महालक्ष्मी स्तोत्र (mahalakshmi stotram ) की रचना का रहस्य ये है कि एक बार देव ऋषि दुर्वासा के श्राप के कारण इंद्रदेव श्रीहीन अर्थात दरिद्र हो गए थे।

तब देवराज इंद्र ने माता लक्ष्मी को मनाने के लिए उनकी प्रार्थना कि और इस प्रार्थना के लिए महालक्ष्मी स्तोत्र की रचना की,इस प्रकार माता महालक्ष्मी ने इस महालक्ष्मी स्तोत्र से प्रसन्न हो इंद्रदेव पर कृपा की ।

जबकि एक अन्य कथा के अनुसार एक बार देव गुरू ‘बृहस्पति’  इंद्र देव से किसी बात पर रूष्ट होकर स्वर्गलोक छोड़कर चले गए थे और तब असुरों ने उस अवसर का लाभ उठा स्वर्गलोक पर आक्रमण कर दिया जिसमे देवता पराजित हुए और असुरों ने स्वर्गलोक को अपने अधिकार मे ले लिया।

तब इंद्रदेव अपनी रक्षा के लिए स्वर्गलोक एक सरोवर के भीतर कमल’ की कली के अंदर अपने आप को छुपा लिया था और वहीं बैठ वे माता लक्ष्मी की एक स्तुति करने लगे और उसी स्तुति को आज हम महालक्ष्मी स्तोत्र (mahalakshmi stotram ) के नाम से जानते हैं ।

महालक्ष्मी स्तोत्र में आठ श्लोक होते हैं और 8 श्लोकों से युक्त होने के कारण ही इस स्तुति को ‘महालक्ष्यमष्टक स्तोत्र’ भी कहा जाता है ।

महालक्ष्मी स्तोत्र की स्तुति अथवा स्तोत्र के पाठ से ही इंद्रदेव की दरिद्रता दूर हुई और उन्हे उनका ऐश्वर्य पुन: प्राप्त हुआ । महालक्ष्मी स्तोत्र की इस स्तुति से किसी भी प्रकार की दरिद्रता का नाश होता है

महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करते समय स्नानादी से निवर्त हो स्वच्छ वस्त्र धारण कर माता महालक्ष्मी जी के चित्र अथवा छोटी मूर्ति के सामने शुद्ध घी का दीपक प्रज्जवलित करना चाहिये और तब स्वच्छ वस्त्र के आसन पर बैठकर इस महालक्ष्मी स्तोत्र पाठ करना चाहिए ।

ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति नित्य एक बार भी  महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ कर लेता है, उसकी कैसी भी दरिद्रता और पाप नष्ट हो जाते हैं। निरंतर महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ किसी भी व्यक्ति हमारे जीवन में सभी प्रकार की धन वैभव ऐश्चर्य संपदा सुख समृद्धि  संपत्ति आदि गुणों की प्राप्ति होती है

महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ शुक्रवार के दिन से प्रारम्भ करना चाहिए और इसे आरंभ करते समय शुभ समय का भी ध्यान रखना चाहिए 

महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ नित्य करने से सभी प्रकार की दरिद्रता अथवा आर्थिक संकट दूर हो जाते हैं और जीवन मे वैभव ऐश्चर्य संपदा सुख समृद्धि संगीत अच्छा वाहन ऐश्वर्यादि की प्राप्ति होती है 
महालक्ष्मी स्तोत्र mahalakshmi stotram

महालक्ष्मी स्तोत्र (mahalakshmi stotram)