उच्च का ग्रह नीच का ग्रह exalted planet and debilitated planet

कैसे पहचाने उच्च का ग्रह और नीच का ग्रह How to identify exalted planet and debilitated planet

कैसे पहचाने उच्च का ग्रह और नीच का ग्रह How to identify exalted planet and debilitated planet

मित्रों हमारी कुंडली में ग्रह अपनी राशि के अनुसार सभी ग्रह , उच्च का ग्रह या नीच का ग्रह कहलाते हैं और ग्रह की जैसी स्थिति होती है उसके अनुसार ही वह व्यक्ति को फल देता है । ग्रह उच्च के और नीच के तो होते ही हैं इसके साथ ही ग्रह यदि अपनी राशि में बैठे हो तो स्वराशि कहलाते हैं।  अब कौन सा ग्रह कब उच्च का होता है और कब ग्रह नीच का होता है।

उच्च का ग्रह नीच का ग्रह exalted planet and debilitated planet

इसे समझने के लिए आइए इस लेख को पढ़ते हैं

कैसे पहचाने उच्च का ग्रह

How to identify exalted planet

जातक की जन्म कुंडली में जिस राशि के जितने अंश गत हो चुके हों, उसके अनुसार विभिन्न ग्रह उच्च तथा नीच स्थिति को प्राप्त करते हैं। ग्रहों की उच्च स्थिति नीचे लिखे लेख के अनुसार समझना चाहिए:

1:- सूर्य  मेष राशि के 10 अंश पर उच्च का माना जाता है।

2:- चंद्र-वृष राशि के 3 अंश पर उच्च का माना जाता है।

3:- मंगल-मकर राशि के 28 अंश पर उच्च का माना जाता है।

4:- बुध  कन्या राशि के 15 अंश पर उच्च का माना जाता है।

5:- गुरु  कर्क राशि के अंश पर उच्च का माना जाता है।

6:- शुक्र मीन राशि के 27 अंश पर उच्च का माना जाता है।

7:- शनि तुला राशि के 20 अंश पर उच्च का माना जाता है।

राहु तथा केतु चूंकि छाया ग्रह हैं और जिस राशि मे बैठे होते हैं उस राशि के गुण लेकर व्यक्ति को फल देते हैं जिसमे  अतः विभिन्न विद्वानों के अनुसार मिथुन राशि के 15 अंश पर राहु उच्च का माना जाता है लेकिन कुछ विद्वानो के नुसार वृष राशि में राहु उच्च का माना जाता है। इसी प्रकार कुछ विद्वानों के अनुसार धनु राशि के 15 अंश पर केतु उच्च का माना जाता है लेकिन कुछ विद्वानो के अनुसार वृश्चिक राशि में केतु उच्च का माना जाता है।

नवग्रह शांति (Navagrah Shanti) Astrological Remmedies

कैसे पहचाने नीच का ग्रह

How to identify debilitated planet

प्रत्येक ग्रह को जिस राशि के जितने अंशों पर उच्च का बताया गया है , उससे सातवीं राशि के उतने ही अंशों पर वह नीच का माना जाता है है। ग्रहों की उच्च स्थिति नीचे लिखे लेख के अनुसार समझना चाहिए:

1:- सूर्य – तुला राशि के 10 अंश पर नीच का होता है।

2:- चन्द्र – वृश्चिक राशि के 3 अंश पर नीच का होता है।

3:- मंगल- कर्क राशि के 28 अंश पर नीच का होता है।

4:- बुध- मीन राशि के 15 अंश पर नीच का होता है।

5:- गुरु- मकर राशि के 5 अंश पर नीच का होता है।

6:- शुक्र- कन्या राशि के 27 अंश पर नीच का होता है।

7:- शनि-मेष राशि के 20 अंश पर नीच का होता है।

राहु तथा केतु चूंकि छाया ग्रह हैं और जिस राशि मे बैठे होते हैं उस राशि के गुण लेकर व्यक्ति को फल देते हैं जिसमे  अतः विभिन्न विद्वानों के अनुसार धनु राशि के 15 अंश पर राहु नीच का माना जाता है लेकिन कुछ विद्वानो के नुसार वृश्चिक राशि में राहु नीच का माना जाता है। इसी प्रकार कुछ विद्वानों के अनुसार मिथुन राशि के 15 अंश पर केतु नीच का माना जाता है लेकिन कुछ विद्वानो के अनुसार वृष राशि में केतु नीच का माना जाता है।

निष्कर्ष : 

साथियों हम आशा करते है कि ये पोस्ट “कैसे पहचाने उच्च का ग्रह और नीच का ग्रह How to identify exalted planet and debilitated planet” आपको अच्छी लगी होगी , आपकी अपनी वेबसाईट  maihindu.com मे कुछ और सुधार लाने के लिए आपके सुझाव सादर आमंत्रित है ।

कुंडली विश्लेषण के लिए हमारे WhatsApp number 8533087800 पर संपर्क कर सकते हैं

अब यदि कोई ग्रह ख़राब फल दे रहा हो , कुपित हो या निर्बल हो तो उस ग्रह के मंत्रों का जाप , रत्न आदि धारण करने चाहिए , यदि कोई उपाय कर रहें हों तो वो निरंतर और लंबे समय तक करने चाहिए जबकि उपाय करने वाले लोग शीघ्र ही उपाय छोड़ देते है और सफलता के निकट पहुचकर उपाय बदल देते है या उपाय बताने वाले को बदल देते है और दूसरा उपाय  शून्य से आरंभ करते है।

अपना ज्योतिषीय ज्ञान वर्धन के लिए हमारा ज्योतिष ग्रुप के साथ जुड़े , नीचे दिए link पर click करें

श्री गणेश ज्योतिष समाधान 

ये भी पढे : 12 राशियों के अनुसार बिजनेस में लाभ प्राप्ति के उपाय profit in business as per zodiac sign

*********************************

ये भी पढ़े :  रोगों से मुक्ति पाने के सरल उपाय 

 

Leave a Comment

error: Content is protected !!
Scroll to Top