kundli me lagnesh: कुंडली मे लग्नेश की विभिन्न भावों मे स्थिति lagnesh in 12 different houses

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kundli me lagnesh: कुंडली मे लग्नेश की विभिन्न भावों मे स्थिति lagnesh in 12 different houses

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कुंडली मे लग्नेश की विभिन्न भावों मे स्थिति

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1) प्रथम भाव अर्थात् लग्न का स्वामी लग्नेश यदि लग्न अर्थात् प्रथम भाव में हो बैठा हो, तो व्यक्ति दीर्घायु, स्वस्थ, नीरोग, अत्यंत बलवान, राजा अथवा भूमि का स्वामी होता हैं।

2) प्रथम भाव का स्वामी लग्नेश यदि 2nd भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति स्थूल शरीर वाला, बलवान, दीर्घजीवी, धनवान, अत्यंत धर्मात्मा, राजा अथवा भूस्वामी होता है।

3) प्रथम भाव का स्वामी लग्नेश यदि 3rd भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति शूर-वीर, बलवान, श्रेष्ठ मित्रों वाला, दानी, धर्मात्मा तथा अच्छे भाई-बहनों वाला होता है।

4) प्रथम भाव का स्वामी लग्नेश यदि 4th भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति दीर्घायु, माता-पिता का भक्त, पिता द्वारा धन प्राप्त करने वाला, धनी, सुखी तथा राजा का प्रिय होता है।

5) प्रथम भाव का स्वामी लग्नेश यदि 5th भाव में हो, तो व्यक्ति दानी, दीर्घजीवी,धर्मात्मा, यशस्वी, सुखी, धनी, श्रेष्ठ पुत्रों वाला, राजा अथवा राजा के ही समान ऐश्वर्यशाली होता है।

6) प्रथम भाव का स्वामी लग्नेश यदि 6th भाव में हो, तो व्यक्ति स्वस्थ,श्रेष्ठ कर्म करने वाला, भूमि का स्वामी, बलवान, धनी, प्रसिद्धि प्राप्त करने वाला तथा सुखी जीवन व्यतीत करने वाला होता है।

7) प्रथम भाव का स्वामी लग्नेश यदि 7 th भाव में हो, तो व्यक्ति तेजस्वी, परंतु शोकाकुल होता है। उसकी पत्नी अत्यंत सुंदरी, तेजस्विनी तथा सुशील होती है। ऐसे व्यक्ति के गार्हस्थ्य जीवन में कुछ परेशानियां आती रहती हैं।

8) प्रथम भाव का स्वामी लग्नेश यदि 8 th भाव में हो, तो व्यक्ति दीर्घायु, कृपण तथा धन का संचय करने वाला होता है। यदि 8 th भाव में स्थित लग्नेश स्वयं पाप ग्रह हो अथवा किसी पाप ग्रह के साथ बैठा हो, तो व्यक्ति की एक आंख मे दोष आ सकता है। यदि शुभ ग्रह हो अथवा शुभ ग्रह के साथ बैठा हो, तो व्यक्ति सौम्य पुरुष होता है।

9) प्रथम भाव का स्वामी लग्नेश यदि 9 th भाव में हो, तो व्यक्ति सामान्य मित्रों वाला, विद्वान, यशस्वी,अधिक कुटुंब वाला,  तथा सुखी एवं सम्मानित जीवन व्यतीत करने वाला होता है।

10) प्रथम भाव का स्वामी लग्नेश यदि 10 th भाव में हो, तो व्यक्ति राजा द्वारा धन एवं सम्मान का लाभ प्राप्त करने वाला, विद्वान, सुशील, गुरु एवं माता-पिता का भक्त, यशस्वी तथा प्रसिद्ध पुरुष होता है।

11) प्रथम भाव का स्वामी लग्नेश यदि 11 th भाव में हो तो व्यक्ति तेजस्वी, पुत्रवान, बलवान, दीर्घायु,प्रसिद्धि- प्राप्त,  श्रेष्ठ वाहन रखने वाला, धनी तथा सुखी जीवन व्यतीत करने वाला होता है।

13) प्रथम भाव का स्वामी लग्नेश यदि 12 th भाव में हो, तो व्यक्ति पापी, नौच प्रकृति वाला, लोगों के विरुद्ध आचरण करने वाला, विदेशवासी, मानी तथा अधिक व्यय करने वाला होता है।

ग्रहों की उच्च नीच स्वग्रही और मूल त्रिकोण राशि Ucch Neech Swagrahi and Mool Trikona Rashi of planets

निष्कर्ष :

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