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panna: पन्ना से जगाए अपना भाग्य, पन्ना की 4 पहचान,इतिहास,रंग आदि wake up your luck with emerald
panna: साथियों आज हम जानेंगे कैसे हम पन्ना से जगाए अपना भाग्य (wake up your luck with emerald) पन्ना को बुध ग्रह का रत्न कहा जाता है यानि इसका स्वामी बुध है। एकदम शुद्ध पन्ने का मिलना कठिन है। एक उच्च कोटी के पन्ने का मूल्य शुद्ध प्राकृतिक माणिक्य और हीरे से भी अधिक होता है।
पन्ना (panna) के विषय मे ये कहा गया है कि इसकी आभा सूर्य के प्रकाश, छाया अथवा मोमबत्ती की क्षीण रोशनी में नष्ट नहीं होती यानि पन्ने की आभा अत्यंत निराली होती है। यदि किसी व्यक्ति की आंखें किसी वस्तु को देखते-देखते थक गई हों तो पन्ने से वे पुनः तरोताजा हो जाती हैं। यह कोमल व नरम रत्न होता है।
विभिन्न भाषाओं में पन्ने के भिन्न-भिन्न नाम हैं संस्कृत में इसे मरकत, गुरुत्मत, हरिन्मणि, पाचि, गुरुडांकित, सोपर्णि, उर्दू-फारसी में जमरुद, हिन्दी में पन्ना और अंग्रेजी में एमेराल्ड कहते हैं। यह लगभग चार हजार वर्ष पूर्व से लोगों के बीच लोकप्रिय है।
रोम साम्राज्य में क्लिओपेट्रा और सिकंदर महान के समय यह मिस्र की खानों में बहुतायत मात्रा में पाया जाता था। पन्ना ग्रेनाइट, पेग्मेटाइट व चूने के पत्थरों के मिश्रण से बनता है। इसकी कठोरता 7.75 है। आपेक्षिक घनत्व 2.69 से 2.80, वर्तनांक 1.57 से 1.58 तथा अपकिरण 0.4 है। एक अच्छा पन्ना पारदर्शक या पारभासक, द्विवर्णित हरा होता है , ये नीला-हरा भी हो सकता है।
आजकल सबसे शुद्ध व श्रेष्ठ पन्ना (panna) कोलम्बिया की खानों में पाया जाता है। कोलम्बिया के बाद द्वितीय स्तर के पन्ने रूस के यूराल पर्वत व ब्राजील में मिलते हैं। इनके अतिरिक्त मित्र, नार्वे, भारत, इटली, आस्ट्रेलिया, अफ्रीका और आस्ट्रिया में भी पन्ने की खानें हैं।
पन्ना की पहचान
emerald purity test
- अच्छा पन्ना चिकना होता है और पारदर्शक होता है। यदि पन्ना को सफेद कपड़े में रखकर थोड़ी ऊंचाई पर रख दिया जाए तो कपड़ा हरे रंग का दिखता है। यह अपने औसत भार से हल्का प्रतीत होता है।
- इसके चारों ओर से किरणें से युक्त आभा निकलती है।अच्छा पन्ना सूर्य के समान स्वतः प्रभाव से उद्दीप्त होता है यानि उसका स्वयं का प्रकाश होता है ।
- अच्छा शुद्ध पन्ना (panna) भारी, आबदार, लोचदार, मृदु, जल की तरह स्वच्छ, पारदर्शक तथा बहुरंगी गुणों से युक्त होता है।
- पन्ने की शुद्धता जांचने के लिए यदि आप पन्ने को पानी भरे गिलास में डाल देंगे तो उसमें से हरी रश्मियां निकलती हैं।
पन्ना का इतिहास
History of Panna-Emerald
पन्ना का इतिहास अत्यंत प्राचीन है अर्थात् चार-साढ़े चार हजार वर्ष पुराना। रत्न विशेषज्ञों व इतिहासकारों के अनुसार-प्राचीनकाल में पन्ना (panna) की खानें अधिकतर मिस्र के ऊपरी भाग में स्थित थीं। ये खानें लाल सागर के समानांतर पश्चिमी किनारे पर स्थित पर्वत श्रृंखलाओं में थीं।
आज से सौ- सवा सौ वर्ष पूर्व एकफ्रांसीसी खोजकर्ता ने इन खानों को ध्वस्त अवस्था में खोज निकाला, जहां खुदाई से सम्बंधित औजार आदि भी मिले। इतिहासकारों व पुरातत्ववेत्ताओं ने अपने अध्ययन में बताया कि ये खानें आज से 4000 या उससे कुछ अधिक पुरानी हैं। रूस के यूराल पर्वत स्थित पन्ना की खानों का पता सन् 1860 में चला था।
दक्षिणी अमेरिका स्थित कोलम्बिया की खानों से उत्तम किस्म के पन्ने तो बहुत पहले ही मिले थे, लेकिन इनका पता सन् 1558 में चला। फिलहाल, कोलम्बिया के खानों से प्रतिवर्ष लगभग 88,000 कैरेट पन्ने निकाले जाते हैं, लेकिन ये प्रायः छोटे व दोषपूर्ण होते हैं।
भारत में ये प्यालों के पन्ने तथा जगत सेठ के पन्ने के नामों से मिलते हैं। उदयपुर का पन्ना गहरे रंग का चुरचुरा होता है। अजमेर के पन्ने में पीलापन अधिक होता है। इसका रंग आकर्षक एवं पानी अच्छा होता है। अमेरिकी खानों का पन्ना पुष्ट होता है। इसका रंग व पानी सर्वोत्तम होता है। कुछ वर्षों पहले कोलम्बिया से एक नए किस्म का पन्ना बाजार में आया है। इसे ‘पिपेची’ कहा जा रहा है।
भारत में यह मुख्यतः दक्षिण महानदी, हिमालय, सोमनदी व गिरनार में पाया जाता है।
पन्ना रत्न के कितने रंग होते हैं
how many colors of emerald gemstone
पन्ना मुख्यत: पांच रंगों का होता है-
- तोते के पंख के रंग जैसा,
- हरे पानी के रंग जैसा,
- सिरस के फूल के रंग जैसा,
- हल्के सेडुल फूल जैसा ,
- मयूर ( मोर ) के पंख जैसा।
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निष्कर्ष :
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