैं जो एक ही चट्टान के पत्थरों के बने  हुए हैं। एक ही चट्टान से बने होने पर भी इन चारो में से विभिन्न वाद्य यंत्रो  जैसे सितार, मृदंग, जलतरंग व तंबूरे के संगीत की ध्वनि निकलती है । प्राचीन समय में इन्ही से मंदिर में पूजा अर्चना व आरती की जाती थी।

नृत्य मंडप या नृत्य कक्ष

यहाँ 1035 ऐसे स्तंभ हैं जिनसे विभिन्न प्रकार की ध्वनियाँ निकलती हैं ये उन 4 चार मुख्य स्तंभों के अतिरिक्त हैं । इस कक्ष को नृत्य मंडप या नृत्य कक्ष के नाम से जाना जाता है।

महासदाशिवम भगवान शिवजी (Mahasadashivam Suchindram Mandir )

यहाँ 25 मुख, 75 आँखे व 50 हाथ वाले भगवान शिव की अति-प्राचीन मूर्ति है । भगवान शिव के इस रूप का नाम महासदाशिवम है नाम  है। 

भगवान हनुमान की की विशाल मूर्ति

मंदिर प्रवेश के दाई ओर सीता-राम की प्रतिमा स्थापित हैऔर पास ही पवन पुत्र हनुमान जी की एक 22 फुट ऊंची प्रतिमा भी स्थापित है।कहा जाता है कि हनुमान जी अशोक वाटिका में सीता जी के सामने इसी विशाल रूप में प्रकट हुए और उन्हे श्रीराम की मुद्रिका दिखाई थी। इसे एक ही ग्रेनाइट के पत्थर को काटकर बनाया गया है। लोगों के अनुसार भगवान हनुमान ने माता सीता को अशोक वाटिका में इसी रूप में दर्शन दिए थे 

शिव परिवार के नंदी की विशाल प्रतिमा

मंदिर में यहाँ भगवान शिव परिवार के सदस्य शिव के वाहन नंदी की  800 वर्ष एक विशाल प्रतिमा लगी हुई है। ये नंदी की मूर्ति 13 फुट ऊंची और 21 फुट लंबी है  

दो हज़ार वर्ष पुराना कोनायाडी वृक्ष

यहाँ पर एक से दो हज़ार वर्ष पुराना एक वृक्ष भी है जिसका तना अंदर से खोखला है। इसे वहां की स्थानीय भाषा में कोनायाडी वृक्ष के नाम से जाना जाता है। इसी वृक्ष के तने में त्रिमूर्ति स्थापित है।

सुचिन्द्रम मंदिर (Suchindram Temple) के  खुलने व बंद होने का समय

(Suchindram Temple Darshan Timings In Hindi)

थानुमलायन मंदिर या सुचिन्द्रम मंदिर प्रातः 4:30 बजे खुल जाता है और दोपहर 1 बजे बंद कर दिया जाता है। 

संध्या में 4 बजे  खुलता है और पूजा के पश्चात रात्रि 8 बजे बंद हो जाता है।

सुचिन्द्रम मंदिर (Suchindram Temple) जाने का सबसे अच्छा समय 

best time to visit suchindram temple

सुचिन्द्रम मंदिर का मौसम पूरे वर्ष भर अच्छा रहता है। चूंकि मंदिर तट के पास है इसलिए मार्च से मई के गर्मियों के महीनों के समय मे आर्द्रता (humidity) का अनुभव होता है। सर्दियों के महीने में हल्का तापमान होता है जोकि यहाँ आने के लिए सही समय है। यदि आप इस स्थान की हरियाली का आनंद लेना चाहते हैं तो जुलाई और अगस्त के महीने ऐसे होते हैं जब भारी वर्षा से यहाँ बहुत ही मनोहारी वातावरण हो जाता है 

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सुचिन्द्रम मंदिर कैसे पहुंचे How to reach Suchindram Temple

सुचिन्द्रम मंदिर देश के प्रसिद्ध नगर कन्याकुमारी मे स्थित है इसलिए यहाँ वायुमार्ग , रेलमार्ग और सड़क मार्ग से सरलता से पहुंचा जा सकता है 

वायुयान से सुचिन्द्रम मंदिर कैसे पहुंचे

How to reach Suchindram Temple by flight 

सुचिन्द्रम मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा थिरुवनंतपुरम या त्रिवेंद्रम हवाई अड्डा Trivandrum International Airport (IATA: TRV, ICAO: VOTV) है जोकि international airport  है , ये मंदिर से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।  त्रिवेंद्रम हवाई अड्डा पर आने के बाद आप मंदिर बस या निजी वाहन से जा सकते हैं।

रेलगाड़ी से सुचिन्द्रम मंदिर कैसे पहुंचे

How to reach Suchindram Temple by Train  

सुचिन्द्रम मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन कन्याकुमारी रेलवे स्टेशन( kanyakumari railway station – station code: CAPE) है जिसे पहले Cape Comorin railway station कहा जाता था, ये मंदिर से लगभग 13 किलोमीटर दूर स्थित है। कन्याकुमारी रेलवे स्टेशन पर आने के बाद आप मंदिर बस या निजी वाहन से जा सकते हैं।

विभिन्न ट्रेनों में रिजर्वेशन की स्थिति जानने के लिए यहाँ click करें 

click करे : – IRCTC 

सड़कमार्ग से सुचिन्द्रम मंदिर कैसे पहुंचे

How to reach Suchindram Temple by Road 

सुचिन्द्रम तक पहुँचने के लिए कन्याकुमारी, बंगलौर, चेन्नई के साथ ही त्रिवेन्द्रम से भी बस ली जा सकती है , इसके लिए आप निजी बसों के साथ-साथ सरकारी बस सेवाएं भी ले सकते हैं ,  केरल व तमिलनाडु राज्य मे सरकारी बसे बहुत ही उचित किराए पर नियमित रूप से चलाते हैं।

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