Kundli me chaturtesh कुंडली मे चतुर्थ भाव के स्वामी सुखेश की विभिन्न भावों मे स्थिति 4 th lord in 12 different houses

Kundli me chaturtesh : कुंडली मे चतुर्थ भाव के स्वामी सुखेश की विभिन्न भावों मे स्थिति 4th lord in 12 different houses

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Kundli me Chaturtesh:कुंडली मे चतुर्थ भाव सुखेश की विभिन्न भावों मे स्थिति 4th lord in 12 different houses

kundli me chaturtesh: आज हम कुंडली मे सुखेश की विभिन्न भावों मे स्थिति विषय को समझने का प्रयास करेंगे (4 th lord in 12 different houses ) इससे पहले हम कुंडली में चतुर्थ भाव को समझने का प्रयास करते हैं ,

कुंडली में चतुर्थ भाव को सुख भाव भी कहते हैं क्योंकि यही भाव हमारे आवास , माता , माता से संबंध , वाहन, भूमि , भौतिक संपदा आदि के विषय मे बताता है । यदि चतुर्थ भाव में शुभ ग्रह होते है तो जीवन सुखी और अशुभ ग्रह होने पर जीवन मे कष्ट आते हैं , जीवम मे सुख या दुख को धन के मापदंड से न निर्धारित करें क्योंकि 4th भाव मे अशुभ ग्रह होने पर व्यक्ति धनवान तो हो सकता है किन्तु दुखी अवश्य होगा ,

हाँ यदि उस व्यक्ति के सुख अनैतिक कर्म ही हों तो वो 4th मे अशुभ ग्रह होने पर भी सुखी हो सकता है ।

आइए जानते हैं Kundli me chaturtesh कुंडली मे चतुर्थ भाव के स्वामी सुखेश की विभिन्न भावों मे स्थिति (4 th lord in 12 different houses)

Kundli me chaturtesh कुंडली मे चतुर्थ भाव के स्वामी सुखेश की विभिन्न भावों मे स्थिति 4 th lord in 12 different houses

कुंडली मे चतुर्थ भाव-Kundli me chaturtesh

4 th lord in 12 different houses

1 ) 4 th भाव अर्थात् माता, भूमि एवं सुख स्थान का स्वामी सुखेश अथवा चतुर्थेश यदि लग्न अर्थात् प्रथम भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति पिता से स्नेह रखने वाला, मातृकुल से शत्रुता रखने वाला तथा पिता के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त करने वाला होता है।

2 ) 4 th भाव का स्वामी सुखेश यदि पाप ग्रह हो और द्वितीय भाव में बैठा हो तो व्यक्ति पिता का विरोधी होता है, परंतु यदि शुभ ग्रह हो, तो पिता का पालन करने वाला होता है। और उसके द्वारा उपार्जित धन से पिता को सुख प्राप्त होता है।

3 ) 4 th भाव का स्वामी सुखेश यदि तृतीय भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति माता-पिता को कष्ट देने वाला, अन्य लोगों से भी कलह करने वाला तथा पिता के बंधुओं को हानि पहुंचाने वाला होता है।

4 ) 4 th भाव का स्वामी सुखेश यदि 4 th भाव में ही बैठा हो, तो व्यक्ति भूमि, भवन तथा वाहनों से युक्त, पिता-माता को सुख देने वाला, धर्मात्मा, सुखी, धनी तथा प्रसिद्ध पुरुष होता है।

5 ) 4 th भाव का स्वामी सुखेश यदि पंचम भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति पिता द्वारा सुख प्राप्त करने वाला, दीर्घजीवी, शुभकर्म करने वाला, यशस्वी, संततिवान एवं पुत्रों को सुख देने वाला होता है।

6 ) 4 th भाव का स्वामी सुखेश यदि षष्ठ भाव में बैठा हो और वह पाप ग्रह हो, तो व्यक्ति हृदय रोगी , माता को कष्ट देने वाला , वीर माता वाला , अपनी संपति नष्ट करने वाला होता है ।

7 ) 4 th भाव का स्वामी सुखेश यदि सप्तम भाव में बैठा हो और वह पाप ग्रह हो, तो व्यक्ति की पत्नी उसके पिता की सेवा नहीं करती। परंतु यदि सुखेश शुभ ग्रह हो, तो वह सास श्वसुर की सेवा करने वाली होती है। यदि मंगल अथवा शुक्र  चतुर्थेश होकर सप्तम भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति की पत्नी विविध कलाओं की जानकार होती है।

8 ) 4 th भाव का स्वामी सुखेश यदि अष्टम भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति क्रूर स्व भाव वाला, रोगी अथवा दरिद्र, कुकर्म करने वाला तथा निरंतर मृत्यु की इच्छा रखने वाला होता है।

9 ) 4 th भाव का स्वामी सुखेश यदि नवम भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति पिता से अलग रहने वाला, सब विद्याओं का जानकर, कुल-धर्म का पालन करने वाला तथा पिता की अपेक्षा न रखने वाला होता है।

10 ) 4 th भाव का स्वामी सुखेश यदि दशम भाव में बैठा हो और वह पाप ग्रह हो तो उसकी माता क्रूर स्वाभाव वाली होती है लेकिन उसके पास अच्छी property होती है और यदि शुभ ग्रह हो तो उसकी माता सौम्य स्वाभाव वाली होती है , ऐसा व्यक्ति बहुत अच्छे हृदया का होता है ।

1 1 ) 4 th भाव का स्वामी सुखेश यदि एकादश भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति property और जनता से लाभ पाने वाला , सत्कर्म करने वाला, धर्मात्मा, स्वस्थ होता है।

1 2 ) 4 th भाव का स्वामी सुखेश यदि द्वादश भाव में हो, तो व्यक्ति परदेश में रहने वाला होता है और अपनी property विक्रय कर जीवन यापन करने वाला , माता से लाभ प्राप्त करने वाला होता है ।

ग्रहों की उच्च नीच स्वग्रही और मूल त्रिकोण राशि Ucch Neech Swagrahi and Mool Trikona Rashi of planets

निष्कर्ष :

साथियों हम आशा करते है कि ये पोस्ट “Kundli me chaturtesh : कुंडली मे चतुर्थ भाव के स्वामी सुखेश की विभिन्न भावों मे स्थिति 4 th lord in 12 different houses” आपको अच्छी लगी होगी ,

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