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Nag Panchami 2022 Date: नाग पंचमी कब है ? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
Nag Panchami 2022 Date: नाग पंचमी कब है ? : इस वर्ष नागपंचमी का पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी यानि 2 अगस्त 2022 मंगलवार के दिन मनाया जाएगा। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की भगवान शिव के साथ पूरे देश में पूजा की जाती है। इस वर्ष नागपंचमी के दिन बहुत ही शुभ योग बन रहे हैं जिनसे सभी को नाग पंचमी की पूजा का अत्यधिक लाभ मिलेगा ,
ऐसा माना गया है कि भगवान् शिव के साथ नागदेवता की पूजा करने से संकटों से मुक्ति मिलती है। आप चाहे तो नाग पंचमी के दिन घर में स्थित भगवान् शिव के चित्र में या मूर्ती में साथ बैठे नागदेवता की भी पूजा कर सकते है या निकट के मंदिर जाकर भगवान् शिव की मूर्ती के साथ बैठे या शिवलिंग में लिपटे हुए किसी भी धातु के नागदेवता की पूजा भी कर सकते है ,
घर या मंदिर में जाकर की गयी पूजा से एक सामान लाभ ही मिलेगा बस आपको सपेरों के द्वारा घुमाएँ जा रहे सापों को दूध पिलाने से बचना चाहिए क्योंकि सांप मांसाहारी जीव होते हैं इसलिए वो कभी दूध नहीं पीते हैं ।
आपके द्वारा बलपूर्वक पिलाये गए दूध से सांप की मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए ध्यान रखे कि नागपंचमी के दिन भूलकर भी जीवित सांप को कभी न पूजे और न ही दूध चढ़ाएं बल्कि नागदेवता की प्रतिमा की पूजा करें ।
हाँ आप चाहे तो एक दो दूध की बूंदों से सर्पों को स्नान करा सकते और सांप पालने वाले सपेरे को कुछ धन देकर उनकी आर्थिक सहायता कर सकते है , इससे भी आपको पुण्य की प्राप्ति होती है।
Nag Panchami 2022 Date: नाग पंचमी कब है ?
नागपंचमी के दिन बन रहे शुभ योग
इस वर्ष नांगपंचमी के दिन शिवयोग है और मंगलवार भी और हम सब जानते है कि मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है माता पार्वती को प्रिय है। इस प्रकार इस वर्ष की नाग पंचमी के दिन भगवान शिव, माता पार्वती और नाग देवता की एक साथ पूजा हो जाएगी जिससे पूजा का फल कई गुना प्राप्त होगा ।
शिव योग के बाद सिद्ध योग आ जायेगा जो शुभ कार्यों को करने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता , इस दिन संध्या के 6 बजकर 38 मिनट तक शिवयोग रहेगा इसके बाद सिद्धि योग शुरू हो जाएगा । इस दिन रवि योग भी है .
Nag Panchami 2022 Date: नाग पंचमी कब है ?
नाग पंचमी 2022 का शुभ मुहूर्त
नाग पंचमी 2022 तिथि की शुरुआत- 02 अगस्त प्रातः 5 बजकर 13 मिनट से प्रारंभ
नाग पंचमी 2022 तिथि का समापन – 03 अगस्त प्रातः 05 बजकर 41 मिनट पर समापन
नाग पंचमी 2022 पूजा का शुभ मुहूर्त- 02 अगस्त प्रातः 5 बजकर 43 मिनट से प्रारंभ हो प्रातः 8 बजकर 25 मिनट तक है , इस प्रकार मुहूर्त की अवधि 02 घंटे 41 मिनट तक रहेगी
जबकि अमृत काल : प्रातः 09:52 से 11:33 तक रहेगा और अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 12:07 से 12:59 तक रहेगा ।
Nag Panchami 2022 Date: नाग पंचमी कब है ?
नाग पंचमी की पूजा का महत्व :
Nag panchami puja ka mahatva
(नागपंचमी के दिन क्यों की जाती है नागों की पूजा?)
वो लोग जो काल सर्प योग से पीड़ित है या पितृ दोष से प्रभावित है उन सभी लोगों को इस दिन नाग देवता की पूजा अवश्य करनी चाहिए । इससे उन्हें शीघ्र लाभ मिलेगा , ये पूजा उसके लिए भी बहुत आवश्यक जिन्हें सांप के डसने का डर बना रहता है ।
इस दिन नागों की पूजा करने से सांप के डसने का भय दूर होता है और सांपों से रक्षा मिलती है , आज के समय भी बहुत सारे लोग अपने घरो के मुख्य द्वार पर नाग देवता के चिन्ह बनाते है जिनसे उनको घर परिवार पर नागदेवता की कृपा बनी रहती , संसार भर के सपेरों के लिए तो नाग पंचमी एक मुख्य पर्व है।
नागपंचमी के दिन भूलकर भी न करें ये काम
नाग पंचमी के दिन जमीन की खुदाई करना जैसे मकान आदि बनवाने के लिए नीव खुदवाना अशुभ माना गया है। भारत में गाँव में आज भी अनेक किसान नागपंचमी के दिन धरती पर हल नहीं चलाते है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सुई में धागा भी नहीं डालना चाहिए। कुछ लोग वहीं इस दिन आग पर लोहे की कढ़ाही चढ़ाना या तवा रखना भी अशुभ फल देने वाला मानते है ।
नाग पंचमी का पूजन कैसे करें ?
(नाग पंचमी पूजन विधि)
प्रातः उठकर नित्यकर्म से निवृत्त हो साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण कर नाग देवता की मूर्ति का स्वच्छ जल से स्नान करवाये
नाग पंचमी के पूजन की कोई विशेष विधि नही होती है और जिस प्रकार हम भगवान शिव का पूजन करते है ठीक उसी प्रकार नाग देवता की मूर्ती का पूजन कर सकते हैं
नाग देवता की मूर्ति की पूजा के समय हल्दी अवश्य प्रयोग करनी चाहिए। इसके साथ ही रोली, चावल और श्वेत पुष्प चढ़ाकर नाग देवता को मिठाई का भोग लगाना चाहिए और उसके बाद धूप, बत्ती से उनकी आरती करें और बाद में नाग देवता की कथा अवश्य पढ़ें।
और संभव हो तो उनके मंत्रो की एक माला का जाप करें
नाग देवता के मंत्र
1. सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले.
ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः॥
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः.
ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः॥
2. अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्.
शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्.
सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः.
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥
नाग देवता के विभिन्न नाम
नाग देवता के विभिन्न नाम इस प्रकार हैं:-
- अनन्त,
- वासुकि,
- शेष,
- पद्म,
- कम्बल,
- कर्कोटक,
- अश्वतर,
- धृतराष्ट्र,
- शङ्खपाल,
- कालिया,
- तक्षक और
- पिङ्गल
कुछ स्थानों पर लोग नागपंचमी से एक दिन पहले भोजन बना कर रख लेते हैं और नागपंचमी के दिन बासी खाना खाते हैं । इसके साथ ही घर की दीवारों पर नाग देवता की आकृति बना लेते हैं और दधि, कच्चा दूध, कुशा, गंध, अक्षत, पुष्प, दूर्वा, जल, रोली और चावल आदि से पूजन करते हैं और मिष्ठान का भोग लगाते हैं।
अनेक लोग नागों की बांबी के पास कटोरी मे दूध रख कर छोड़ आते हैं लेकिन ऐसा करने से कभी ना आप को दास भी सकता है इसलिए नाग देवता की मूर्ति का पूजन करना ही उचित है ।
नाग पंचमी के दिन किसी सपेरे को पैसे देकर किसी निर्जन स्थान जैसे किसी जंगल मे नाग नागिन के जोड़े को मुक्त करवाने से भी नाग देवता की कृपा प्राप्त होती है
नाग पंचमी के दिन नाग को दूध पिलाने की भी परंपरा है किन्तु वैज्ञानिक दृष्टिकोण से नाग या अन्य कोई साँप दूध नही पीते है और यदि पी ले तो वो दूध उनको पच नही पाता है और ऐसा करने से उनकी मृत्यु तक हो जाती है
Nag Panchami 2022 Date: नाग पंचमी कब है ?
नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है ? / नाग पंचमी की शुरुआत कब हुई
(नाग पंचमी का मेला )
नाग पंचमी पर्व पर वाराणसी में नाग कुआँ नामक स्थान पर एक बड़ा मेला लगता है, ऐसा माना जाता है कि नाग कुआँ नामक स्थान पर गरूड़ जी के भय से तक्षक नाग बालक रूप में संस्कृत की शिक्षा लेने हेतु आये थे किन्तु गरूड़ जी को ये बात पता लग गयी किन्तु गरूड़ जी ने अपने गुरू से प्रभावित हो तक्षक को अभय दान दे दिया और तभी से नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा अर्चना की जाती है इसीलिए जो भी नाग पंचमी के दिन नाग कुआँ आकार पूजा अर्चना करता है,उसे सर्प दोष,कालसर्प दोष आदि कष्टो से मुक्ति मिलती है।
मित्रो maihindu.com की ओर से आप सभी को नाग पंचमी Nag Panchami 2022 पर्व की हार्दिक शुभकामनायें , नाग देवता के पूजन से आप सभी का काल सर्प दोष निवारण हो और आपका जीवन खुशियों से भरा हो ।
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