Table of Contents
Kundli me Navmesh: कुंडली में नवम भाव के स्वामी नवमेश की विभिन्न भावों मे स्थिति 9th lord in 12 different houses
कुंडली मे नवम भाव भाग्य को निर्धारित करता है , ये हमारे जीवन की यात्राओं के विषय और हमारे जीवन मे प्राप्त उच्च शिक्षा के विषय मे भी बताता है । नवम भाव धर्म के प्रति रूचि और पिता की स्थिति भी बताता है , नवम भाव 3 rd भाव का सम सप्तक है और 3 rd भाव पराक्रम और छोटे भाई बहनों का होता है, ठीक उसी प्रकार कुंडली मे नवम भाव , लाइफ पार्टनर के पराक्रम और छोटे भाई बहनों को दर्शाता है ।
आइए अब जानते हैं
कुंडली में नवम भाव के स्वामी नवमेश की विभिन्न भावों मे स्थिति
Kundli me Navmesh: 9th lord in 12 different houses
नवम भाव का स्वामी ‘भाग्येश’ अथवा ‘नवमेश’
१:- नवम भाव अर्थात् भाग्य एवं धर्म-स्थान का स्वामी भाग्येश अथवा नवमेश यदि लग्न अर्थात् प्रथम भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति अत्यंत शूर-वीर, कृपण, अल्पभोजी, बुद्धिमान, राज- कर्मचारी एवं देवता तथा ब्राह्मणों को न मानने वाला होता है।
२:- नवम भाव का स्वामी भाग्येश यदि द्वितीय भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति सुशील, पुण्यात्मा, कांतिहीन मुख वाला, वात्सल्य युक्त, बैलों का व्यवसाय करने में चतुर तथा चतुस्पदों से पीड़ा पाने वाला होता है।
३:- नवम भाव का स्वामी भाग्येश यदि तृतीय भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति की पत्नी सुंदर होती है। वह भाई-बंधुओं से युक्त तथा उनसे स्नेह रखने वाला होता है।
४:- नवम भाव का स्वामी भाग्येश यदि चतुर्थ भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति पिता का भक्त माता का पालन करने वाला, पिता के कार्य में लगा रहने वाला, पुण्यात्मा तथा लोक में प्रसिद्ध व्यक्ति होता है।
५:- नवम भाव का स्वामी भाग्येश यदि पंचम भाव में बैठा हो तो व्यक्ति पुण्यात्मा, सुंदर स्वरूप वाला एवं देवताओं तथा ब्राह्मणों की पूजा करने वाला होता है। उसके पुत्र भी पुण्यात्मा होते हैं।
६:- नवम भाव का स्वामी भाग्येश यदि षष्ठ भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति अधूरा काम करने वाला, शत्रुओं के प्रति भी विनम्र बना रहने वाला एवं वेदांत आदि दर्शन शास्त्रों की निंदा करने वाला होता है।
७:- नवम भाव का स्वामी भाग्येश यदि सप्तम भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति की पत्नी सत्य बोलने वाली, सुशील, सुंदर स्वरूपवती तथा लक्ष्मीवती होती है।
८:- नवम भाव का स्वामी भाग्येश यदि अष्टम भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति दुष्ट स्व भाव वाला, जीवों का हिंसक, पुण्यहीन, ग्रह-विहीन तथा बंधु-विहीन होता है। यदि भाग्येश पाप ग्रह हो तो व्यक्ति नपुंसक होता है।
९:- नवम भाव का स्वामी भाग्येश यदि नवम भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति अपने भाई- बंधुओं से अत्यधिक प्रेम रखने वाला, दानी, देवता, गुरु, कुटुंबी तथा पत्नी आदि से स्नेह करने वाला होता है।
१०:- नवम भाव का स्वामी भाग्येश यदि दशम भाव में बैठा हो तो व्यक्ति राज्य कर्मचारी, माता-पिता का भक्त, शूर-वीर, धर्मात्मा तथा प्रसिद्ध पुरुष होता है।
११:- नवम भाव का स्वामी भाग्येश यदि एकादश भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति धर्मात्मा, धनी, दीर्घायु, सबसे प्रेम रखने वाला, सुपुत्रवान, पुण्यात्मा तथा राजा द्वारा धन प्राप्त करने वाला होता है।
१२:- नवम भाव का स्वामी भाग्येश यदि द्वादश भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति सुंदर शरीर वाला, विद्वान तथा विदेशों में आदर प्राप्त करने वाला होता है। यदि नवमेश पाप ग्रह हो, तो व्यक्ति धूर्त होता है।
निष्कर्ष :
साथियों हम आशा करते है कि ये पोस्ट “Kundli me Navmesh: कुंडली में नवम भाव के स्वामी नवमेश की विभिन्न भावों मे स्थिति 9th lord in 12 different houses” आपको अच्छी लगी होगी , आपकी अपनी वेबसाईट maihindu.com मे कुछ और सुधार लाने के लिए आपके सुझाव सादर आमंत्रित है ।
कुंडली विश्लेषण के लिए हमारे WhatsApp number 8533087800 पर संपर्क कर सकते हैं
अब यदि कोई ग्रह ख़राब फल दे रहा हो , कुपित हो या निर्बल हो तो उस ग्रह के मंत्रों का जाप , रत्न आदि धारण करने चाहिए ,
इसके साथ ही आप ग्रह शांति जाप ,पूजा , रत्न परामर्श और रत्न खरीदने के लिए अथवा कुंडली के विभिन्न दोषों जैसे मंगली दोष , पित्रदोष आदि की पूजा और निवारण उपाय जानने के लिए भी संपर्क कर सकते हैं
अपना ज्योतिषीय ज्ञान वर्धन के लिए हमारे facebook ज्योतिष ग्रुप के साथ जुड़े , नीचे दिए link पर click करें
***********
ये भी पढ़ें : Kundli me Saptmesh: कुंडली में सप्तम भाव के स्वामी सप्तमेश की विभिन्न भावों मे स्थिति 7th lord in 12 different houses
ये भी पढे :सूर्य और हमारा स्वास्थ्य 9 facts of Sun for good healthy life
ये भी पढे :अस्त ग्रह किसे कहते है-ग्रह अस्त होने का फल 9 combust planets results various obstacles
ये भी पढे : शनि देव (shani dev) तुला मे उच्च क्यों?saturn postive & negative impact
ये भी पढे :12 राशियों के अनुसार बिजनेस में लाभ प्राप्ति के उपाय profit in business as per zodiac sign
**************
ये भी पढे : कुंडली में शुभ योग: इन 7 योग में उत्पन्न व्यक्ति ,कीर्तिवान,यशस्वी तथा राजा के समान ऐश्वर्यवान होता है
ये भी पढ़े : स्त्री की कुंडली में चंद्रमा का प्रभाव stri ki kundli me chandrama-13 moon effects in female horoscope
ये भी पढे : मंगला गौरी स्तुति- Mangla Gauri Stuti in hindi मांगलिक दोष को दूर करने का उपाय
ये भी पढे : स्त्री की कुंडली में गुरु 12 houses of Jupiter in females horoscope
आप पढ़ रहे हैं Kundli me Navmesh: कुंडली में नवम भाव के स्वामी नवमेश की विभिन्न भावों मे स्थिति 9th lord in 12 different houses