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yamunotri (यमुनोत्री धाम-छोटा चार धाम में प्रथम धाम)-Know 9 facts of first chota char dham
yamunotri ( यमुनोत्री ) : हिन्दू धर्म में चार धाम (char dham ) यात्रा का बहुत ही महत्व है | पहली चार धाम यात्रा में हम बद्रीनाथ ,द्वारिका ,रामेश्वरम और जगन्नाथपुरी धाम जाते है | इस चार धाम यात्रा में समय और धन दोनों ही अधिक लगते है किन्तु यदि किसी कारणवश आप इन चार धाम की यात्रा नही कर सकते है तो आपके पास छोटा चार धाम (char dham ) यात्रा का विकल्प भी है जिसमे यमुनोत्री , गंगोत्री , केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा की जाती है |
बद्रीनाथ,केदारनाथ,गंगोत्री धाम का वर्णन हम पहले ही कर चुके है और इस लेख में हम जानेंगे यमुनोत्री धाम के बारे में|
यमुनोत्री धाम हिमालय पर्वत में स्थित उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जनपद में उत्तरकाशी से 30 किमी उत्तर में समुद्र तल से 3,293 मीटर यानी 10,804 फीट ) की ऊँचाई पर स्थित है और यमुनोत्री धाम से मात्र 1 किमी दूर कालिंद पर्वत पर चंपासार हिमखंड और एक बर्फीली झील है जोकि यमुना जी का वास्तविक उद्गम स्थल है |
यह स्थान समुद्र तल से 4421 मीटर ऊंचाई पर स्थित है और यहाँ जाना अत्यधिक कठिन है इसलिए इस मनोरम स्थान पर कोई नही जाता है और 1 किमी पहले ही बने इस यमुनोत्री धाम पर ही भक्तजन माँ यमुना के दर्शन करते है |
हिन्दू धर्म में जिस प्रकार माँ गंगा पूजनिये है उसी प्रकार प्रभु श्रीहरिविष्णु के अंशावतार प्रभु श्रीकृष्ण की पत्नी और यमराज और शनिदेव की बहन , सूर्यदेव की पुत्री भी पूजनिये है | यमुनाजी यमराज की बहन है इसीलिए इनको यमी भी कहा जाता है है | यमुना जी को तरणितनूजा, अर्कजा, रवितनया, भानुजा, तरणिजा, सूर्यसुता इतियादी के नामों से भी जाना जाता है |
ऐसी मान्यता है कि मथुरा में दीपावली पर्व के बाद पड़ने वाली भैय्या दूज वाले दिन जो भाई बहन यमुना जी में स्नान करते है उन्हें मृत्यु पश्चात् यमराज से मिलने वाला दंड नही भोगना पड़ता है साथ ही जन्म मरण के बंधन से मुक्ति प्राप्त होती है और जीवन के कष्ट दूर होते है |
जिस प्रकार गंगोत्री से गंगा जी का प्रवाह प्रारंभ होता है उसी प्रकार यमुनोत्री यमुना जी का स्रोत है और गंगोत्री जितना ही पवित्र और महत्वपूर्ण हिन्दू तीर्थस्थल है |
यमुनोत्री धाम का वर्णन हिन्दु धर्म ग्रंथों जैसे कूर्मपुराण, केदारखण्ड, ऋग्वेद, ब्रह्मांड पुराण जैसे वेद-पुराणों ,में भी किया गया हैब्रह्मांड पुराण में यमुनोत्री को ‘‘यमुना प्रभव’’ तीर्थ कहा गया है और ये धाम वो ही स्थान है जहाँ असित मुनि का आश्रम था |
यहाँ पास ही खरसाली गाँव में यमुना के भाई शनिदेव का अत्यंत प्राचीनतम मंदिर है | कहते है की यमुनोत्री धाम के साथ खरसाली स्थित शनिदेव के दर्शन से समस्त कष्ट दूर हो जाते है|
यमुनोत्री मंदिर दर्शन समय
Yamunotri temple visit time
चूँकि यमुनोत्री भी गंगोत्री जैसे हिमालय पर्वत से निकलीं है, इसलिए यहाँ वर्ष भर ठंडा मौसम ही रहता है और ठन्डे मौसम को ध्यान में रखते हुए यमुनोत्री मंदिर के कपाट बैशाख माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर खुलते हैं और दीपावली पर्व के दूसरे दिन यानि यम द्वितीय के दिन बंद हो जाते हैं।
यमुनोत्री धाम का इतिहास
(HISTORY OF YAMUNOTRI DHAM)
छोटा चार धाम (char dham ) के पहले धाम के रूप में यमुनोत्री धाम पर स्थित मंदिर का टिहरी गढ़वाल के महाराजा प्रतापशाह ने करवाया था | भूकंप आने से एक बार ये मंदिर ध्वस्त भी हो चुका है यमुनोत्री का वर्तमान मंदिर जयपुर की महारानी गुलेरिया ने बनवाया था।
मंदिर के माँ यमुना की काले संगमरमर की मूर्ति स्थापित जहाँ यमुना जी की विधि विधान से पूजा होती है | यमुनोत्री मंदिर में तीर्थयात्री अपने पूर्वजों के पिंड दान की भी पूजा कराते है |
यमुना का पौराणिक महत्व
Mythological significance of yamuna
महाभारत के समय जब पाण्डव उत्तराखंड की धरती पर आए थे तो वे यमुनोत्री , गंगोत्री होते हुए केदारनाथ-बद्रीनाथजी की ओर गए थे, तभी से उत्तराखंड में स्थित इन धामों को भी चार धाम (char dham ) की यात्रा की मान्यता प्राप्त है।
सूर्य कुंड
surya kund yamunotri
सूर्य कुंड यमुनोत्री मंदिर के पास स्थित गर्म पानी का पवित्र कुंड है | सूर्यदेव को माँ यमुना का पिता माना गया है इसलिए इस कुंड का बहुत ही महत्व है | हिमालय की बर्फीली चोटियों के बीच 88 ° C के तापमान में यहाँ गर्म जल का कुंड है |
अनेक तीर्थयात्री इस कुंड में चावल और आलू को कपडे में बांधकर इस कुंड में डुबा देते है और थोड़े ही समय में ये चावल आलू उबल जाते है | इसके बाद इन उबले चावल आलू को प्रसाद के रूप में मंदिर में चढाते है और अपने घर ले जाते है |
यमुनोत्री धाम जाने का सबसे अच्छा समय
best time to visit yamunotri
( yamunotri weather ) गंगोत्री के समान ही यहाँ भी अत्यधिक ठण्ड पड़ती है इसलिए यहाँ भी आप अप्रैल माह से जून माह और फिर बरसात के मौसम के बाद सितम्बर से अक्टूबर-नवम्बर माह तक आ सकते है |
yamunotri temperature
(maximum temperature at yamunotri is 20 degree celsius )
(minimum temperature at yamunotri is below zero degree celsius )
गर्मियों में यहाँ का तापमान 6 से 20 डिग्री सेल्सियस और ठण्ड के समय शुन्य डिग्री सेल्सियस के आस पास रहता है|
यमुनोत्री कैसे जाएँ
How to reach yamunotri
यमुनोत्री – चार धाम (char dham ) चूँकि हिमालय पर्वत श्रृखंला पर स्थित है इसलिए निकट में कोई भी हवाई अड्डा या रेलवे स्टेशन नही है लेकिन सड़कमार्ग से यमुनोत्री सरलता से पहुंचा जा सकता है |
yamunotri yatra by foot
यमुनोत्री पहुँचने में पूरा एक दिन का समय लग जाता है। यदि हनुमान चट्टी से आ रहे है तो 6 किलोमीटर का ट्रेक और जानकी चट्टी से आ रहे है तो 4 किलोमीटर का पैदल चलना ही होता है। चूँकि ये यात्रा उबड़ खाबड़ रास्तो से होकर की जाती है इसलिए आप चाहे तो किराये पर घोडें या पालकी भी ले सकते है ।
वायुमार्ग से यमुनोत्री कैसे जाएँ
How to reach yamunotri by flight
देहरादून में स्थित जॉली ग्रांट एअरपोर्ट,देहरादून ( Jolly Grant Airport (IATA: DED, ICAO: VIDN) यमुनोत्री का निकटतम हवाई अड्डा है जो लगभग 210 किलोमीटर की दूर स्थित है। जॉली ग्रांट हवाई अड्डे पर दिल्ली से नियमित उड़ान (flights) आती है । जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से हनुमान चट्टी के लिए टैक्सी उपलब्ध हैं| यमुनोत्री तक पहुँचने में पूरा एक दिन का समय लगता है।
जिसमे हनुमान चट्टी से 6 किलोमीटर का ट्रेक और जानकी चट्टी से 4 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। चूँकि ये यात्रा उबड़ खाबड़ रास्तो से होकर की जाती है इसलिए आप चाहे तो किराये पर घोडें या पालकी भी ले सकते है ।
रेलगाड़ी से यमुनोत्री कैसे जाएँ
How to reach yamunotri by train
यमुनोत्री के निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन (Rishikesh railway station code –RKSH ) और देहरादून रेलवे स्टेशन (Dehradun railway station code -DDN.) हैं। यमुनोत्री से देहरादून रेलवे स्टेशन 175 किलोमीटर और ऋषिकेश रेलवे स्टेशन 200 किलोमीटर दूर स्थित है। जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से हनुमान चट्टी के लिए टैक्सी उपलब्ध हैं| हनुमान चट्टी ऋषिकेश और देहरादून के साथ सड़कमार्ग से भलीभांति से जुड़ा हुआ है।
सड़कमार्ग से यमुनोत्री कैसे जाएँ
How to reach yamunotri by road
यमुनोत्री तक आप सीधे वाहन से नही जा सकते है , यमुनोत्री जाने के लिए , हनुमान चट्टी से ट्रेक शुरू होता है। हनुमान चट्टी उत्तराखंड राज्य के प्रमुख स्थलों के साथ सड़कमार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
उत्तराखंड की यात्रा मे आप सरकारी बस सेवा ( उत्तराखंड परिवहन निगम ) और प्राइवेट बस ,टैक्सी इतियादी का प्रयोग कर सकते हैं |
ये वाहन आपको दिल्ली,ऋषिकेश,हरिद्वार,चंडीगढ़,देहरादून,पंजाब,हरयाणा इतियादी से सरलता से मिल जायेंगे | सरकारी बस सेवा में online ticket बुक करने के लिए
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