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Vaishno devi templeवैष्णो देवी मंदिर,अर्धकुंवारी,सांझीछत,भैरो मंदिर कहां है,खाने रुकने की व्यवस्था A 2 Z complete tour guide
वैष्णो देवी मंदिर Vaishno devi temple
Vaishno devi temple वैष्णो देवी मंदिर : वैष्णो देवी को माता रानी का वैष्णवी रूप हैं और आदिशक्ति जगदम्बा देवी दुर्गा का अवतार हैं और आज त्रिकुटा की पहाड़ियों पर स्थित एक गुफा में पिंडी के रूप में विराजित हैं, इस गुफा में माता वैष्णो देवी 3 पिंडियों के रूप में हैं जिसमे देवी माँ काली (दाएं),माँ लक्ष्मी (मध्य) और माँ सरस्वती (बाएं) पिण्डी के रूप में गुफा में विराजित हैं
माता वैष्णो देवी जिस पवित्र गुफा(Vaishno devi temple) में विराजित है उसकी लंबाई 98 फीट है और इस गुफा में एक बड़ा सा चबूतरा बना हुआ है जिसके ऊपर माता का आसन है जहां देवी त्रिकुटा 3 पिंडियों के रूप में हैं विराजमान हैं।
कुछ लोगों के अनुसार माता वैष्णो देवी इन तीन पिण्डियों के सम्मिलित रूप में हैं जबकि कुछ के अनुसार माता लक्ष्मी का रूप ही माता वैष्णो देवी है क्योंकि माता का दूसरा नाम वैष्णवी है अर्थात प्रभु श्री हरी विष्णु की पत्नी वैष्णवी यानि माता वैष्णो देवी
वैष्णो देवी मंदिर कहां है
Where is Vaishno Devi Temple
भारत के उत्तरी राज्य जम्मू और कश्मीर के जम्मू क्षेत्र में कटरा नगर के निकट त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित है माता वैष्णो देवी का मंदिर (Vaishno devi temple)।
ये मंदिर कटरा से लगभग 12 किलोमीटर (7.45 मील) की दूरी पर त्रिकुटा पहाड़ियों के ऊपर 5,200 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है.
भारत में दक्षिन में तिरूमला वेंकटेश्वर मंदिर के बाद माता वैष्णो देवी का मंदिर दूसरा ऐसा धार्मिक तीर्थ स्थल है जहाँ सबसे अधिक भक्त दर्शन के लिए आते हैं ,
पूरे संसार में शायद ही ऐसा कोई हिन्दू होगा जो माता वैष्णो देवी के नाम से परिचित न हो और जो माता के भक्त हैं वो तो माता वैष्णो देवी के जयकारे लागते हुए माता के दर्शन करने ऊँची पहाड़ियों पर भी चढ़ जाते हैं
ऐसा कहा जाता है कि माता रानी का भवन (Vaishno devi temple) ठीक उसी स्थान पर है जहाँ माता ने भैरवनाथ का वध किया था।
प्राचीन गुफा के ठीक सामने भैरो का शरीर है और माता के द्वारा भैरो का वध होने का बाद उसका सिर उड़कर वहां से तीन किलोमीटर दूर घाटी में चला गया जिसे आज भैरो घाटी कहते हैं ।
जिस स्थान पर भैरवनाथ का सिर गिरा था आज उसी स्थान पर ‘भैरोनाथ के मंदिर’ बना हुआ है।
वैष्णो देवी ने भैरों का वध क्यों किया
वैष्णो देवी भैरवनाथ की लड़ाई
श्रीधर ने कन्या की बात मान अपने गाँव और आस-पास के क्षेत्रों में रहने वालो को भंडारे का निमंत्रण दे दिया। गांव के लोग ये सोचने लगे कि श्रीधर कैसे और किसके कहने पर सभी को भंडारे का निमत्रणं दे रहा है , लेकिन माता का भंडारा था इसलिए सभी ने निमंत्रण स्वीकार किया
भंडारे के लिए बुलाये गए सभी लोग श्रीधर के घर आने लगे तब श्रीधर ने सब को पंक्ति में बैठाया और एक सुंदर सी कन्या ने सब को भोजन परोसना शुरु कर दिया ।
भंडारे भैरवनाथ भी आ गए और जब भोजन परोसते हुए वो कन्या भैरवनाथ को भोजन परोसने आ गई तो भैरवनाथ बोले, “मै ये नही खाता हूँ ,मुझे मांस व मदिरा चाहिए ”
भैरो मंदिर या भैरवनाथ मंदिर
भवन से भैरोनाथ मंदिर के दर्शन रोपवे के द्वारा
पौराणिक कथाओं के अनुसार माता वैष्णो देवी के दर्शन के बाद सभी भक्तों को भैरोनाथ के दर्शन अवश्य करने चाहिए क्योंकि जब तक कोई भक्त माता वैष्णो देवी के दर्शन नही कर लेता है तब तक उसकी यात्रा पूरी नहीं मानी जाती है,
अब तक माता के दर्शन के बाद भौरोनाथ मंदिर जाना थोडा कठिन माना जाता था क्योंकि माता वैष्णो देवी के भवन (Vaishno devi temple) आते आते भक्त थक जाते है लेकिन अब भवन से भौरोनाथ मंदिर जाना बहुत सरल हो गया है ,
अब आप रोपवे के द्वारा माता के भवन से भैरोनाथ मंदिर मात्र 15 मिनट में पहुंच सकते हैं
माता वैष्णो देवी के भवन (Vaishno devi temple) से भैरोनाथ मंदिर तक की यात्रा रोपवे के द्वारा करने का किराया मात्र 100 रुपए है। अभी तक इस यात्रा को करने में 2 से 3 घंटे का समय लग जाता था .
वैष्णो देवी किसकी पत्नी है?
ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने जब राम के रूप में अवतार लिया तब देवी त्रिकूटा ने 9 वर्ष की आयु में राम को पति रूप में पाने के लिए तपस्या आरंभ कर दी।
जब सीता हरण के बाद भगवान राम सीता जी को ढूंढते हुए रामेश्वरम तट पर आयें तब प्रभु राम और त्रिकूटा की पहली भेंट हुई और उस समय देवी त्रिकूटा ने राम से उनको पति रूप में पाने की इच्छा व्यक्त की।
भगवान राम ने देवी त्रिकूटा से कहा कि हे देवी अपने इस जन्म में मैंने एक पत्नी व्रत रहने का संकल्प लिया है और मेरा विवाह सीता से हो चुका है इसलिए मैं आपसे विवाह कैसे कर सकता हूँ
तब देवी त्रिकूटा ने अत्यधिक अनुरोध करने पर श्री राम ने देवी त्रिकूटा से कहा कि लंका से लौटते समय मैं जब पुनः लौटूंगा तब यदि आप मुझे पहचान लेंगी तो मैं आपसे विवाह कर लूंगा।
श्री राम ने अपने वचनानुसार लंका से लौटते समय देवी त्रिकूटा के पास आए लेकिन भगवान राम को देवी त्रिकूटा पहचान नहीं सकी और दुखी हो गयी तब श्री राम ने कहा कि देवी आप त्रिकूट पर्वत पर एक गुफा है आप उसी गुफा में मेरी प्रतिक्षा कीजिए।
कलयुग में मै अवतार लूँगा और उस समय मैं आपसे विवाह करुंगा। उस समय तक हनुमान जी आपकी सेवा और रक्षा करेंगे और तब से ही माता वैष्णो देवी उनकी प्रतीक्षा कर रही हैं
वैष्णो देवी जाने का सही समय
अपनी शारीरिक स्थिति और क्षमता के अनुसार आप माता वैष्णो देवी की यात्रा का समय स्वंम निर्धारित कर सकते है वैसे ये मंदिर (Vaishno devi temple) पूरे वर्ष खुला रहता है, अक्टूबर और नवंबर यानि नवरात्र के समय के आस पास के समय यहाँ तीर्थयात्रियों की बहुत अधिक भीड़ होती है
वैसे मार्च से जून के बीच का समय यानि गर्मियों के मौसम माता वैष्णो देवी की की यात्रा के लिए सबसे सही माना जाता है क्योंकि मानसून का समय जुलाई से सितंबर तक बारिश के कारण लगातार भूस्खलन का डर बना रहता है
जबकि सर्दियों में दिसंबर से फरवरी के समय यहाँ का न्यूनतम तापमान माइनस में o डिग्री से भी कम यानि माइनस में चला जाता है और बर्फ बारी के कारण यात्रा कठिन हो जाती है लेकिन यदि आपको फोटोग्राफी या बर्फ बारी का आनंद लेना है तो सर्दियों का मौसम यानि शरद ऋतु सबसे अच्छी मानी गयी है।
वैष्णो देवी किसका अवतार है
माता वैष्णो देवी त्रेता में भगवान् विष्णु के अवतार प्रभु राम के समयाकालीन देवी त्रिकूटा का अवतार हैं
अर्धकुंवारी से सांझीछत
अर्धकुंवारी से सांझीछत की दूरी लगभग 3.25 किमी की है , सांझीछत पर आने के बाद आस पास की के पर्वतों का बड़ा ही मनोरम दृश्य देखने को मिलता है,
यदि आप सर्दियों के मौसम में जा रहें है तो यहाँ से बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों को देखने का आनंद ले सकते
वैष्णो देवी से भैरव बाबा की चढ़ाई
वैष्णो देवी (Vaishno devi temple) से भैरव बाबा की चढ़ाई ऊपर घाटी की ओर 3 किमी की है .
कटरा से वैष्णो देवी मंदिर की दूरी कितनी है
कटरा से माता वैष्णो देवी (Vaishno devi temple) की पैदल चढ़ाई है जो कटरा से माता के भवन तक लगभग 13 किलोमीटर और भैरो मंदिर तक 14.5 किलोमीटर है।
कटरा से अर्धकुमारी की दूरी
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड
माता वैष्णो देवी के दर्शन करने देश विदेश से लोग आते है ,जैसे जैसे माता वैष्णो देवी के भक्तों की संख्या बढ़ने लगी वैसे वैसे माता के भक्तो को इस यात्रा में अनेक प्रकार की कठिनाईयों का सामना होने लगा जैसे उनके रुकने , खाने पीने , स्नानादि की सुविधा , यात्रा में चोटिल हो जाने पर उपचार आदि में कठिनाई उत्पन्न होने लगी
80 के दशक में तो यहाँ लोग यात्रिओं को खान पान , रहने आदि की सुविधा दिलाने का नाम पर ठगने लगी तब यात्रियों की समस्या के समाधान और यात्रियों की सुविधा जनक यात्रा और दर्शनों के लिए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का गठन किया गया।
जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल महोदय इस बोर्ड के चेयरमैन होते हैं। आज बोर्ड में हजारों अधिकारी और कर्मचारी यात्रिओं की विभिन्न आवश्यकताओं जैसे उनके रुकने , खाने पीने , स्नानादि की सुविधा , यात्रा में चोटिल हो जाने पर उपचार आदि की व्यवस्थाओं का सुचारू रूप से संचालन करते हैं।
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड सरकार के नियत्रण में कार्यरत एक सरकारी संस्थान है।
कुछ लोग श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड में श्राइन शब्द को उर्दू या अरबी शब्द समझते हैं श्राइन शब्द उर्दू या अरबी शब्द नही है बल्कि ये एक इंग्लिश भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है पुण्य स्थल या तीर्थ स्थल या देवी देवता का मंदिर और मंदिर जैसा पवित्र स्थल
माता वैष्णो देवी (Vaishno devi temple) में रुकने की व्यवस्था
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के द्वारा यहाँ आपको रुकने की साफ सुथरी और बहुत ही सस्ती दर पर आवास की सुविधा मिल जाएगी ,
आप यहाँ श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के द्वारा संचालित जम्मू रेलवे स्टेशन पर स्थित वैष्णवी धाम,सरस्वती धाम या कटरा आने के बाद निहारिका कटरा और बस स्टैंड कटरा पर स्थित शक्ति धाम में रुक सकते हैं
यदि आप यहाँ न रुकना चाहे तो अद्धकुआरी, सांझी छत और मुख्य भवन में भी ठहरने की सुविधा उपलब्ध है। जहाँ बड़ी संख्या में रुकने की सुविधा उपलब्ध है
आप नीचे दिए गए link पर click करके यहाँ अपने रुकने के लिए AC / Non AC room या पर डॉरमैटरी बेड book
कर सकते हैं
ऑनलाइन बुकिंग लिंक Online booking link
यहाँ रुकने की दर इस प्रकार है जिसे श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के द्वारा परिवर्तित भी किया जा सकता है इसलिए आप booking करते समय confirm कर ले
उपलब्ध आवास का स्थान | उपलब्ध आवास के परिसर का नाम | उपलब्ध आवासीय कमरे का प्रकार | आवास किराया |
जम्मू | वैष्णवी धाम | दो बिस्तरों वाला,ए0सी0 | रुपये 1250/- |
सूइट,ए0सी0 | रुपये 1700/- | ||
डॉरमैटरी (प्रति बैड) | रुपये 100/- | ||
सरस्वती धाम | डॉरमैटरी (प्रति बैड) | रुपये 100/- | |
कालिका धाम | दो बिस्तरों वाला,ए0सी0 | रुपये 1700/- | |
डॉरमैटरी (प्रति बैड) | रुपये 150/- | ||
कटरा | निहारिका | दो बिस्तरों वाला,ए.सी. | रुपये 1450/- |
दो बिस्तरों वाला, ए.सी. डीलक्स | रुपये 1800/- | ||
चार बिस्तरों वाला,ए.सी. | रुपये 1700/- | ||
चार बिस्तरों वाला, ए.सी. डीलक्स | रुपये 2150/- | ||
शक्ति भवन | डॉरमैटरी (प्रति बैड) | रुपये 100/- | |
त्रिकुटा भवन | डॉरमैटरी (प्रति बैड) | रुपये 100/- | |
आशीर्वाद भवन | डॉरमैटरी (प्रति बैड) | रुपये 110/- | |
अद्धकुआरी | शारदा भवन | दो बिस्तरों वाला कमरा | रुपये 700/- |
शैलपुत्री भवन | डॉरमैटरी (प्रति बैड) | रुपये 120/- | |
सांझीछत | मंगला भवन | दो बिस्तरों वाला कमरा | रुपये 700/- |
डॉरमैटरी (प्रति बैड) | रुपये 100/- | ||
भवन | मुख्य भवन परिसर | दो बिस्तरों वाला कमरा | रुपये 1600/- |
चार बिस्तरों वाला | रुपये 2300/- | ||
वैष्णवी एवं गौरी भवन | दो बिस्तरों वाला कमरा | रुपये 900/- | |
चार बिस्तरों वाला | रुपये 1450/- | ||
छह बिस्तरों वाली हट | रुपये 1900/- | ||
मनोकामना भवन | डॉरमैटरी (प्रति बैड) | रुपये 120/- |
booking rate table source : श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड आधिकारिक वेबसाइट
कैसे पहुंचे वैष्णो देवी? How to reach Vaishno devi temple ?
माता वैष्णो देवी का मंदिर जम्मू महानगर में स्थित है इसलिए यहाँ आप बहुत ही सरलता से आ सकते है जिसमे आप अपनी सुविधा अनुसार वायु मार्ग , रेल मार्ग या सड़क मार्ग से यात्रा कर सकते हैं
कैसे पहुंचे वैष्णो देवी वायु मार्ग से ? How to reach Vaishno devi temple by flight
माता वैष्णो देवी का मंदिर कटरा नाम के स्थान पर स्थित है और यहाँ से निकटतम एयरपोर्ट जम्मू का सतवरी रानीबाग एयरपोर्ट Satwari Ranibagh Airport (IATA: IXJ, ICAO: VIJU) है
जोकि कटरा से लगभग 50 किलोमीटर दूर है। यहाँ आने के बाद आप रेलमार्ग या सड़कमार्ग से कटरा पहुँच सकते है जहाँ से आपको माता वैष्णो देवी यात्रा प्रारंभ करनी है ,
जम्मू से कटरा के बीच बस और टैक्सी सर्विस सदैव उपलब्ध रहती है।
कैसे पहुंचे वैष्णो देवी रेलमार्ग से ?
How to reach Vaishno devi temple by train
माता वैष्णो देवी के मंदिर की यात्रा रेलगाडी से करने के लिए आप चाहे तो जम्मू रेलवे स्टेशन अथवा कटरा रेलवे स्टेशन के लिए जाने वाली गाड़ी से यात्रा कर सकते हैं,
जम्मू रेलवे स्टेशन को जम्मू तवी रेलवे स्टेशन (Jammu Tawi (station code: JAT)) भी कहते है , से आपको रेलमार्ग या सड़कमार्ग से कटरा पहुँचने के लिए थोड़ी यात्रा करनी होगी जबकि कटरा रेलवे स्टेशन (Shri Mata Vaishno Devi Katra railway station (station code: SVDK)) पर आने के बाद आप पैदल या ऑटो – टैक्सी के माध्यम से कटरा चौक पर आ जायेंगे जहाँ से आपको माता वैष्णो देवी के मंदिर की यात्रा प्रारंभ करनी है
विभिन्न ट्रेनों का शुल्क और सीट उपलब्द्धता जाने के लिए यहाँ click करे IRCTC
कैसे पहुंचे वैष्णो देवी सड़कमार्ग से ?
How to reach Vaishno devi temple by road
माता वैष्णो देवी का मंदिर जम्मू महानगर में स्थित है जोकि जम्मू कश्मीर का एक प्रमुख नगर है इसलिए सड़क मार्ग से माता वैष्णो देवी आना बहुत ही सरल है
क्योंकि जम्मू देश के विभिन्न प्रमुख नगरो से सड़क मार्ग से भली भांति जुड़ा हुआ है , जम्मू होकर सड़क मार्ग से आप कटरा पहुंच जायेंगे और फिर वहां से त्रिकूटा की पहाड़ियों की चढ़ाई करनी है ।
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